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    चीनी मिट्टी के बर्तनों से सुसज्जित शहर चिंग तेह चन
    2015-01-05 15:57:47 cri
    मित्रो , जैसा कि आप को मालूम है, चीन दुनिया भर में चीनी मिट्टी के बर्तनों के बादशाह के नाम से मशहूर है। अंग्रेजी भाषा में चीनी मिट्टी के बर्तनों के लिए चीन शब्द का ही प्रयोग किया जाता है। शायद यह चीनी मिट्टी के इतिहास व उसकी असाधारण कला की सब से उचित व्याख्या है। चीनी मिट्टी के बर्तनों ने विश्व को एक अपने सुंदर कला से परिचित कराया। चीनी मिट्टी के बर्तनों की कला ने चीनी मिट्टी बर्तन उद्योग के कुछ प्रसिद्ध शहरों को भी जन्म दिया। चिंग तेह चन शहर इन सब में सबसे विख्यात है और वह चीनी मिट्टी के बर्तनों से सुसज्जित शरह के नाम से जाना जाता है । 

    चिंग तेह चिन पूर्वी चीन के उत्तर-पूर्वी च्यांग शी प्रांत में स्थित है। इस शहर को इसीलिये चीनी मिट्टी के बर्तनों से सुसज्जित शहर का संज्ञा दिया गया है , क्योंकि इस शहर के किसी क्षेत्र में चीनी मिट्टी बर्तन भट्टयों में तैयार ईंटों से निर्मित दीवारें और चीनी मिट्टी के बर्तनों के टुकड़ों से बिछायी गयी सड़कें देखने को मिलती हैं , इतना ही नहीं , सड़कों पर चीनी मिट्टी बर्तन दीप , चीनी मिट्टी बर्तन भित्ति चित्र और चीनी मिट्टी बर्तन मूर्तियां भी नजर आती हैं । और तो और चिंग तेह चन शहर में चीनी स्वर्गीय नेता माओ त्से तुंग के लिये विशेष तौर पर तैयार बर्तन और शांगहाई एपेक और राजकीय अतिथि होटल के लिये बनाये गये विशेष बर्तन भी बहुत प्रशंसनीय हैं । चिंग तेह चन शहर में उत्पादित बर्तनों को जेट जितने सफेदी और कागज जितने पतलापन की ख्याति भी प्राप्त हो गयी है ।

    चिंग तेह चन शहर की चीनी मिट्टी बर्तनों की विशेषता हर जगह पर दिखाई देती है , खासकर इस शहर में एक दूसरे से जुड़ने वाली संकरी छोटी गलियों ने अपनी विशेष पहचान बना ली है । क्योंकि इतिहास में चिंग तेह चन शहर के अधिकतर वासी अपने अपने परिवार की हैसियत से चीनी मिट्टी बर्तन बनाने और बेचने में लगे हुए थे , इसलिये बहुत से घरों को दो भागों में बांटा जाता था यानी पहले भाग को दुकान का रूप दिया गया , जबकि पिछले भाग को चीनी मिट्टी बर्तन बनाने का वर्कशाप । यह परम्परा पिछली कई शताब्दियों से चली आयी । न जाने इन संकरी गलियों के नीचे कितने अधिक टुटे फटे बर्तन दबे हुए थे । सिर्फ यह मालूम है कि आज यदि किसी ने फिर इन गलियों के पुराने मकानों के खण्डहरों पर नये मकान बनवाने के लिये जो जमीन खोदी , तो जमीन की खुदाई में प्राप्त कुछ न कुछ प्राचीन मूल्यवान बर्तन देख कर लोग चमत्कृत हो जाते हैं ।

