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    आपका पत्र मिला 2015-06-10
    2015-06-10 16:18:41 cri

    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    मीनू:सभी श्रोताओं को मीनू का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के कार्यक्रम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    अनिल:चलिए श्रोताओं के पत्र पढ़ने का सिलसिला शुरू करते हैं। पहला पत्र हम पढ़ते हैं पश्चिम बंगाल से हमारे मोनिटर रविशंकर बसु जी का। उन्होंने लिखा है.....

    आदरणीय महोदय/ महोदया,सादर नमस्कार। देश-दुनिया के ताज़ा समाचारों के अलावा चीन को करीब से जानने के लिय मैं सीआरआई हिंदी सेवा के वेबसाइट को नियमित रूप से विजिट करता हूं,बहुत ही आकर्षक,रोचक और ज्ञानवर्धक है। मैं तो कहूंगा कि एक प्रकार से यह ज्ञान का खज़ाना है ,जो कभी भी समाप्त नहीं होगा। इसका उपयोग चाहे जितना भी करें या जितना भी विजिट करे।वेबसाइट पर "टॉप न्यूज़", "चीन का भ्रमण","चीन का तिब्बत","चीन की झलक","टी टाइम","आज का लाइफस्टाइल" और "आपका पत्र मिला" लिंक मुझे सर्वाधिक पसंद है। चीन के विभिन्न क्षेत्रों के सांस्कृतिक विविधता, खानपान, रीति-रिवाज, रहन-सहन, पर्यटन विकास की सारी जानकारी चीन की झलक पेज से विस्तार से मिलती है।

    पिछले 29 मई,2015 शुक्रवार को चंद्रिमा जी द्वारा पेश किये गए चीन का 25वां राष्ट्रीय विकलांग दिवस को लेकर एक विशेष पेशकश की। इस कार्यक्रम सुनकर मैं बहुत ही प्रभावित हुई। 17 मई को चीन में 25वां राष्ट्रीय विकलांग दिवस है। इस उपलक्ष्य में आपके वेबसाइट पर दिनेश जी द्वारा सम्पादित चीन के एक विकलांग जोड़ा के नौ फोटो भी प्रकाश करने के लिए मैं हिंदी विभाग को धन्यवाद देता हूं। फोटों के साथ संक्षिप्त रिपोर्ट (अगर तुम नहीं होते :2015-05-14 19:12:55 cri) के मुताबिक वे विकलांग जोड़ा ने अपनी ताकत से समाज़ में अन्य विकलांग लोगों की मदद करता है जो वाकई एक महत्वपूर्ण प्रयास है। लेकिन आपने उक्त विकलांग दम्पति को बारे में और कुछ नहीं बताया। कृप्या उनके बारे में विस्तृत वृतान्त आपकी वेबसाईट पर डालेंगे तो हम उनके के बारे में और ज्ञान हासिल करेंगे।

    मीनू:आगे बसु जी लिखते हैं.....सीआरआई के एक पुराने श्रोता होने के नाते मैं यहां पर उल्लेख करना चाहूंगा कि चीन के विकलांग प्रतिभूति कानून की धारा 48 में हर वर्ष के मई माह के तीसरे रविवार को विकलांग दिवस मनाना निर्धारित हुआ है। वर्ष 1990 में चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के अधिवेशन में यह कानून अनुमोदित हुआ और 15 मई,1991 से कार्यकारी है। तब से अब तक मनाये गये विकलांग दिवसों के विषयों में चीन में विकलांग प्रतिभूति कानून का प्रचार,विकलांगों को सहायता का विस्तार, विशेष विकलांग खेल समारोह, विकलांगों के रोगों की रोकथाम और उनमें स्वास्थ्य का प्रचार,विकलांगों की निर्धनता का उन्मूलन शामिल रहे। इस दिन चीन के अनेक कंपनियों और लोगों ने भी विकलांगों को चंदे के रूप में धन और सामग्री प्रदान करते है। चीन सरकार विकलांगों के कल्याण पर भारी ध्यान देती है और उन के अधिकारों व हितों की प्रतिभूति के प्रयास करती है। विकलांगों को चीन सरकार से सहायता मिलती है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकलांगों को आयकर को मुक्त रखा गया है।

    उल्लेखनीय है कि प्रत्येक वर्ष 3 दिसंबर को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा विश्व विकलांग दिवस या विकलांग व्यक्तियों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्वभर में यह दिवस शारीरिक रूप से अक्षम लोगो को देश की मुख्य धारा में लाने के लिए मनाया जाता है। पूरी दुनिया में एक अरब लोग विकलांगता के शिकार हैं। अधिकांश देशों में हर दस व्यक्तियों में से एक व्यक्ति शारीरिक या मानसिक रूप से विकलांग हैं। इनमें कुछ संवेदनाविहीन व्यक्ति भी हैं।

