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    मेरा देश भारत
    2014-12-02 09:29:10 cri

     


    अनिल:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को अनिल पांडे का नमस्कार।

    वनिता:सभी श्रोताओं को वनिता का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अनिलः आज के प्रोग्राम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    दोस्तो, आज का पहला खत भेजा हैं एसबीएस वर्ल्ड श्रोता क्लब से एस बी शर्मा ने। लिखते हैं कि आपका पत्र मिला कार्यक्रम में श्रोताओ के पत्रो को पढ़ने और आपकी राय जाने के बाद एक श्रोता से की गई बातचीत सुनाई गई उनकी राय भी भारत के अन्य श्रोताओं के राय से मेल खाती है। जिसके अनुसार सी आर आई हिंदी भाषा के श्रोता अब सी आर आई से भारत में श्रोता सम्मलेन करने का आग्रह करना चाहते हैं। अब सी आर आई हिंदी को जल्द ही भारत में एक श्रोता सम्मलेन आयोजित करना चाहिए। तभी श्रोता सी आर आई से जुड़े रह सकेंगे । आज के चीनी भाषा सीखने के कार्यक्रम में पुस्तकालय से पुस्तक लेन देन करने और किताब पढ़ने के लिए कैसे चीनी में बातचीत की जाती है, यह बताया गया, इसी प्रोग्राम में हमेशा की भाति वेइतुंग जी द्वारा चीनी संस्कृति पर दी गई जानकारी बहुत अच्छी लगी। जिसमें आज चीन के राजकीय पुस्तकालय के विषय में बताया जो बहुत पसंद आया। पेइचिंग में स्थित चीन का राजकीय पुस्तकालय दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तकालय है यहाँ दुनिया के अनेक देशो की पुस्तकें रखी गई है। यह पुस्तकालय बहुत पुराना पुस्तकालय है यहाँ तीन हजार साल पुरानी पुस्तकें भी उपलब्ध हैं। वेइतुंग जी द्वारा चीनी भाषा के कार्यक्रम में चीन की

    संस्कृति की छोटी छोटी पर गूढ़ और दुर्लभ झलक पेश की जाती है। जो दूसरी जगह नहीं मिलती है। इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि चीन के भ्रमण कार्यक्रम में दक्षिणी चीन के हेनान द्वीप के समुद्रतटीय पर्यटन शहर हाईखो के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई 2007 में यह शहर चीनी नवोदित प्रसिद्ध ऐतिहासिक व सांस्कृतिक शहरों की सूची में शामिल कर लिया गया है । हाई खो शहर हाईनान प्रांत की राजधानी है और वह इसी प्रांत का राजनीतिक , आर्थिक व सांस्क्रतिक केंद्र भी है हाई खो शहर का क्षेत्रफल 25 वर्गकिलोमीटर है और जन संख्या कोई चार लाख से अधिक है । चुकी यह हाईखो हाईनान द्वीप में बहने वाली सब से बड़ी नदी नान तू नदी के समुद्री मुहाने पर स्थित है, इसलिये उस का नाम समुद्र मुंह यानी चीनी में हाई खो रखा गया है यह अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन शहर भी है हाई खो शहर में अब 60 से अधिक सांस्कृतिक व ऐतिहासिक अवशेष संरक्षण ईकाइयां हैं। पांच विश्वविख्यात ऐतिहासिक व सांस्कृतिक सड़कें भी हैं , वे सब पुराने हाई खो शहर को आधुनिक समृद्धिशाली समुद्रीय शहर के रूप में बदलने की ऐतिहासिक साक्षी हैं । हाईखो शहर हैनान द्वीप का सांस्कृतिक धरोहर को समर्पित सहर है सुंदर हाईखो शहर के मनोरम स्थलों की जानकारी देने के लिए आपका धन्यवाद।

