Web  hindi.cri.cn
    टी टाइम 141223 (अनिल और ललिता)
    2014-12-24 16:21:14 cri

    अनिलः टी-टाइम के नए अंक के साथ हम फिर आ गए हैं, आपका मनोरंजन करने। जी हां .......आपके साथ चटपटी बातें करेंगे और चाय की चुस्कियों के साथ लेंगे गानों का मजा, 35 मिनट के इस प्रोग्राम में। इसके साथ ही प्रोग्राम में श्रोताओं की प्रतिक्रियाएं भी होंगी शामिल। हां भूलिएगा नहीं, पूछे जाएंगे सवाल भी, तो जल्दी से हो जाइए तैयार।

    अनिलः दुनियाभर में ऑनलाइन शॉपिंग की धूम है या यो कहें कि चप्पल से लेकर कार तक सभी सामान ऑनलाइन खरीदारी की जाती है।

    लोगों में ऑनलाइन खरीदारी का क्रेज बढ़ता जा रहा है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है भैंस का गोबर भी ऑनलाइन बिकता है।

    अमेरिका में एक वेबसाइट भैंस का गोबर ऑनलाइन बेच रही है वो भी किसी प्रोडक्ट की तरह। कार्डस अगेंस्ट ह्यूमिनिटी नाम की अमेरिकी वेबसाइट ने अपने साइट पर बुलशिट यानी गोबर तक बेच डाला।

    लोगों ने गोबर की खरीदारी भी जमकर की। ये वेबसाइट अब तक गोबर के 30 हजार से ज्यादा पैक ऑनलाइन बेच चुकी है।

    दरअसल, कार्डस अगेंस्ट ह्यूमिनिटी गैस बेचने वाली वेबसाइट है जिसने अपनी वेबसाइट पर एक विज्ञापन में कहा था कि वो बुलशिट बेचने जा रहे हैं।

    30 हजार अमेरिकी लोगों ने बुलशिट के धड़ाधड़ ऑर्डर दे डाले। सिर्फ 30 मिनट में प्रॉडक्ट ऑउट ऑफ सेल हो गया। एक बॉक्स की कीमत करीब 384 रूपए थी।

    ललिताः आपने बाल विवाह की तो कई खबरें पढ़ी होंगी लेकिन ये खबर आपको हैरान कर देगी।

    एक 92 साल के बुजुर्ग ने 22 साल की युवती से शादी की है और इस शादी के बाद से वो बुजुर्ग को खुद को जवान महसूस कर रहा है।

    फ्यूचर ऑफ दुबई के अनुसार, इराक में रहने वाले 92 साल के मुसली मोहम्मद अल मुजामी ने 22 साल की एक नौजवाल लड़की से निकाह रचाया है।

    ये शादी बगदाद के नजदीक गुब्बन गांव में हुई। मुसली पेशे से क्षेत्र के एक अमीर किसान हैं जिनकी पहली पत्नी से उन्हें 16 बच्चे हुए।

    उनकी पत्नी का देहांत तीन साल पहले हो गया था और मुसली अपनी पहली पत्नी के साथ 58 साल बिता चुके थे। लेकिन मुसली ने अब 92 साल की उम्र में अपनी पड़पोती की उम्र की 22 वर्षीय युवती से शादी की है।

    अनिलः मुसली के अनुसार इस शादी के बाद वे अब खुद को जवान महसूस कर रहे है। वेबसाइट के अनुसार मुसली ने ये शादी अपने दो पोतों की शादी के दौरान की।

    मतलब एक तरफ दोनों पोते शादी रचा रहे थे वहीं दूसरी ओर 92 साल के दादा 22 साल की लड़की से निकाह फरमा रहे थे।

    दोस्तो, आपने दामिनी फिल्म में सनी देओल का डायलोग "ढाई किलो का हाथ" सुना है। लेकिन क्या किसी का हाथ 8 किलो का हो सकता है ऎसा आपने कभी नहीं सुना होगा।