    चिंग तेह चिन शहर की चीनी मिट्टी बर्तन सड़क इस शहर की चीनी मिट्टी बर्तनों का परिचायक है । यह सड़क चिंग तेह चन शहर के पुराने क्षेत्र के केंद्र में अवस्थित है और स्थानीय वासी इस सड़क को चिंग तेह चन शहर की चीनी मिट्टी बर्तन संस्कृति का नमूना मानते हैं । पर इस सड़क का नाम चीनी मिटटी बर्तन क्यों पड़ा ? वास्तव में इस नाम के पीछे एक कहानी छिपी हुई है । कहा जाता है कि बहुत पहले यहां पर अनगितन चीनी मिट्टी बर्तन दुकानें खड़ी हुई थीं , जिन में एक सब से बड़ा दुकानदार बहुत दुष्ट था और साधारण लोगों पर अत्याचार करता था । वह अपना एकाधिकार जमाने के लिये कई बड़े बड़े कुत्ते पालता था । ये कुत्ते अकसर गरीबों को देखकर भौंक भौंक कर पीछा करते थे , पर अमीरों या कुलीनों को देखकर मालिक के पीछे दुम हिला हिलाकर शांत हो जाते थे । यह स्थिति देखकर दुसरे दुकानदारों को बहुत गुस्सा आया , लेकिन वे कुछ नहीं कर सकते । बाद में एक बुजुर्ग ने चुपचाप से किसी दवा को पिलाकर इन कुत्तों को पागल बना दिया । फिर ये कुत्ते पागलपन से इधर उधर दौड़ते हुए अपने मालिक की दुकान में रखे सभी चीनी मिट्टी बर्तन तोड़ दिये , जिस से बर्तनों के टुकड़े टुकड़े सारी सड़क पर बिखर गये । इसीलिये यह सड़क चीनी मिट्टी बर्तन सड़क के नाम से जाना जाने लगी । श्री जुप्प कापेल नीदरलैंड राष्ट्रीय कला प्रतिष्ठान का प्रोफेसर हैं , वे इस साल 60 वर्ष के हैं और वे पिछले चालीस साल से अधिक समय में चीनी मिट्टी बर्तनों पर अनुसंधान करने में लगे हुए हैं । कुछ समय से पहले वे छुट्टियों के दिन एक बार फिर चीन के चिंग तेह चन शहर आ पहुंचे। उन्हों ने कहा कि वे चिंग तेह चन की गलियों में घूमना बहुत पसंद करते हैं और यहां पर सचमुच ही चीनी मिट्टी बर्तनों की चमत्कृत कलाओं को महसूस कर सकते हैं । उन का कहना है

    चिंग तेह चिन की सड़कों पर घूमते हुए आप यह देख पाते हैं कि हरेक सड़क की अपनी अलग पहचान है , भिन्न भिन्न सजधज है और नाना प्रकार के चीनी मिट्टी बर्तन भी देखने को मिलते हैं , इतना ही नहीं , हरेक गली की तंगी सड़क भी चीनी मिट्टी बर्तनों के टुकड़ों से बिछाई गयी है , इसी अनौखा माहौल में घूमते घूमते आप स्वभावतः अपने आप को भूल जाते हैं ।

    चीनी मिट्टी बर्तन सड़क के पास हुई चाओ , नान छांग , सू हू और लिन च्यांग नामक सोसायटियों के भवन भी खड़े हैं । ये चीनी शहरों के नाम से स्थापित सोसायटियां मुख्य तौर पर उन ही शहरों से आये चीनी मिट्टी बर्तन के व्यापारियों को सुविधाएं उपलब्ध कराने में संलग्न थीं । इसलिये इस चीनी मिट्टी बर्तन सड़क पर चीन के विभिन्न क्षेत्रों में रहने वाले लोग देखने को मिलते हैं और साल भर में चहल पहल नजर आती है ।

    इस रौनकदार चीनी मिट्टी बर्तन सड़क के पास एक ड्रेगन बर्तन नामक सड़क भी है । इस सड़क का नाम भी यहां पर शाही परिवार के लिये विशेष तौर पर तैयार बड़े बर्तन की वजह से पड़ गया है । यह बड़ा बर्तन खास कर राजमहल में आग बुझाने के लिये तैयार किया गया है । क्योंकि इसी प्रकार के बर्तनों पर ड्रेगन की सजीव आकृतियां अंकित हुई हैं , इसीलिये राजमहल में रखे ये भीमकाय बर्तन ड्रेगन बर्तन के नाम से नामी हो गये हैं ।