    अनिल:अंत में बसु जी ने लिखा है....हमारे भारत में भारत‌ सरकार ने 1990 में विकलांग सहायता एवं पुनर्वास योजना प्रारंभ की है|इसे राष्ट्रीय प्रकल्प का दर्जा दिया गया है। सरकार विकलांग लोगों को नौकरियों में, शिक्षा संस्थानों में आरक्षण की सुविधा देती है। अक्षम बच्चों के लिए 18 वर्ष की उम्र तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। विकलांग बच्चों के लिए स्कूल तक आवागमन की सुलभ व्यवस्था और परीक्षा प्रणाली में आवश्यक संशोधन के भी निर्देश दिए गए हैं। सभी शासकीय शिक्षण संस्थाओं और सरकारी अनुदान प्राप्त शिक्षा संस्थाओं में तीन प्रतिशत स्थान विकलांग विद्यार्थियों के लिए आरक्षित रखना अनिवार्य है। सरकार ने शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों के आर्थिक स्वावलंबन का भी ध्यान रखा है।

    अंत में मैं यह बोलना चाहता हूं कि विकलांग होना बुरी बात नहीं है। मुझे कभी नहीं लगता है कि विकलांग लोग हमारे समाज कि बोझ है और उन लोगों को बोझ मानना भी ठीक नहीं है। उन लोग भी हमारी तरह इंसान है। यहां पर मुझे अंग्रेज कवि John Keats को एक कविता की लाइन याद आई :"beauty is truth, truth beauty"("Ode on a Grecian Urn")।उन्हें हमारी सहानुभूति नहीं चाहिए,उन्हें हमारी प्यार और सम्मान की बहुत ही ज़रूरत है। मेरे विचार में विकलांग सिर्फ एक शब्द है। अगर हम सच्ची दिल से ,सच्ची प्यार से इस शब्द को देखेंगे तो इस में भी सुन्दरता की खोंज पाएंगे।

    मीनू:बसु, हमें बहुत खुशी है कि आपने हमारे राष्ट्रीय विकलांग दिवस के बारे में एक विशेष पत्र भेज दिया है। इस के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद। चलिए, अगला पत्र मेरे हाथ आया है बिहार से ज़ीशान नाईयर जी का। उन्होंने लिखा है....

    नमस्कार सीआरआई हिंदी की पूरी टीम, मेरा यह सीआरआई हिंदी को पहला पत्र है। लेकिन सीआरआई हिंदी को मैं वर्ष 2008 से सुन रहा हुं। और पहली बार लिख रहा हुं। उम्मीद है आप ऐसे samil करने, मुझे सीआरआई से प्रसारित सभी कार्यक्रम बहुत अच्छे लगते हैं। चाहे विश्व सामाचार हो या चीन का भ्रमण चीन की झलक, खेल जगत, आप की पसंद टोप फाइव, और मेरा पसंदीदा कार्यक्रम आप का पत्र मिला कभी मिस नहीं करता और आप द्वारा प्रसारित कार्यक्रम रेडियो पर बहुत साफ सुनाई देती है।

    अनिल:ज़ीशान नाईयर जी, हमें पत्र भेजने के लिए आप को बहुत बहुत धन्यवाद। अगला पत्र हमें भेजा है पश्चिम बंगाल से देवशंकर चक्रवर्त्ती जी ने। उन्होंने लिखा है.....आदरणीय महोदय/ महोदया, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। आशा है आप सब स्वस्थ एवं प्रसन्न होंगे।

    मैं हमारे न्यू हराइज़न रेडियो लिस्नर्स क्लब की सांस्कृतिक संपादक हूँ। मैं वर्ष 2009 से आपका नियमित श्रोता हूं। मैं बराबर आपकी वेबसाइट विजिट करता हूं। आप लोग रेडियो के साथ साथ वेबसाइट के माध्यम से चीन के राजनीतिक,सामाजिक ,आर्थिक एवं सांस्कृतिक ढांचे को अच्छी ढंग से प्रस्तुत करते हैं। आपकी वेबसाइट भारत तथा चीन के लोगों को आपस में एक दूसरे से जोड़ती है।