    अनिलः दोस्तो, आज का दूसरा खत आया है केसिंगा ओड़िशा से सुरेश अग्रवाल का। लिखते हैं कि साप्ताहिक "आपकी फ़रमाइश आपकी पसन्द" के तहत श्रोताओं के पसन्दीदा छह दिलकश फ़िल्मी नग़मों के साथ रोचक,ज्ञानवर्धक एवं आश्चर्यजनक जानकारी का भी लाभ उठाया। दिशा का सही ज्ञान कराने वाले समार्ट जूतों के आविष्कारक दो भारतीयों क्रिस्टियान लॉरेन्स और अनिरुध्द को हमारी शुभकामनाएं। पीज़ो इलेक्ट्रिक इफ़ेक्ट तकनीक के आधार पर स्वयं बिजली पैदा कर सकने सम्बन्धी अमेरिकी वैज्ञानिकों की खोज़ भी काफी महत्वपूर्ण लगी। चेन्नई में दो कमरों के साधारण घर से जीवन की शुरुआत कर गूगल के शिखर को छूने वाले भारतीत सुन्दर पिचाई के बारे में जान कर सिर गर्व से ऊंचा हो गया। तमाम महत्वपूर्ण जानकारियों सहित आज की उत्तम प्रस्तुति के लिये हार्दिक धन्यवाद।

    साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत चीनी स्वायत्त तिब्बत प्रदेश के छान्तु प्रीफेक्चर स्थित वहां के पहले आधुनिक स्कूल- छान्तु प्रायोगिक प्रायमरी स्कूल पर पेश रिपोर्ट सुनी। सन 1951 में स्थापित उक्त स्कूल में वर्त्तमान में कुल 35 कक्षाएं और उनमें कोई 1800 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। विगत छह दशको की अवधि में स्कूल द्वारा दस हज़ार से अधिक प्रतिभाओं को जन्म दिया गया है। प्रतिभाओं का हिण्डोला कहे जाने वाले उक्त स्कूल में तिब्बती और चीनी हान भाषाएँ एकसाथ पढ़ाई जाती हैं। प्रायोगिक प्रायमरी स्कूल के प्रधान चान च्योलिन द्वारा स्कूल के इतिहास पर महत्वपूर्ण जानकारी के साथ यह भी बतलाया गया कि स्कूली पाठ्यक्रम के अलावा विद्यार्थियों को तिब्बती श्वांची नृत्य सहित वहां की संस्कृति में भी ढ़ाला जाता है। कार्यक्रम में पेश एक अन्य आलेख में सातवीं सदी में स्थापित तिब्बती भाषा के मानकीकरण कार्य में अब तक हुई प्रगति पर भी अहम जानकारी हासिल करने का मौक़ा मिला। इस परिप्रेक्ष्य में प्रोफ़ेसर थुतंग फांगख्वो के विचार सुनवाया जाना भी बहुत अच्छा लगा। धन्यवाद।

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि प्ताहिक "सण्डे की मस्ती" का भी खूब मज़ा लिया। चीन के शनजन शहर में मेकअप के ज़रिये 26 वर्षीय दुल्हन का 50 साल की दिखने का मज़ाक कितना महंगा पड़ा, यह जानकरी सीआरआई के एक अन्य प्रोग्राम में इससे पहले भी प्रसारित की जा चुकी थी, सो कृपया इस तरह की पुनरावृत्ति से बचें तो अच्छा लगेगा। कमज़ोर नज़र कैसे बन सकती है मुसीबत,इसका उदाहरण खिलौना मगरमच्छ को देख उसे असली समझने का किस्सा सुन भली-भांति समझ में आ गया। इराक़ में आईएस की गोलियों के बीच कूद अपनी बहन की जान बचाने वाले भाई को हमारा सलाम। चीन के एक आशिक द्वारा 99 आई फ़ोन-6 एकसाथ प्रपोज करने के बावज़ूद लड़की का ना करना उसके त्याग को दर्शाता है, वैसे दुनिया में सिरफिरे लोगों की कमी नहीं है। न्यूयॉर्क में बर्गर खाकर वज़न घटाने के चक्कर में अपना सर्वस्व लुटाने वाले व्यक्ति पर हमें तरस आता है, वैसे विज्ञापन भी कुछ ऐसे होते हैं,जो इन्सान की मतिभ्रष्ट कर देते हैं। दक्षिण अफ्रीका में कोबरा नामक वनस्पति द्वारा मनुष्य को अपने जबड़े में जकड़ने, मनुष्य के शरीर में इतना लोहा होना कि उससे एक कील बन सकती है, जानकरी काफी गज़ब की लगी। लक्ष्य की परिभाषा के साथ, जीवन में क्यों है ज़रूरी लक्ष्य का निर्धारण-अखिलजी की यह सीख काफी प्रेरक लगी। एटीएम के साथ कोई आपका अपहरण कर ले, इस मिसाल के साथ एटीएम की संवेदनशीलता समझाने के लिये भी धन्यवाद। हंसगुल्लों में सन्ता का लड़की देखने जाने वाले जोक के साथ सरदारों वाला ऑडियो भी काफी ज़ोरदार रहा। धन्यवाद।

