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    बंदा भी गुलाम है
    2014-12-08 08:53:33 cri

     


    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    वनिता:सभी श्रोताओं को वनिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के प्रोग्राम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    दोस्तो, आज का पहला खत भेजा हैं एसबीएस वर्ल्ड श्रोता क्लब से एस बी शर्मा ने। लिखते हैं कि बड़ी ख़ुशी हुई की सी आर आई के माध्यम से एक और व्यक्तित्व से परिचय हुआ आप है पश्चिम की तीर्थ यात्रा कार्यक्रम की प्रस्तोता सुश्री मैत्रि शर्मा जी, इनकी आवाज में पश्चिम चीन की यात्रा सुनकर बहुत अच्छा लगा और हेमा जी की आवाज याद आ गया इस कार्यक्रम को चुंबकीय आवाज की धनि सुश्री हेमा कृपलानी जी प्रस्तुत करती थी मैत्री जी का आवाज उनसे मेल खाती है उम्मीद है मैत्री जी अब से पश्चिम की तीर्थ यात्रा प्रस्तुत करेंगी एस बी एस वर्ल्ड रेडिओ श्रोताओ क्लब के सदस्यों के तरफ से आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है मैत्री जी का परिचय आपका पत्र मिला कार्यक्रम के माध्यम से आप श्रोताओ से कराये हमें इन्तजार रहेगा और हम जान सकेंगे की हमारे नए मित्र कौन है जो चीन में महान महाग्रन्थ पर आधारित पश्चिम की की तीर्थ यात्रा कथासागर को प्रस्तुत करेंगे धन्यवाद

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि आज के लाइफ स्टाइल का स्पेसल कड़ी सुना काफी अच्छा लगा। सुरेश अग्रवाल जी पर बनाया कड़ी भी ठीक था आज भी आपने कई महत्वपूर्ण बाते बताई जो उपयोगी लगा वैसे तो सुरेश अग्रवाल जी पिछले महीनो के आज के लाइफ स्टाइल कार्यक्रम के विजेता सुने जा चुके है और उनके ऊपर आपके कमिटमेंट के अनुसार विशेष कड़ी भी प्रसारित हो गई पर एक चीज मैं जरूर कहना चाहूंगा की आपको एक से ज्यादा विजेता चुनना चाहिए भले ही मार्क थोड़ा काम आया हो पर बाकि श्रोता भी एक साल पुरे जोश के साथ आपका समर्थन किये है आपके साथ जुड़े रहे है उनका भी मान आपको जरूर रखना चाहिए मेरे समझ से सद्दीक आजमी और विधान चन्द्र जी के ऊपर भी एक छोटा एपिसोड बनानी चाहिए इनका भी मार्क लगभग प्रथम विजेता के आसपास ही रहा है आप इन दोनों के ऊपर भले एक ही एपिसोड बनाये पर जरूर बनाये ताकि उन्हें भी उतना ही सम्मान और मजा आये जितना पहले विजेता को आया

    अनिलः दोस्तो, आज का दूसरा खत आया है सऊदी अरब से सादिक आज़मी का। लिखते हैं कि Cri के वर्तमान समय मे रोचक लिस्ट में टी टाईम भी शामिल है जिसे हम बड़ी उत्सुकता से सुनते हैं और लगातार अपनी प्रतिकृया आपतक पहुँचाते हैं लेकिन उसकी अनदेखी करना समझ से परे है भाई सुरेॆश अग्रवाल जी पत्र के उत्तर मे प्रीय अनिल जी ने कहा कि हमें श्रोताओं के पत्र नही मिले समय रहते पर सभी श्रोताओं के उत्रर कार्यक्रम मे शामिल किया जाना अजीब लगा मेरे विचार से श्रोताओं का उत्साहवर्धन की दृष्टि इस क्रम को जारी रखना चाहिए और प्रशंसा एवं आलोचना दोनों को महत्व देना चाहिये । आजकी पहली रिपोर्ट हैरान करने वाली लगी पर चिकितसा के नये प्रयोग से ही ऐसे कार्य सम्भव होते हैं जब मालूम हुआ कि चीन डाक्टरों ने आपरेशन कर एक मनुष्य के सीने. पर चेहरा स्थापित कर दिया वाकई यह चिकित्सिका के इतिहास में अनोखा कारनामा कहा जाएगा ।

    स्वास्थ्य सम्बंघि जागरूकता लाने हेतु लम्बी अवधि तक फोन पर बात करने के हाऩिकारक तथ्य का पेश किया जाना लाभकारी लगा साथ मे सर्दी के दिनोॆ मे अधिक पानी पीने की सलाह एवं इसके फाएदे का बताया जाना हमपर उपकारी कदम लगा ।