    पूर्वी भारत निवासी एक बच्चे का हाथ ही ढाई किलो का है।

    डेली मेल के अनुसार, पूर्वी भारत निवासी कलीम 8 साल का है। वो एक तरह के सिंड्रोम से ग्रसित है। जिसके चलते उसके एक हाथ का वजन ही 8 किलो है, यानी दोनों हाथों का वजन 16 किलो है।

    कलीम के माता-पिता बेहद गरीब है जिसके चलते वो उसका ईलाज कराने में भी असंभव है।

    ललिताः अपने इन भारी-भरकम हाथों के चलते कलीम ना तो खुद खाना खा पाता है और ना ही कोई और काम कर पाता है। कलीम को क्रिकेट काफी पसंद है लेकिन इस बीमारी के चलते वो अपने क्रिकेट के शौक को भी पूरा नहीं कर पाता है।

    डॉक्टरों के अनुसार ऎसा लीम्फोनिजिमिया अथवा हमार्टोमा सिंड्रोम के चलते है।

    बहरहाल, कलीम की जिंदगी अपने इन भारी हाथों के चलते काफी दुश्वारभरी हो रखी है।

    अनिलः वर्ष 2008 में अमेरिका की मिशिगन वासी आशिया न्यूसन ने सुपर बिजनेस गर्ल नामक कंपनी की सह-स्थापना की थी।

    आज 11 वर्ष की आयु में वह मोमबत्ती बनाने वाली इस कंपनी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) है। कारोबार में इतनी सफल हो गई कि डेट्रॉयट की सबसे युवा उद्यमी के नाम से जाना जाने लगा है।

    वह माता-पिता की मदद से घर में मोमबत्ती बनाती है और सड़कों पर बेचती है। इससे उसे जो पैसे मिलते हैं, उससे खुद की स्कूल फीस व जरूरतमंद बच्चों के लिए कपड़े व भोजन का इंतजाम करती है। गर्व से कहती है, मैं अपने पिता से ज्यादा कमाती हूं।

    पिछले सप्ताह एबीसी न्यूज 20/20 कार्यक्रम में उसने गजब का आत्मविश्वास दिखाया। वह सड़क पर गई और अजनबी लोगों को अपने कारोबार में पूंजी लगाने के लिए प्रोत्साहित किया।

    वह कहती है कि उसे अपना कारोबार बढ़ाने के लिए महज 20 डॉलर की जरूरत है, ताकि मोमबत्ती बनाने के लिए जरूरी उपकरणों का इंतजाम कर सके। एक महिला तो उससे इतनी प्रभावित हुई कि फौरन 100 डॉलर निवेश का प्रस्ताव मान लिया।

    वह अपने पिता माइकल के साथ जाती है और बिजनेस कार्ड भी बांटती है। बंबू डेट्रॉयट ने आशिया को अपना सामान बेचने के लिए इंटरनेट पर मुफ्त में जगह मुहैया कराई है।

    ललिताः अपने फेवरेट एक्टर-एक्ट्रेस जैसा दीखने के लिए लोग न जाने क्या-क्या जतन करते हैं।

    लेकिन एक शख्स अपनी फीमेल सेलिब्रिटी जैसा दीखने के लिए ऎसा काम कर देगा जिससे उसका पूरा चेहरा खबरा हो जाएगा, ऎसा आपने नहीं सुना होगा।

    डेली मेल के अनुसार, किम कर्दाशियां के कर्वी लुक की दुनिया दीवानी है। बहरहाल, किम ने अपने इस कर्वी लुक को पाने के लिए सर्जरी पर लाखों डॉलर खर्च किए है।

    लेकिन उनका दीवाना एक शख्स ऎसा भी है जिसने किम जैसा दीखने के लिए अपने पूरे चेहरे को ही बदल डाला।

    ब्रिटेन निवासी 23 साल के जार्डन जेम्स पार्क पेशे से एक मेकअप आर्टिस्ट हैं। सबसे पहली बार उसने किम को टीवी शो कीपिंग अप विद कार्दशियन में देखा था। तभी से वो किम का ऎसा फैन बना कि उसने खुद को किम बना डालने की ठान ली।