    पिछले 25 मई ,2015 को आपका प्रोग्राम रेडियो के अलावा इंटरनेट पर भी सुना। सबसे पहले तो मैडम श्याओ यांग जी को मैं बहोत बहोत धन्यवाद देना चाहूंगा क्योंकि उन्होंने ने साप्ताहिक "चीन का भ्रमण" प्रोग्राम में थ्येनआनमन द्वार के इतिहास पर प्रकाश डाला है वो हमारे लिए,हम श्रोताओं की चीन की झलक के लिए बहोत ही अच्छी और कामयाब गाइड है।

    थ्येनआनमन द्वार और थ्येनआनमन चौक के बारे में पहले मुझे ज्यादा जानकारी नहीं था,पर अब आपके प्रोग्राम के माध्यम से मुझे बहुत कुछ जानने को मिला। इसका इतिहास 500 वर्षों से ज्यादा है और यह बहुत ही राजवंशों के शाही अधिकार का प्रतीक भी है।

    यह स्थान पहले आम प्रजा के लिए निषिद्ध था और थ्येनआनमन शाही निषिद्ध नगर का मुख्य द्वार है। शुरू में शाही आज्ञा जारी करते समय,विवाह व पूजा और युद्ध के लिए प्रस्थान के मौके पर चीनी सम्राट इसी थ्येनआनमन द्वार पर शानदार समारोह का आयोजन करते थे।थ्येनआनमन द्वार निषिद्ध नगर के न्य द्वारों की तुलना में कहीं ज्यादा शानदार व भव्य है।इस द्वार की कुल ऊंचाई 34.7 मीटर है। पहली अक्तूबर 1949 को स्वर्गीय माओ त्से तुंग ने थ्येनआनमन द्वार के भवन पर पांच सितारों वाला लाल झंडा फहराकर यह घोषणा की कि चीन लोक गणराज्य की स्थापना हो गई है। तब से थ्येनानमन द्वार राजधानी पेइचिंग और नए चीन का प्रतीक बन गया।

    मीनू:आगे चक्रवर्त्ती जी लिखते हैं.....यह प्रोग्राम सुनके मुझे भी दिल कर रहा है थ्येनआनमन चौक पर खड़ा होकर अपनी आँखों से गगनचुम्बी ईमारत को देखने के लिए। मैं आशा करता हूं कि एक न एकदिन आपकी दौलत से मेरा यह स्वप्न ज़रूर पूरन होगा । चीन के इन महत्वपूर्ण स्थल से रूबरू कराने हेतु हार्दिक साधुवाद।

    पिछले 26 मई मंगलवार को साप्ताहिक "टी टाइम" प्रोग्राम का ताज़ा अंक भी काफी सूचनाप्रद लगा। इस प्रोग्राम में बिहार के भोजपुर जिले का रतनपुर गांव में शादी में बंदरों के उत्पात को लेकर दी गई जानकारी मुझे काफी इंटरेस्टिंग लगी। 28 मई बृहस्पतिवार को "आज का लाइफस्टाइल" प्रोग्राम में चीनी योगी योग सेंटर के योगी मोहन के साक्षात्कार प्रसारित करने लिए मैं हिंदी विभाग को धन्यवाद देता हूं। 29 मई शुक्रवार को चंद्रिमा जी द्वारा चीन का 25वां राष्ट्रीय विकलांग दिवस को लेकर एक विशेष पेशकश वाकई बहुत ही हृदय स्पर्शी लगा।30 मई शनिवार को "आपकी फरमाईश,आपकी पसंद" प्रोग्राम में बिहार के एक मरीज के पेट से दुनिया का सबसे बड़ा किडनी ट्यूमर निकालना सम्बन्धी समाचार काफी आश्चर्यजनक लगा।

    अनिल:अगला पत्र मेरे पास आया है बिहार से अबधेश कुमार मंडल जी का। उन्होंने लिखा है....

    CRI के सभी उदघओषकोँ एवं श्रोताओं को मेरा साधुवाद। मैं cri का कर्यक्रम करिब 10 महिनों से सुन रहा हुँ। cri के द्वारा प्रसारित सभी प्रकार के कार्यक्रम मुझे बहुत अच्छा लगता है। और प्रतिदिन चौथा कार्यक्रम 9:30 से 10:30 तक सुनता हूं। cri का विभिन्न कार्यक्रम जैसे sunday ki masti, aaj ka life style , tea-time,HEALTH-TIPS, दक्षिन एशिया फोकस , अजब-गजब की जानकारियां, jokes सभी बहूत अछा लगता है। इसके बाद समय-समय पर प्रमुख हस्तियों का साक्षात्कार भी अछा लगता है। आज के sunday ki masti कार्यक्रम के अन्तर्गत नवविवाहिता के द्वारा उनके कुटुम्ब- जनों से प्राप्त सभी उपहार को अस्वीकार कर दिया जाना और इसके बदले सौचालय बनवाने की सलाह देना, बहुत अछा लगा। इसके बाद राजस्थान के अजमेर स्थीत ख्वाजामुइनुद्दीन चिस्ती की दरगाह के बारे में दी गइ जानकारियां ज्ञानवर्धक रहा। जो हिन्दू-मूस्लीम एकता का द्यौतक भी है।

