Web  hindi.cri.cn
    आप की पसंद 150314
    2015-03-16 16:35:48 cri

    14 मार्च 2015 आपकी पसंद

    पंकज - नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं।

    अंजली – श्रोताओं को दिनेश का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईश पत्र लिख भेजा है ... लालूचक भागलपुर बिहार से विष्णु कुमार चौधरी, श्रीमती गायत्री देवी, आरती कुमारी, सागर और बादल ने साथ में इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है जुर्माना फिल्म का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 1. छोटी सी एक कली खिली थी ... .

    पंकज - दुनिया के सफ़र पर निकला सौर ऊर्जा विमानसौर ऊर्जा से चलने वाले विमान सोलर इम्पल्स 2 ने सोमवार को अबूधाबी से दुनिया के सफ़र की अपनी उड़ान शुरू कर दी.

    अगर ये विमान अपनी यात्रा पूरी कर लेता है तो ये एक रिकॉर्ड होगा.

    अबूधाबी से अपना सफ़र शुरू करने वाला ये विमान म्यांमार, हवाई, चीन, न्यूयॉर्क से उड़ता हुआ वापस अबू धाबी ही लौटेगा.

    पांच महीने की अपनी यात्रा में ये विमान सभी महाद्वीपों की सैर करेगा. इस दौरान ये प्रशांत और अटलांटिक महासागरों को भी पार करेगा.

    कैसा है विमान?

    सोलर इम्पल्स कंपनी के इस वन सीटर विमान के पंखों में सोलर पैनल लगे हैं और इसका वज़न एक कार जितना है.

    इस कंपनी के संस्थापक दो पायलट हैं जो इस विमान को बारह चरणों में उड़ाएंगे और इस दौरान वे सौर ऊर्जा के अलावा और किसी ईंधन का इस्तेमाल नहीं करेंगे.

    उनका मकसद पुरानी पर्यावरण दूषित करने वाली तकनीक की जगह नई और साफ़ तकनीक लाना है. इसमें लगी बैटरी सूरज की रोशनी से चार्ज होंगी ताकि उनकी मदद से रात में उड़ान भर सके।

    अंजली– ये वाकई एक अनोखी पहल है, ये पायलट अपने सोलर इम्पल्स विमान को जहां पर भी लेकर जा रहे हैं वहां पर चार से पांच दिनों तक ज़रूर रुक रहे हैं, और वहां पर स्थानीय लोगों को भी इस विमान को देखने के लिये बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ रही है। इन लोगों का उद्देश्य लोगों को गैर पारम्परिक ऊर्जा के स्रोतों के बारे में जागरूक करना है, साथ ही स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से आने वाली पीढ़ी के लिये एक प्रदूषण रहित वातावरण तैयार करना है जिससे भविष्य में लोग कम बीमारियों से ग्रसित रहें और एक स्वस्थ और सुलभ जीवन जीयें, वैसे भी पूरी पृथ्वी पर जितने भी जैविक ऊर्जा के साधन हैं वो अधिक समय तक नहीं चल सकते इसके लिये एक बेहतर विकल्प ढूंढना अत्यंत आवश्यक है जिसपर भविष्य की आधारशिला रखी जा सके। इसी के साथ मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है शनिवार पेठ बीड शहर महाराष्ट्र से पोपट कुलथे, हनुमंत कुलथे, समर्थ कुलथे, पी बी कुलथे और समस्त कुलथे परिवार ने इनके साथ ही हमें पत्र लिखा है नारेगांव औरंगाबाद महाराष्ट्र से दीपक आडाणे, श्याम आडाणे और समस्त परिजनों ने आप सभी ने सुनना चाहा है आनंद और आनंद फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार, आशा भोंसले और अभिजीत भट्टाचार्य ने गीतकार हैं अंजान, संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 2. वादों की शाम आई ....

    पंकज – मित्रों अब हम आपको एक और अनोखी जानकारी देने जा रहे हैं जो है कैंसर 'सूंघ' लेने वाले कुत्ते के बारे में। अमरीकी शोधकर्ताओं के अनुसार एक कुत्ता थायरॉयड कैंसर सूंघने में सफल रहा।

    फ्रैंकी नाम के इस कुत्ते ने जिन लोगों में कैंसर की पहचान की है, उनकी बीमारी के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी।

    शोधकर्ताओं ने 34 मरीजों पर प्रयोग किया। फ्रैंकी को कैंसर का पता लगाने में 88 प्रतिशत सफलता मिली।

    एंडोक्राइम सोसाइटी की एक सालाना बैठक में इस प्रयोग के परिणाम की घोषणा करते हुए शोधदल ने कहा कि इस कुत्ते में 'सूंघने की अद्भुत क्षमता' है।