    जार्डन कहता है कि उसे किम की आंखे हों या फिर होंठ, सभी कुछ बहुत ही पंसद है। वो किम को अपना आयडल मानते हैं और इसलिए अपने बदन पर 50 से ज्यादा सर्जरी कर किम जैसा लगभग बन चुका है।

    जॉर्डन ने बोटोक्स, होंठ, गाल, भौंए और लेजर थेरेपी से सभी बाल हटवाए और सर्जरी करवाई। किम जैसा दीखने के लिए उसने अब तक 1 लाख 50 हजार डॉलर खर्च कर चुका है।

    अनिलः करीब दो साल के बच्चे की ओरल स्किल्स तथा लिटरेरी इंटरेस्ट को विकसित करने में माता-पिता का हाथ होता है। आजकल बच्चे अपने वर्किग पेरेंट्स की व्यस्तता की वजह से बोलचाल से दूर डिजिटल डिवाइसेज में रमे रहते हैं।

    इस साल लंदन में आयोजित लैंग्वेज थैरेपिस्ट्स कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत हुए शोध-पत्र में डिजिटल उपकरणों को बच्चों के ओरल स्किल्प विकास में बाधक बताया गया।

    आजकल छोटा बच्चा अपने माता-पिता से बातचीत करने की तुलना में डिजिटल उपकरण के साथ खेलना अधिक पसंद करता है और यही कारण है कि वह बोलने की दक्षता से दूर होता जा रहा है। उपकरणों की स्क्रीन पर अधिक समय बिताने वाले बच्चों में साहित्यिक रूझान भी कम हो रहे हैं।

    इसका खुलासा सितंबर में रॉयल कॉलेज ऑफ लंदन, इंग्लैंड में आयोजित "लैंग्वेज थैरेपिस्ट्स कन्फ्रेंस" में हुआ, जहां प्रस्तुत एक शोध-पत्र में कहा गया कि दो साल की उम्र के बच्चे की ओरल स्किल्स के आधार पर उस बच्चे के 11 वर्ष के होने पर साहित्यिक कौशल की संभावित रेखा बताई जा सकती है।

    ललिताः अमरीकी न्यूरोसाइंटिस्ट्स के अनुसार, दो से पांच साल के मध्य का बच्चा एक या दो बार देखे जाने वाले नए शब्द को समझ लेता है और याद कर लेता है। इसे "फास्ट मैपिंग" कहते हैं। इस अवधि के बाद बच्चे एक नए शब्द को औसत रूप से 12 बार देखने पर ही उसे समझ और याद रख पाते हैं।

    अनिलः आयुर्वेद में ब्रह्ममुहूर्त में उठने की बात कही गई है ताकि प्रकृति की ताजा हवा के बीच हम स्वस्थ रह सकें। लेकिन अक्सर लोग सर्दी के दिनों में आलस करते हैं और देर तक सोते हैं।

    इस मौसम में खाने की वैरायटी ज्यादा होने से हम अधिक खाते हैं लेकिन उतना व्यायाम नहीं करते, जिससे कि वह भोजन पच जाए, नतीजन वजन बढ़ता है।

    वजन बढ़ने पर रोग हमें फौरन घेर लेते हैं। इसलिए रात में जल्दी सोने, सुबह समय पर उठने, एक्सरसाइज व जॉगिंग करने का नियम बना लें।

    अपने खाने में मौसमी फल, सब्जियां व सूखे मेवे शामिल करें। एयरकंडीशनर की गर्म हवा और फ्रिज की ठंडी चीजों से बचें।

    सुबह जल्दी उठकर रोजाना क्षमतानुसार तेज कदमों से चलें ताकि शरीर से पसीना निकले। वॉक के बाद पसीना पंखे से ना सुखाएं और न ही तुरंत कपड़े बदलें।

    अस्थमा या जोड़ों के दर्द की शिकायत वाले रोगी बाहर वॉक के बजाय घर पर ही टहल लें और हल्का व्यायाम कर सकते हैं।