    फिर नारद ऋषि के द्वारा ब्रह्मा जी से पूछा गया प्रश्न कि देवता और दानव मे श्रेष्ठ कौन है? और ईसका संक्षिप्त विश्लेषन बहूत रोचक लगा। चूटकूलों मे दो चूटकूले तो सामान्य स्तर का था लेकिन सलमान खान वाला हीट रहा।

    और अंत में तथागत बुद्ध के द्वारा बगैर बल-प्रयोग के ही तकनीकि-ज्ञान के आधार पर शक्तिशाली नकली सून-ऊखून का पकरा जाना काफी दिलचस्प लगा। धन्यवाद!

    मीनू:अबधेश कुमार मंडल जी, हमें पत्र भेजने और अपनी बात हम तक पहुंचाने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद। अगला पत्र अब पढ़ा जा रहा है पश्चिम बंगाल से धीरेन बसाक जी का। उन्होंने लिखा है.....चाय़ना रेडिओ इन्टारनाशनाल, आपका पत्र मिला। प्रिय़ दादा अर दिदि , आप सबको हार्दिक अभिनन्दन करता हूं। मैं आपके कार्यक्रम निय़मित रूप से सुनता हुं। 3.6.2015 तारिख को जय़ कुमार जी को मुलाकात मुझे अच्छा लगा । मैत्री दिदि का कार्यक्रम पश्चिम की तीर्थ यात्रा कहानी निय़मित रूप से सुनता हूं एवं अच्छा लगा।

    अनिल:अगला पत्र हम पढ़ते हैं बिहार से शंकर प्रसाद शंभू जी का। उन्होंने लिखा है.....Aaj aapke dwara bheja gaya Setu Sambandh magazine registerd daak se mila paakar behad khusi mili ! Yah patrika bahut hi sundar evam aakarsak hai ! Hamlog apne club ke sabhi sadasya ise bari-bari se padh rahe hai !

    20 May 2015 ko praatah 8:00 baje bagal ke gaon Afjala me mere club ke 5 sadasya Ravindra Kumar, Amardeep Mukhiya, Indra Kumar, Deepak Kumar aur mai Aadars Jeevika Self Help Group ke sabhi sadasyon ke saath baithak kiye evam subah 8:30 se 9:30 baje tak CRI ka karyakram sunate hue ise niyamit sunne ke liye prerit kiye ! Upasthit 21 logon me se 13 log CRI ka karyakram sunne ka bachan liye hai ! Tea Time me prasaarit rochak jaankari me sukraanu chori aur train ko binaa driver ke ulti disa me chalnaa hasaane wali samaachar thi ! Australia me chamgaadar ka aspataal aur Health Tips me brean hembrez ki jaankari ko sabhi ne pasand kiyaa hai !

    मीनू:शंकर प्रसाद शंभू जी, आपको बहुत बहुत शुक्रिया हमें पत्र भेजने और अपनी प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाने के लिए। चलिए, आग बढ़ते हैं झारखंड से लोकेश कुमार जी का पत्र। उन्होंने लिखा है....हिंदी विभाग, सी आर आई।

    दिनांक 29 मई 2015 की रात्रि भारतीय समय 9.30 से 10.30 बजे की सभा में समाचारों के बाद चीन के 25 वें राष्ट्रीय विकलांग दिवस नेत्रहीनता के शिकार लोगों पर चंद्रिमा जी द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम रोचक लगा श्री ल्यू ची फिन की हारमोनिका संगीत टीम की जानकारी पाकर उन पर गर्व हुआ। सपना जी की प्रस्तुति द. एशिया फोकस में भारत में नई सरकार के एक साल पुरा होने पर मथुरा में श्री मोदी की सभा का भाषण सुना और अमर उजाला के व. सम्पाद्क के विचार सुने । हिंदी गीत तेरी जुस्तजू के बाद मैत्री शर्मा प्रस्तुत पश्चिम की तीर्थ यात्रा के अंतर्गत कहानी अच्छी लगी ।