    ड्रेगन बर्तन पीटने से निकलने वाली आवाज बहुत साफसुथरा है । क्योंकि उस का आकार प्रकार बहुत बड़ा है , इसलिये उसे तैयार करना बेहद कठिन है , एक ड्रेगन बर्तन का नमूना बनाने के बाद भट्टी में कम से कम 19 दिन रात उचित आंच में पकाये जाने की जरूरत पड़ती थी ।

    चिंग तेह चिन शहर के चीनी मिट्टी बर्तन पुरातन अनुसंधानशाला के प्रदर्शनी भवन में एक दुर्लभ बड़ा ड्रेगन बर्तन रखा हुआ है । इस प्रदर्शनी भवन के प्रधान श्री श्याओ फंग ने कहा

    यह बड़े आकार वाला ड्रेगन बर्तन मिंग राजवंश काल यानी 1436 से 1449 तक के दौरान बनाया गया था । इस बर्तन पर दो बड़े ड्रेगनों का चित्रण हुआ ही नहीं , दोनों ड्रेगनों के मुंहों के बीच एक भभकती आग्नि बोल भी नजर आता है , इस का मतलब है कि ये दोनों ड्रेगन आग भगा रहे हैं ।

    चिंग तेह चन शहर में चीनी मिट्टी बर्तनों के टुकड़ों से तैयार दीवारें , सड़कें , भट्टियां और मकान हर जगह पर देखने को मिलते हैं । आज के जमाने में यहां वासी चीनी मिट्टी बर्तनों के टुकड़ों से सड़कों पर बिछाने के आदी भी हैं । चिंग तेह चिन भट्टी म्युजियम के प्रधान श्री पाई क्वांग ह्वा ने कहा

    चिंग तेह चन ने अपनी विशेष पहचान बना ली है । वर्तमान में यहां पर बहुत से प्रचीन वर्कशाप , पुरानी भट्टियां और चीनी मिट्टी बर्तनों के टुकड़ों से तैयार भवन भी सुरक्षित हैं । वे चिंग तेह चन के सांस्कृतिक धरोहरों का संगठनात्मक भाग ही नहीं , उन में शानदार चीनी मिट्टी बर्तन संस्कृति भी गर्भित है ।

    चीनी मिट्टी बर्तन उद्योग चिंग तेह चन का एकमात्र मुख्य उद्यम है। हजारों वर्ष पुराना यह उद्योग इस शहर का आर्थिक स्तंभ है तथा उस की आत्मा और प्राण भी। कहा जा सकता है कि चीनी मिट्टी के बर्तनों के बिना शायद यह शहर भी न रहा होता।

    चीनी मिट्टी बर्तन उद्योग ने चिंग तेह चन को सुंदरता व खुशहाली दी। 14 लाख की आबादी वाले इस शहर में चीन के अन्य बहुत से शहरों की तरह सुधार व खुले द्वार की नीति से भारी परिवर्तन आया है। शहर में लम्बी-चौड़ी सड़कों का जाल बिछ चुका है और इन सड़कों के किनारों पर गगनचुम्बी इमारतें खड़ी हैं। शहर की हर जगह चहल-पहल व आधुनिकता से व्याप्त है। पर आज के इस आधुनिक माहौल के पीछे इस के चीनी मिट्टी के बर्तनों के इतिहास की छाप छिपी नहीं रह सकी है। हजारों-लाखों देशी-विदेशी पर्यटक यहां चीनी मिट्टी के बर्तनों को देखने आना नहीं भूलते।