    बॉलीवुड की कई फिल्म ऑस्कर के लिए भेजी जाती हैं। इस बार के ऑस्कर अवार्ड बेहद खास होने वाले हैं।

    एक ओर जहां द लंचबॉक्स को भारत की आधिकारिक ऑस्कर एंट्री के तौर पर नहीं भेजे जाने पर लोगों ने सवाल उठाए, वहीं भारत की ओर से आधिकारिक एंट्री द गुड रोड को भी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा।

    वहीं फिल्म जल के डायरेक्टर ने खुद की काबिलियत पर भरोसा करते हुए अपनी फिल्म को स्वतंत्र एंट्री के तौर पर ऑस्कर में भेजा।

    अब इस कॉन्फिडेंस ने कई लोगों को थोड़ा ज्यादा कॉन्फिडेंस दे दिया है। इस बार जैकी भगनानी और नेहा शर्मा स्टारर 'यंगिस्तान' को भारत से इडिपेंडेंट एंट्री के रूप में 'बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म' के लिए ऑस्कर्स भेजा गया है।

    ललिताः भरपूर नींद हमारे शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। नींद पूरी नहीं होने पर हमारा शरीर कई बीमारियों का शिकार हो सकता है। अत: नींद हमेशा पूरी ही लेनी चाहिए। अगर आपको नींद न आने की समस्या है तो इन उपायों को आजमा सकते हैं।

    नेचुरोपैथी विशेषज्ञों के अनुसार सोने से पहले गुनगुने पानी में 10 मिनट तक पैर डालकर बैठने से दिमाग शांत होता है और बढिया नींद आती है।

    अनिलः शवासन की मुद्रा में लेट जाएं और 100-1 तक उल्टी गिनती करें। इससे मन शांत होता है, एकाग्रता बढ़ने से तनाव दूर होकर अच्छी नींद आती है।

    सोने से पहले गाय का घी या षड् बिंदु तेल हल्का गुनगुना करके दो बूंद नाक में डालने से सुकून की नींद आएगी। रात के खाने में मिर्च-मसालों का प्रयोग न करें।

    पुदीना, शंखपुष्पी या ब्राह्मी का चूर्ण आधा चम्मच की मात्रा में दूध के साथ लेने से भी लाभ होता है। लेकिन दूध गर्म न होकर कच्चा या ठंडा होना चाहिए। ध्यान रहे कि सर्दी के दिनों में पुदीने का प्रयोग न करें क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है।

    ललिताः इंटरनेट पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स का अत्यधिक इस्तेमाल न सिर्फ एडिक्ट बना देता है, बल्कि कई तरह की हैल्थ प्रॉब्लम्स भी पैदा कर सकता है।

    हालिया रिसर्च में सामने आया है कि फेसबुक जैसी सोशल साइट्स का अत्यंत यूज करने से आवेग पर नियंत्रण पाने की क्षमता में कमी आती है, जो मादक पदार्थों के सेवन की ओर भी अग्रसर कर सकता है।

    अल्बानी यूनिवर्सिटी की मनोविज्ञानी जूलिया होर्मेस ने 18 साल से ज्यादा आयु के 292 स्नातक के विद्यार्थियों पर यह रिसर्च किया और नशे की लत की आशंका पर उनका मूल्यांकन किया।

    रिसर्च में शामिल इन स्टूडेंट्स में से 90 फीसदी फेसबुक पर सक्रिय हैं और इंटरनेट पर बिताए गए कुल समय का एक तिहाई सोशल साइट्स पर व्यतीत करते हैं।

    सोशल साइट्स के उपयोग करने वाले लोगों में 10 फीसदी लोगों को अनुसंधानकर्ताओं ने "सोशल साइट का इस्तेमाल करने की व्याधि" से ग्रस्त पाया। एक वेबसाइट पर प्रसारित शोध में अनुसंधानकर्ता ने कहा, "इस शोध में हिस्सा लेने वाले लोग सोशल साइट के लती जैसे थे और जब उन्हें फेसबुक से दूर रखा गया और सोशल साइट का इस्तेमाल करने की अवधि के अंतर को बढ़ाया गया, तो वे चिड़चिड़े हो उठे।"