    अनिल:अंत में आप को सुनाया जा रहा है ओड़िशा से हमारे मोनिटर सुरेश अग्रवाल जी का पत्र। उन्होंने लिखा है....5 जून को सीआरआई हिन्दी का ताज़ा प्रसारण रोज़ाना की तरह आज भी शाम ठीक साढ़े छह बजे मैंने अपने तमाम मित्रों और परिजनों के साथ मिलकर शॉर्टवेव 9450 किलोहर्ट्ज़ की आवृत्ति पर पूरे मनोयोग से सुना और अब मैं उस पर अपनी त्वरित टिप्पणी आप तक पहुँचाने अपने कम्प्यूटर के समक्ष बैठा हूँ। बिजली और संचार ने साथ दिया तो कुछ ही क्षणों में हमारी बात आप तक पहुँच जायेगी। बहरहाल, ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों के बाद पेश साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत आज दक्षिण-पश्चिमी चीन के सछवान प्रान्त स्थित आपा प्रिफैक्चर की रांगथांग काउन्टी में च्योनान तिब्बती ओपेरा के संरक्षण हेतु किये जा रहे प्रयासों पर महती रिपोर्ट सुनने को मिली। कार्यक्रम सुन यह भी पता चला कि तिब्बती बौध्द-धर्म छह सम्प्रदायों में बंटा हुआ है। च्योनान ओपेरा को बचाने हेतु उत्तराधिकारी लेथे द्वारा किये जा रहे प्रयासों के लिये वह साधुवाद के पात्र हैं। यह जान कर भी अच्छा लगा कि जहाँ सामान्यतः बौध्द-भिक्षु मठों में तपस्या करते और चरवाहे पशु चराते हैं, परन्तु आवश्यकता पड़ने पर सभी एकत्र होकर नाटक का अभ्यास करते हैं। नाटकविधा में युवाओं की रूचि केवल तिब्बत ही में नहीं, पूरे विश्व में घट रही है, इसलिये हमें अपनी इस अमूल्य धरोहर को संजोकर रखने की ज़रूरत है।

    कार्यक्रम के अगले भाग में "तिब्बत का आकर्षण शहर ल्हासा" शीर्षक रिपोर्ट सुन कर पता चला कि चीन में भूदासों की मुक्ति के बाद ल्हासा शहर में किस क़दर खुशहाली आयी है। आज वहां शिक्षा, भोजन, आवास, शिक्षा और चिकित्सा जैसी मूलभूत सुविधाएँ नागरिकों को आसानी से सुलभ हैं। इस परिप्रेक्ष्य में ल्हासा शहर के शीर्ष नेता शीचाला के विचार काफी महत्वपूर्ण लगे। महती पेशकश के लिये धन्यवाद।

    कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत भारत में पड़ी तेज़ गर्मी और उसके कारण बड़ी तादाद में हुई मौतों पर लाइव इण्डिया के वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी के विचार काफी उचित जान पड़े। वास्तव में, औद्योगीकरण के अंधी दौड़ में हमारा पर्यावरण संतुलन बुरी तरह गड़बड़ा गया है और जिसके चलते ऐसी असामान्य परिस्थिति पैदा होती है, इसमें दोराय नहीं। मुझे चतुर्वेदीजी की वर्त्तमान में मीडिया उभार के दौर और उसकी अतिरंजना के चलते मीडिया के मूलचरित्र नष्ट होने वाली बात सौ फ़ीसदी सही जान पड़ी। नौकरशाही का लीक से हट कर न चलने की बात और पूरी व्यवस्था पर उसके भारी पड़ने वाली बात भी बिलकुल सही प्रतीत हुई। वैसे प्रतापगढ़, उत्तरप्रदेश की एक ग्रामप्रधान द्वारा मनरेगा के तहत रोस्टर टाइमिंग में बदलाव के सुपरिणामों की जानकारी काफी उत्साहवर्धक लगी। धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिये।

    श्रृंखला "पश्चिम की तीर्थयात्रा" की कड़ी में आज राक्षसी द्वारा कदली व्यजन झलने से वानर का उड़ जाना और फिर किसी तरह लघु सुमेरु पर्वत पर पहुँच जाना और फिर सुबह मठ से घण्टे की आवाज़ सुन उसके वहां पहुँचने पर बोधिसत्व लिंगची से उसकी मुलाक़ात की घटना ने वानर में फिर से एक उम्मीद जगा दी। बोधिसत्व द्वारा महामनीषी को अपनी वायुस्तम्भक बटी प्रदान कर आगे की योजना समझाने के बाद वह पुनः हरितमणि मेघ पर्वत पर जा राक्षसी को ललकारता और पंखा देने को कहता है। अब आगे क्या होता है, देखना है। धन्यवाद।

    मीनू:अब सुनिए हमारे श्रोता राजेश कुमार मिशरा के साथ हुई बातचीत।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और मीनू को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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