    चीनी मिट्टी बर्तन उद्योग चिंग तेह चन में कोई दो हजार वर्ष पहले पैदा हुआ। शहर में व उस के उपनगरीय क्षेत्र में आज भी चीनी मिट्टी के बर्तनों की कई प्राचीन भट्टियां तरह सुरक्षित हैं। मजे की बात है कि इस शहर का ढांचा पूरी तरह इन प्राचीन भट्टियों के आधार पर बना हुआ है। स्थानीय निवासी चंग फंग कहते हैं कि चिंग तेह चन शहर के पुराने क्षेत्र में एक भी सीधी गली या सड़क देखने को नहीं मिलती। इस समय हम जहां खड़े हैं, उस के पीछे एक पुरानी भट्टी का खंडहर है। जाहिर है कि आसपास की सभी इमारतें इस भट्टी को केंद्र में रखकर बनवायी गयी होंगी। ऐसे निर्माण समूहों की चिंग तेह चन शहर के पुराने क्षेत्र में बहुतायत है। ये चिंग तेह चन के शानदार चीनी मिट्टी बर्तन उद्योग के साक्षी हैं।

    पर्यटक चिंग तेह चन में मामूली मिट्टी के सूक्ष्म सुंदर बर्तनों में बदलने की पूरी प्रक्रिया देख सकते हैं। आम तौर पर चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने की प्रक्रिया के दो प्रमुख भाग होते हैं। सब से पहले उस्ताद मिट्टी के बर्तनों के सुंदर नमूने बनाते हैं और फिर इन नमूनों को भट्टी में पकाने का अनुभव रखने वाले उस्ताद समुचित आंच पर बेहद सावधानी से पकाते हैं। यह एक बेहद जटिल प्रक्रिया है। भट्टी का भिन्न तापमान अलग-अलग क्वालिटी के बर्तनों को जन्म देता है। कह जाता है इसका सही अनुभव पाने में दस साल से अधिक का समय लगता है। 70 वर्ष के अनुभवी उस्ताद वांग येन शंग अपना अनुभव बताते हुए कहते हैं कि मैं ने 11 वर्ष की उम्र से ही अपने पिता से चीनी मिट्टी के बर्तन बनाना सीखना शुरू कर दिया था। तब से आज तक यह काम करते हुए मुझे 61 साल हो चुके हैं।हमारे परिवार की पांच पीढियां इस धंधे से जुड़ी रही हैं।

    पीढ़ी दर पीढ़ी चली आई इस अनोखी कला ने चिंग तेह चन को चीनी मिट्टी के बर्तनों की राजधानी बनाया और इस शहर ने चीनी मिट्टी के बर्तनों की नयी दुर्लभ किस्मों का सृजन किया। विश्वविख्यात ची हुंग बर्तन उन में से एक है।

    रंगीन ची हुंग बर्तन चिंग तेह चन के चीनी मिट्टी के चार प्रसिद्ध बर्तनों में से माना जाता है। यह बर्तन बनाने की कला कोई पांच सौ वर्ष पहले मिंग राजवंश में शुरू हुई। उस के चमकदार लाल रंग में बैंगनी की झलक होती है। इससे वह देखने में बहुत सुंदर लगता है। कहावत है कि ची हुंग बर्तन बनाना इतना कठिन है कि हजार भट्टियों में बने इन बर्तनों में सिर्फ एक ही बढ़िया निकलता है। ऐसा ची हुंग बर्तन बहुत महंगा होता है। 2002 में दो सौ वर्ष पुराना एक ची हुंग बर्तन हांगकांग की एक नीलामी में दो करोड़ दस लाख हांगकांग डॉलर में बिका। इस दुर्लभ बर्तन को देशी-विदेशी पर्यटक आज चिंग तेह चन के चीनी मिट्टी बर्तन संग्रहालय में देख सकते हैं । इस संग्रहालय में कार्यरत कर्मचारी रूई फ़ह शंग कहती हैं कि चिंग तेह चन का चीनी मिट्टी बर्तन संग्रहालय अपने पैमाने और यहां संग्रहीत वस्तुओं की दृष्टि से देश में प्रथम है। यहां चिंग तेह चन के हरेक काल के बढिया बर्तनों समेत मिंग व छिंग राजवंशों के कोई दस बेशकीमती ची हुंग बर्तन भी सुरक्षित हैं।

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