    कैंसर रिसर्च, यूके ने कहा कि कुत्ते का प्रयोग करना अव्यावहारिक होगा लेकिन कुत्ते द्वारा रसायनों को सूंघने की क्षमता के पता लगने से नए प्रयोगों की दिशा खुल सकती है।

    थायरॉयड ग्रंथि मनुष्य के गले में पाई जाती है। इसका काम शरीर का उपापचय (मेटाबॉलिज्म) नियमित करना है।

    सूंघने की अविश्वसनीय क्षमता

    थायरॉयड कैंसर विलक्षण है। आमतौर पर इसकी पहचान मनुष्य के रक्त में हार्मोन के स्तर की जाँच और सुइयों के ज़रिए कोशिकाओं को निकालकर उनकी जाँच करके की जाती है।

    कैंसर में कोशिकाएँ ख़राब और अनियंत्रित हो जाती हैं. इनमें विशिष्ट तरह के रसायन बनने लगते हैं और इनसे शरीर में 'अस्थिर कार्बनिक यौगिक' स्रावित होते हैं।

    अंजली– हम आगे भी ये चर्चा जारी रखेंगे लेकिन उससे पहले मैं आप सभी को कार्यक्रम का अगला गाना सुनवा देता हूं। इस गाने के लिये हमारे पास फरमाईशी पत्र आया है आबगिला गया, बिहार से जिसे लिखा है बाबू रेडियो श्रोता संघ के मोहम्मद जावेद खान, ज़रीना खानम, मोहम्मद जामिल खान , रज़िया खानम, शाहिना परवीन, खाकशान जाबीन, बाबू टिंकू, जे के खान, बाबू, लड्डू, तौफीक उमर खान और इनके साथ ही केपी रोड गया बिहार से ही हमें पत्र लिखा है मोहम्मद जमाल खान मिस्त्री, शाबिना खातून, तूफानी साहेब, मोकिमान खातून, मोहम्मद सैफुल खान, ज़रीना खातून और इनके ढेर सारे मित्रों ने आप सभी ने सुनना चाहा है नामुमकिन फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 3. ऐ ज़िदगी हुई कहां भूल ....

    पंकज - पेट और फेफड़े के कैंसर का पता लगने के मामले में पहले भी कुत्तों का सफल प्रयोग किया जा चुका है.

    कुत्तों में सूंघने की क्षमता मनुष्यों से 10 गुना ज़्यादा होती है और कुत्ते कैंसर से आने वाली विशेष गंध को पहचान सकते हैं.

    फ्रैंकी और परीक्षण

    इससे पहले यूनिवर्सिटी ऑफ़ आर्कांसस फ़ॉर मेडिकल साइंसेज़(यूएएमएस) ने अपने एक प्रयोग में दिखाया था कि प्रशिक्षित कुत्ते थॉयरॉयड से पीड़ित लोगों और स्वस्थ लोगों के पेशाब की गंध के आधार पर फर्क कर सकते हैं.

    इसके बाद बारी थी कुत्तों के सीधे उपचारात्मक परीक्षण में प्रयोग की.

    फ्रैंकी को प्रशिक्षित किया गया था कि अगर मरीज़ के पेशाब के नमूनों में थायरॉयड कैंसर की गंध हो तो वो वहीं लेट जाए और अगर न हो तो वो वहाँ से हट जाए.

    प्रयोग में शामिल होने वाले सभी 34 लोग परंपरागत जाँच के लिए अस्पताल में जाने वाले थे. जर्मन शेफर्ड नस्ल के फ्रैंकी ने 34 लोगों में से 30 मरीज़ों की सही पहचान कर ली.

    दो लोगों की उसने ग़लत तरीके से कैंसर का मरीज के रूप में पहचान की और दो लोगों को उसने ग़लती से स्वस्थ व्यक्ति के रूप में पहचान की.

    अंजली – ये जानकारी बहुत काम की थी, लेकिन वैज्ञानिकों को ऐसे तरीके ढूंढने चाहिए जिससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी होने से पहले ही मरीज़ को उसके बारे में पता चल जाए और समय पर इलाज कराकर उसका जीवन बचाया जा सके। खैर अब मैं उठा रहा हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है कापशी रोड अकोला महाराष्ट्र से संतोषराव बाकड़े, श्रीमती ज्योतिताई बाकड़े, कुमारी दिपाली बाकड़े, पवनकुमार बाकड़े और समस्त बाकड़े परिवार ने आप सभी ने सुनना चाहा है खेल खेल में फिल्म का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गीतकार हैं गुलशन बावरा और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 4. खुल्लम खुल्ला प्यार करेंगे हम दोनों ....