    वनिता:वे आगे लिखते हैं Cri हिन्दी विभाग के प्रमुख कार्यक्रम की लिस्ट का आंकलन किया जाए तो चन्द बेहतरीन कार्यक्रमों में आपकी पसंद भी शामिल है । सण्डे की मस्ती , टी टाईम ,आजका लाईफ स्टाइल , चीन की भ्रमण श्रोताओं के बीच काफी लोकप्रीय हुआ है और इस बीच पंकज श्रीवीस्तव जी द्वारा फरमाईशी गीतों के मघ्य मे दी जीने वाली जीनकारी मन को छू जाकी है रोचक एवं ञानवर्धक बातें हमे हर शनिवार विवश करती हैं रेडियो के समक्ष बैठने पर मधुर गीत. संगीत के बीच अद्भूत बातों की चर्चा हैरान करती हैं और अच्छी भी लगती हैं ।

    22 नवम्बर की सभा की बात करें तो बिजली की बचत मे सोलर यानि सौर्यऊर्चा की भूमिका पर अत्यंत रोचक एवं ञानवर्धक बातें पंकज जी ने बताईं साथ मे उसके खर्च और बचत का सुंदर तरीके से आंकलन किया ।

    विञान की नित नई खोज मे इसे निरंतर प्रभावशाली बनाया जारहा है जो आनेवाले समय मे हमारी बिजली की आवश्यकता को काफी हद तक पूरा करेगी बहुत से अनोखी बातों का जिक्र भी कार्यक्रम सुनना सुनना सार्थक कर गई पंकज जी का एक बार फिर धन्यवाद ।

    अनिलः दोस्तो, अगला खत आया है पश्चिम बंगाल से, इसे भेजने वाले हैं रविशंकर बसु । लिखते हैं कि सादर नमस्कार।देश-दुनिया के ताज़ा समाचारों के अलावा चीन को करीब से जानने के लिए मैं सीआरआई हिंदी सेवा के वेबसाइट को नियमित रूप से विजिट करता हूं,अच्छा लगता है। आज 16 नवंबर मैं आपके वेबसाइट पर प्रकाशित यशस्वी क्रांतिकारी मार्क्सवादी महानायक चे ग्वेरा(Ernesto Che Guevara)की आखिरी तस्वीरें देखा,जो मुझे आश्चर्यचकित कर दिया। अर्जेंटीना में जन्मे चे ग्वेरा दक्षिणी अमरीका के कई राष्ट्रों में क्रांति लाकर उन्हें स्वतंत्र बनाने का प्रयास किया। उन्होंने क्यूबा की क्रांति में मुख्य भूमिका निभाई। बोलिविया में गिरफ्तारी के एक दिन बाद 9 अक्टूबर,1967 को हत्या कर दी गई थी। उनकी मौत के 47 साल बाद ये तस्वीरें आपकी वेबसाइट पर प्रकाशित करने के लिए मैं हिंदी विभाग को धन्यवाद देता हूं।

    वहीं अगला खत भेजा हैं केसिंगा ओड़िशा से सुरेश अग्रवाल ने। लिखते हैं कि "चीन का तिब्बत" के तहत शिकाजे प्रीफ़ेक्चर के चांग्मू कस्बे के नज़दीक स्थित लीशिंग गाँव में सरकारी कार्यक्रमों पर पेश रिपोर्ट सुनी। यह जान कर प्रसन्नता हुई कि ल्हासा से आये कार्यदल द्वारा की जा रही मदद से लोगों के जीवन में काफी परिवर्तन आ रहा है और जीवन निरन्तर सुखमय होता जा रहा है। कार्यदल की मदद से निर्मित पारिवारिक होटल इसकी एक बड़ी मिसाल कही जा सकती है, जिसमे लोगों को आवासीय सुविधा के साथ-साथ पर्यटकों की सेवा करने का मौक़ा भी मिलता है।

    वनिता:वे लिखते हैं कि कार्यक्रम "दक्षिण एशिया फ़ोकस" के अन्तर्गत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पूर्वी देशों की यात्रा के फलितार्थों पर भाई पंकज श्रीवास्तव द्वारा लाइव इण्डिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार उमेश चतुर्वेदी से की गई बातचीत सुन कर यात्रा का महत्व बखूबी समझ में आया। यह भी पता चला कि पूर्वी देशों के परस्पर सहयोग से न केवल इन देशों में समृध्दि आयेगी, अपितु पश्चिम पर उनकी निर्भरता भी समाप्त होगी। फिर चाहे वह बांग्लादेश की होज़री हो या कि म्यांमार की कृषि या फिर चीनी उद्योग सभी चीज़ों का लाभ पूर्वी राष्ट्रों को होगा। यात्रा के दौरान नरेन्द्र मोदी का चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग से मुलाक़ात सही दिशा में उठाया गया एक कदम है, इसमें दोराय नहीं। धन्यवाद।

    अनिलः दोस्तो, अब पेश है पश्चिम बंगाल से श्रीकान्त नन्दी का खत। लिखते हैं कि सबसे पहले सीआरआई हिन्दी विभाग की सभी सदस्यों को मेरा सादर नमस्कार। मैं 1999 साल से मैं सीआरआई की हिन्दी सेवा से जुड़ा हुआ हूं। आजकल कुछ श्रोताओं की कर्म पर मुझे बहुत ही दुःख होता हैं।