    वनिता:दोस्तो, अगला खत आया है सऊदी अरब से सादिक आज़मी का। दिनांद 16 नवम्बर की सभा मे समाचारों के जाएज़े के बाद प्रस्तुत कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में पेश जानकारी और पहले अनिल जी के कार्यक्रम में शामिल हो चुकी थी। हांलाकि कुछ एक रिपोर्ट की बात की जाए तो वह पिछले दिनों आपके द्वारा प्रसारित हो चुकी थी मेरा इशारा आप समझ गये होंगे cri एक अंतर्राष्ट्रीय प्रसारण केन्द्र है और इसके श्रोता देश विदेश में मौजूद हैं। जो हर रोज़ कार्यक्रम को ध्यानपूर्वक सुनते हैं और महज़ कुछ दिनों में किसी कार्यक्रम की पुनरावृत्ति उनके जोश के ठंडा कर सकती। साथ ही प्रोग्राम की लोकप्रियता को खतरा हो सकता है एक शुभचिंतक और निष्पक्ष श्रोता होने के नाते हमारा दायित्व बनता है कि समय रहते आपको सूचित किया जाए। पिछली बार की तरह इस बार भी कुछ रोचक बातों ने हमारा मार्गदर्शन एवं मनोरंजन किया साथ मे कुछ उपदेशात्मक बातों ने मन मोह लिया और चुटकुलों की तो बात ही निराली होती है एक अच्छी प्रस्तुति के लिये शुक्रिया।

    अनिलः दोस्तो अब पेश है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल का खत। वे लिखते हैं गत् 13 नवम्बर को नेपई ताव मेँ भारत और चीन के प्रधानमंत्रियॉ की मुलाकात हुयी थी । यहे खुशी की बात है कि दोनॉ प्रधानमंत्रियॉ ने भारत-चीन संबंधॉ पर बल दिया है । भारत –चीन संबंध दोनॉ देशॉ के लिए बहुत अहम हैं। दोनॉ देशॉ का विकास एक दूसरे के विकास से जुड़ा हुआ है । दोनॉ देशॉ का साथ साथ विकास बहुत जरूरी है। यह भारत और चीन दोनॉ को भी समझना होगा कि दक्षिण एशिया मेँ शांति , स्थिरता और खुशहाली तभी आएगी , जब इन दोनॉ देशॉ के रिश्ते दोस्ताना और मजबूत होंगे । इसलिए दो महान देशॉ का हाथ मिलाकर सहयोग केवल दक्षिण एशिया नहीँ बल्कि विश्व के लिए भी योगदान है । भारत चीन संबंधॉ को हर दिशा मेँ आगे बढ़ाने के जो प्रयास शुरू हुए हैँ , आगे भी ये जारी रहेँगे , मुझे यह यकीन है ।

    वनिता:दोस्तो, बिधान चंद्र सान्याल जी ने हमें एक कविता भी भेजी है, जिसका शीर्षक है मेरा देश भारत।