    पंकज - इथोपिया में मिला 'पहले मानव' का जीवाश्मवैज्ञानिकों ने मानव के निचले जबड़े का 28 लाख साल पुराना जीवाश्म ढूंढ निकाला है.

    इथियोपिया में मिला हड्डियों का यह जीवाश्म, मानव की उत्पत्ति के शोधकर्ताओं के अनुमान से भी चार लाख साल पुराना है. दावा किया जा रहा है कि यह मानव जाति की सबसे पहले हुई शुरुआत के समय का जीवाश्म है.

    अफ़ार प्रदेश के लीडी गेरारू रिसर्च एरिया से इस जीवाश्म को एक इथोपियाई छात्र शालाशेऊ सेयूम ने खोजा. सेयूम ने बीबीसी को बताया कि इस देखकर वो 'हैरान' रह गए थे.

    वैज्ञानिकों के दल के मुखिया ने बीबीसी को बताया कि मानव जाति के विकास की यह सबसे पहली महत्वपूर्ण कड़ी पर प्रकाश डालता है. जलवायु परिवर्तन की वजह से मनुष्यों ने पेड़ पर रहने की बजाय ज़मीन पर रहना और सीधे चलना शुरू किया था।

    अंजली – मित्रों कार्यक्रम का अगला पत्र हमें लिख भेजा है हमारे पुराने और चिर परिचित श्रोता नेआदर्श श्रीवास रेडियो श्रोता संघ ग्राम लहंगाबाथा, पोस्ट बेलगहना, ज़िला बिलासपुर, छत्तीसगढ़ से इस पत्र को लिखा है पारस राम श्रीवास ने जो अध्यक्ष भी हैं रेडियो श्रोता संघ के, इनके साथ समस्त श्रीवास परिवार के सदस्यों ने भी हमें पत्र लिखा है आप सभी ने सुनना चाहा है परवाना फिल्म का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी और आशा भोंसले ने गीतकार हैं कैफ़ी आज़मी, संगीत दिया है मदनमोहन ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 5. जिस दिन से मैंने तुमको देखा है ....

    पंकज - पहला मानव?

    अमरीका के लास वेगास स्थित नेवाडा विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर ब्रायन विलमोर कहते हैं, "1974 में मिले 31 लाख साल पुराने होमिनिन के जीवाश्म से इस हड्डी का संबंध साफ़ है. होमिनिन मानव की तरह ही खड़े होकर चलने वाली जाति थी. इसे 'लूसी' नाम दिया गया था."

    'लूसी' ऑस्ट्रेलोपिथेकस अफ़रेनसिस प्रजाति का जीवाश्म था. सवाल यह है कि क्या वह बिल्कुल पहला मानव था?

    प्रोफ़ेसर विलमोर कहते हैं, "हम इसी मुद्दे पर काम कर रहे हैं."

    'पेड़ से जमीन'

    पर 'लूसी' के समय और बड़े दिमाग वाले और मानव की तरह के शारीरिक अनुपात वाले होमो इरेक्टस प्रजाति के बीच तक़रीबन बीस लाख साल का अंतर है.

    होमो हैबिलिस प्रजाति की खोपड़ी के कंप्यूटर विश्लेषण से पता चलता है कि यह इस नई खोज वाली प्रजाति का उत्तराधिकारी रहा होगा.

    इस जबड़े के समय का पता लगने से मानव विकास के एक महत्वपूर्ण सवाल का जवाब मिल जाएगा. यह पता चल जाएगा कि आख़िर क्यों हमारे पूर्वज पेड़ों से उतर कर ज़मीन पर चलने लगे.

    'साइंस' पत्रिक में छपे एक शोध से साफ़ होता है कि जलवायु परिवर्तन इसकी बड़ी वजह रही होगी. उस इलाक़े के पेड़ों के जीवाश्म के अध्ययन से पता चलता है कि हरा भरा घना जंगल घास के मैदान में तब्दील हो गया होगा.

    अंजली –मित्रों इसी के साथ ये जो पत्र हमारे पास आया है इसे हमें लिख भेजा है कलेर बिहार से सदफ़ रेडियो श्रोता संघ के मोहम्मद आसिफ़ ख़ान, बेगम निकहत परवीन, सदफ़ आरज़ू, साहिल अरमान, अज़फ़र हामिद और तहमीना मशकूर ने आप सभी ने सुनना चाहा है पाकीज़ा फिल्म का गाना जिसे गाया है मोम्मद रफ़ी और लता मंगेशकर ने गीत दिया है कैफ़ भोपाली ने और संगीत दिया है गुलाम मोहम्मद ने और गीत के बोल हैं ----

    सांग नंबर 6. चलो दिलदार चलो चांद के पार चलो ....

    पंकज – तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

    अंजली– नमस्कार।

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040