    खेद की बात यह है कि राम कुमार नीरज जी ने सिर्फ धूर्तता से इस सम्मलेन में भाग लिया l उन्होंने दो-चार श्रोताओं के कमेंट्स लेकर सीआरआई को धोखा देते हुए उस सम्मेलन को सीआरआई-हिन्दी विभाग का श्रोता सम्मलेन बताया। अगर आप लोग रेडियो वेरितास एशिया के हिन्दी सर्विस का वेबसाइट विजिट करेंगे तो अच्छी तरह राम कुमार नीरज जी के इस जालसाजी को देख सकेंगे।

    राम कुमार नीरज जी का एक ही मकसद है-अलग अलग रेडियो स्टेशन से फायदा उठाना। यही राम कुमार नीरज जी पिछले साल आपका प्यारा श्रोता अमीर अहमद जी के साथ साजिश करके चाइना रेडियो इंटरनेशनल के श्रेष्ठ श्रोता क्लबों के निर्वाचन में विजेता बनकर चीन का दौरा किया था। आपको बुरा न लगे तो एक बात बताना चाहूंगा कि अखिल भारतीय सीआरआई श्रोता महासंघ का अस्तित्व सिर्फ कागज में है। जिस श्रोता को आप पिछले साल चीन ले गए थे,वहाँ राम कुमार नीरज जी ने अपने साक्षात्कार में एक बार गलती से भी यह नहीं कहा कि "मैं अखिल भारतीय सी आर आई श्रोता महा संघ का प्रतिनिधि हूं।" मुझे लगा की राम कुमार नीरज जी को उस समय शर्म आती थी,अपने फर्जी क्लब का परिचय देने के लिए।

    वनिता:वे आगे लिखते हैं जब चन्द्रिमा जी और विकास जी श्रोता संपर्क का दायित्व संभालते थे,तब वे सबसे पहले इस तरह के क्लबों के दावों की सत्यता की जाँच कर लेते थे। जब तक प्रमाण स्वरुप कुछ फोटों या विडियो नहीं मिल जाते,तब तक उनके बारे में "आपका पत्र मिला" प्रोग्राम में एक भी शब्द नहीं कहते थे। सीआरआई-हिंदी विभाग से कुछ उपहार प्राप्त करने के लिए आजकल कुछ श्रोताओं ने कुछ न कुछ झूठ बोलते ही रहते है ;जो कि बिना जाँच किये विश्वास कर लिये जाते है,तथा "आपका पत्र मिला " प्रोग्राम में प्रचार भी कर दिया जाता है और आपके वेबसाईट पर भी। फिर भी वे लोग ही आप लोगों के प्यारा श्रोता हैं।

    मैं यहा पर आपलोगों को यह बताना चाहता हूं कि राम कुमार नीरज जी और अमीर अहमद जी या दुसरे कोई श्रोता के प्रति मेरा कोई भेदभाव नहीं है,सिर्फ उनके कर्म पर मेरी यह प्रतिक्रिया है और इस बारे में मैंने आप लोगों का ध्यान आकर्षित किया। वाकी आपलोगों की हाथो में।

    दोस्तो, अब पेश है एक कविता, जिसे भेजने वाले है कर्नाटक से डाँ. सुनील कुमार परीट, कविता का शीर्षक है बंदा भी गुलाम है।

    अनिलः दोस्तो, कविता का विषय इस प्रकार है

    हे भगवान

    अब बस भी करो

    बरसात बरस रहा है

    सुख दुख का मिश्रण है

    कहते है सब यही

    मानकर ऐसे जीना है

    सुख तो जैसा मृगजल

    दुख तो जैसे पहाड

    मृगजल को हासिल न कर सका

    पहाड को झेल न सका

    जीने की चाह तो है

    और जीना यानि

    मृगजल को कम पीना

    शायद पहाड को ही झेलना

    अब और कोई ख्वाहिश

    दिल में न हो बेहतर है

    कोई समझौता नहीं

    तुम्हीं ने भेजा है

    बंदा गुलाम है तुम्हारा

    इसका मतलब भी है

    कुछ भी पीना

    कुछ भी झेलना

    वनिता:दोस्तो, आज का अंतिम खत पेश है श्रोता देबाशीष गोप का। लिखते हैं कि नि होंउ। नया दिककट सामने आने से मुझे एयंसा मालूम होते हैं कि सी आर आई हिन्दी मेरे जीवन में स्थाई रूप ले लिए जाहा मेरा खुशियां मेरा सबकुछ मिलछुल के साथ बाटने में कयिं हीरायत नहि होते। में एयंसा स्वप्ना देखते हूं चीन भारत अर तामाम दुनिया भविष्य में एक नया दिशा देखाने में सफल होते हैं। मैं चाता हूं कि मेरा अर मेरा आसपास महल्ला में शांति अर सुन्दर बाताबरन जारी रखने में सी आर आई की एक अच्थे श्रोता की रूप दर्शन के साथ काम पे लागा रहुं। बहुत बहुत धन्यवाद।

    अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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