    अनिलः दोस्तो, प्रोग्राम में अब समय हो गया है, श्रोताओं के पत्र यानी कमेंट शामिल करने का।

    सबसे पहला ई-मेल हमें मिला है, झारखंड से एस.बी.शर्मा का। उन्होंने नववर्ष और क्रिसमस की शुभकामना भेजी हैं। सभी लिस्नर्स को चायना रेडियो की ओर से मुबारक। उम्मीद करते हैं कि क्रिसमस और नया साल आपके जीवन में ढेर सारी खुशियां लेकर आएगा।

    एस.बी.शर्मा आगे लिखते हैं कि टी-टाइम प्रोग्राम में मध्यप्रदेश के नेताओं के प्रजेंस ऑफ माइंड और जनरल नॉलेज के ज्ञान का अनिल जी ने नमूना पेश किया। वह वस्तु-स्थिति को बताने के लिए काफी है, यही स्थिति मोटे तौर पर पूरे देश की है। जो कभी न कभी सुनने को मिल ही जाता है। इन नेताओं को मालूम नहीं कि कैलाश सत्यार्थी कौन हैं और किसे नोबेल पुरस्कार मिला है। देश के किस व्यक्ति को इतना बड़ा सम्मान मिला है, लेकिन उन्होंने तो कैलाश विजय वर्गीय को बधाई दे डाली।

    वहीं एक बन्दर को शराब पिलाने के बाद उसके व्यवहार में बदलाव आने की बात आपने बताई। मैंने कई व्यक्तियों को शराब पीने के बाद बन्दर का व्यवहार करते देखा है। शराब है ही वैसी चीज...

    वैसे हरियाणा के मुकेश द्वारा एक मिनट 40 सेकंड में उलटे 35 मीटर उच्चे पेड़ पर चढ़ने की घटना मुकेश के प्रतिभा प्रदर्शित करता है। मनोरंजक टी टाइम प्रस्तुत करने के लिए आपका धन्यवाद।

    ललिताः वहीं आजमगढ़ से सादिक आजमी ने भी ई-मेल भेजा है। लिखते हैं कि टी टाइम का नया अंक सुना जो रोचक घटनाओं और ञानवर्धक बातों से परिपूर्ण था एवं मन को शान्ति पहुँचाने वाला था पहली रिपोर्ट मे अनूठे विषय पर विश्लेषण सत्य पर आधारित लगी। जिस प्रकार मध्य प्रदेश के मंत्रीमंडल में दो विधायकों को देश का मान बढ़ाने वाली शख्सियत कैलाश सत्यार्थी जी का नाम याद नहीं तो भला प्रदेश की समस्या कहां याद रहने वाली है। वाकई यह प्रश्न विचार योग्य है कि आखिर हम ऐसे विधायकों को आखिर क्यू कर चुनते हैं आपकी इस रिपोर्ट से लोगों में जागरूकता आए यही कामना है।

    वहीं दूसरी रिपोट में बंदर को शराब पिलाने की घटना हास्यप्रद लगी पर जिस प्रकार पुलिस ने आरोपी को पकड़कर जेल भेजा और साथ मे तीन हज़ार का जुर्माना लगाया उसे देख तो यही कहा जा सकता है वह अदमी शायद भविष्य में दुबारा ऐसी हरकत नहीं करेगा।

    पर हरियाणा के मुकेश की पेड़ पर उल्टा चढ़ने की कला वाकई अजीब लगी सच कहें तो अपने आपमे यह अनूठा कारनामा है। रोचकता की दृष्टि से अमरीका में नवजात शिशु का वज़न 6 किलो का होने की खबर का पेश किया जाना अच्छा लगा। सोने से साइकिल बनाने की खबर सुर्खियाँ बटोरने का फंडा प्रतीक हुआ।

    फलों और सब्ज़ियों के छिलकों के लाभकारी होने तथा उनके सेवन पर आपके सुझाव सटीक लगे।

    स्वास्थ्य संबंधी कुछ सुझाव उपकारी लगे जिसे अपनाकर जीवन रोगमुक्त बनाया जा सकता है। इस बार फेसबुक पर फेक आइडी वाला जोक बेहतरीन रहा।

    अनिलः वहीं केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल लिखते हैं कि रिसैप्शन अत्यधिक ख़राब होने के कारण प्रतिदिन की रिपोर्ट आपको प्रेषित करने हेतु रात साढ़े आठ बजे का प्रसारण दोबारा सुनना पड़ा, जो कि शॉर्टवेव 41 मीटरबैण्ड पर अपेक्षतया स्पष्ट था और अब मैं उस पर हम सभी की मिलीजुली राय लेकर आपके सामने हाज़िर हूँ। हमने साप्ताहिक "टी टाइम" का भी पूरा लुत्फ़ उठाया। मध्यप्रदेश के कुछ राजनेताओं द्वारा नोबेल पुरस्कार विजेता श्रद्धेय कैलाश सत्यार्थी को बधाई देने के बजाय मंत्री कैलाश विजय वर्गीय को बधाई दिया जाना अत्यन्त अज्ञानतापूर्ण एवं हास्यास्पद कृत्य लगा। मणिपुर में एक शख्स द्वारा बन्दर को शराब पिला उसके व्यवहार में बदलाव लाने का प्रयास घृणित लगा और ऐसे लोगों को क़ानूनन सज़ा मिलनी ही चाहिये। हाँ, पेड़ पर उलटे बल चढ़ने की फ़ितरत रखने वाले गाँव तम्बूरी, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) के युवक मुकेश का नाम गिनीस बुक के पन्नों में अवश्य दर्ज़ होना चाहिये, क्यों कि वह ईश्वर प्रदत्त एक असाधारण प्रतिभा के धनी हैं।अमेरिका में जन्म के समय याशिका नामक महिला के बच्चे का वज़न छह किलोग्राम होना आश्चर्यजनक लगा। यह भी जाना कि इससे पूर्व सन 1879 में कनाडा में एक दस किलोग्राम वज़नी बच्चा पैदा हो चुका है। पच्चीस हज़ार पाउण्ड की लागत और पूरे चौबीस कैरेट सोने से निर्मित सायकल तो बस एक कीर्तिमान ही हो सकती है, इसमें रचनात्मक कुछ भी नहीं है। कम उम्र में माँ बनने वाली महिलाओं के बच्चों के मुक़ाबले देर से माँ बनने वाली महिलाओं के बच्चे गणित एवं अन्य विषयों में अधिक मेधावी होते हैं, यह जानकारी भी काफी सूचनाप्रद लगी। अनिन्द्रा के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है, क्यों कि ज़िन्दगी बेशक़ीमती होती है और इसे लापरवाही का शिकार नहीं होने देना चाहिये। आज के कार्यक्रम में पेश तीनों हंसगुल्लों में नयापन था, इसलिये सुनने में काफी मज़ा आया। धन्यवाद स्वीकार करें। कार्यक्रम "आज लाइफ़ स्टाइल" की तरह "टी टाइम" में भी श्रोताओं के सामान्य-ज्ञान की परीक्षा ली जाती है, परन्तु इसे क़्विज़ का नाम नहीं दिया जाता। क्या ऐसा करना अधिक व्यावहारिक नहीं होता कि प्रश्नों का सही उत्तर देने वाले श्रोताओं को इस कार्यक्रम में भी कुछ उपहार दिया जाता ! इस पर सोचियेगा ज़रूर। कार्यक्रम में विभिन्न फलों के छिलके में छुपे सेहत के राज़ से पर्दा हटाने के लिये भी हार्दिक धन्यवाद।

    वहीं पश्चिम बंगाल से विधान चंद्र सान्याल और देबाशीष गोप ने भी हमें मेल भेजे हैं।

    अनिलः दोस्तो, अब प्रोग्राम में वक्त हो गया है, हंसी मजाक यानी हंसगुल्लों का।

    पहला जोक......

    भीड़ भरी बस में सफर करते समय एक खूबसूरत युवती का पांव बुजुर्ग व्यक्ति के पांव पर पड़ गया। युवती बोली, सॉरी। बुजुर्ग ने उसकी ओर देखते हुए कहा, मेंशन नॉट। थोड़ी देर बाद एक युवक वहां से निकलने लगा तो उसका पांव भी उसी बुजुर्ग के पांव पर पड़ा। युवक बोला, सॉरी। बुजुर्ग ने गुस्से में कहा, अंधा है क्या? युवक बोला, मेरे सॉरी की स्पेलिंग गलत थी क्या? –

    लीजिए अब पेश है दूसरा जोक...

    लड़का-मैं चार साल का हूं। और तुम? लड़की- मैं भी चार साल की हूं। लड़का- तो फिर चलें बाइक पर.. लड़की (शर्माते हुए)-कहां? लड़का- पगली, पोलियो की ड्रॉप पीने! ..और कहां -

    अब बारी आज के अंतिम जोक की।

    पुजारी नाववाले से: तुमने पढ़ाई-लिखाई की है ? नाविक: नहीं पुजारी: तो फिर तुम्हारी आधी जिंदगी बेकार चली गई। पुजारी: अच्छा तुमने शादी की है ? नाविक: नहीं पुजारी: तब तो तुम्हारी आधे से भी कम जिंदगी बची है। तभी नदी के बीच में पहुंचकर नाव डूबने लगती है। नाविक: पुजारी जी आपको तैरना आता है ? पुजारी (घबराते हुए): नहीं

    नाविक: तब तो आपकी पूरी जिंदगी बेकार चली गई

    हमने पिछले सप्ताह दो सवाल पूछे थे, पहला सवाल था.... देर से मां बनने वाली महिलाओं का उनके होने वाले बच्चों पर क्या असर होता है।

    सही जवाब है....

    कम उम्र में मां बनी महिलाओं की अपेक्षा देर से मां बनने वाली शिक्षित महिलाओं के बच्चे गणित और बाकी पढ़ाई में ज्यादा तेज होते हैं।

    दूसरा सवाल था अंजानी सड़क दुर्घटनाओं के लिए क्या चीज जिम्मेदार होती है।

    सही जवाब है....सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत का संबंध अनिद्रा से जोड़कर देखा गया।

    इन सवालों का जवाब हमें लिखकर भेजा है......केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल, आजमगढ़ यूपी से सादिक आजमी, जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा, पश्चिम बंगाल से विधान चंद्र सान्याल और देवाशीष गोप आदि ने।

    उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल, सऊदी अरब से सादिक आजमी, पश्चिम बंगाल से देवाशीष गोप और जमशेदपुर झारखंड से एस.बी.शर्मा आदि ने। आप सभी को बधाई । आगे भी हमारे सवाल सुनते रहिए।

    अब आज के सवालों की बारी है...पहला सवाल है, दुनिया की सबसे युवा उद्यमी का क्या नाम है। और वह किस देश की है।

    दूसरा सवाल... इंटरनेट पर सोशल नेटवर्किंग साइट्स का अत्यधिक इस्तेमाल क्या परेशानी लेकर आता है।

    अगर आपको इनका जवाब पता है तो जल्दी हमें ई-मेल कीजिए या खत लिखिए।.....हमारा ईमेल है.. hindi@cri.com.cn, हमारी वेबसाइट का पता है...hindi.cri.cn....... अपने जवाब के साथ, टी-टाइम लिखना न भूलें।

    अनिलः टी-टाइम में आज के लिए इतना ही ...अगले हफ्ते फिर मिलेंगे.....चाय के वक्त......तब तक आप चाय पीते रहिए और सीआरआई के साथ जुड़े रहिए। नमस्ते, बाय-बाय, शब्बा खैर,चाइ च्यान.....

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040