    अनिलः कविता का विषय इस प्रकार है,

    दिनाजपुर , पश्चिम बंगाल , भारत ।

    मै कहता हुँ भारत मेरा है , /

    जीना यहाँ , मरना यहाँ , यही मेरा बसेरा है । /

    यही राम कृष्ण और काली है , /

    मस्जिद और मजारॉ की भी लाली है । /

    ताजमहल , लालकेल्ला , अजन्ता , हावड़ा ब्रिज और बाली है , /

    यहाँ हरे रंग की हरियाली है । /

    यहाँ पुँजिबाद एक गाली है , /

    और जेब सभी की खाली है , /

    फिर भी यह देश मतवाली है ।। /

    यहाँ रोटी मंहगी है , /

    मनुष्य सस्ता है ।/

    रात रंगीन है , /

    दिन खस्ताहै ! /

    सेट-मजदुर मेँ जंग है । /

    सभी लोडशेडिँग से तंग है ,/

    ये भारत का रंग है ।। /

    यहाँ गोरुटाना गाडी के साथ भू गर्भ मेँ ट्रेन है /

    हकि क्रिकेट के सभी फैन है । /

    रास्ते जैसे लेन है /

    महम्मद , सिं बनर्जी सेन है , /

    इंसानी से झुकती बस है , /

    जिन्दगी फिर भी सरस रै , /

    यही मेरा देश भारत है ।।

    वनिता:कार्यक्रम के अंत में पेश है आरा बिहार से राम कुमार नीरज का खत। वे लिखते हैं कि दुनिया का महत्वपूर्ण और मनोरंजक रिपोर्टों का एक प्रमुख केंद्र बनता जा रहा है सी आर आई हिंदी सेवा का साइट.दिलचस्प रिपोर्टों की कड़ी में ललित द्वारा सम्पादित "विश्व इंटरनेट सम्मेलन चीन में" पर एक खूबसूरत रिपोर्ट पढ़ने के साथ साथ तस्वीरों से भी रु बरु हुआ.प्रस्तुत रिपोर्ट से सम्बंधित यह जानना सचमुच बेहतर लगा कि चीन शांतिपूर्ण, सुरक्षित और खुला इंटरनेट वातावरण स्थापित करने को कटिबद्ध है.विदित है कि इंटेरनेट या विश्व अंतरजाल विज्ञान की ऐसी उपलब्धि है जिसने सूचना तकनीकि के क्षेत्र में असीमित संभावनाओं के द्वार खोल दिये हैं. इंटेरनेट की संकल्पना ने "गागर में सागर" को चरितार्थ कर दिया है. ज्ञान , विज्ञान , साहित्य , सूचना ,मनोरंजन और विविध विषयों पर विस्तृत तथ्य क्षण मात्र में नज़रों के सामने उपस्थित हो जाते हैं. अस्सी के दशक से आकार लेता नब्बे की दशक के मध्य तक आते आते इस तकनीक ने सूचना तकनीकि के पटल पर अनेक अभिनव आयामों को स्थापित कर दिया.मानवीय कल्पनाओं को नई ऊँचाईयों पर ले जाता इंटेरनेट आज समाज के एक बड़े वर्ग के दैनिक जीवन का अविभाज्य और अनिवार्य अंग बन गया है.

    अनिलः वे आगे लिखते हैं कि दक्षिण-पूर्व चीन के चच्यांग प्रांत के वूचेन कस्बे में तीन दिनों तक चलने वाला यह पहला विश्व इंटरनेट सम्मेलन कई मायनों में महत्वपूर्ण सावित होगा.

    इंटरनेट का रचनात्मक पक्ष मानव समाज के बौद्धिक एवं नैतिक स्तरों पर उत्थान का पर्याय बनता जा रहा है परन्तु नकारात्मक और विकृत मानसिकता के पोषक तत्वों द्वारा इस माध्यम का दुरूपयोग भी बढता जा रहा है.पीत पत्रकारिता हो या अश्लीलता को परोसती साइटें ,हैकिंग के दुष्परिणाम हों या गोपनीय सूचनाओं की चोरी ,इन सब गतिविधियों ने अंतरजाल के जाल में प्रयोगकर्ताओं को उलझा कर रख दिया है.इंटरनेट पर व्यावसायिक लेन देन के प्रकरणों में जालसाजी और धोखाधड़ी के मामलों ने ग्राहकों और सेवा प्रदाताओं दोनों को ही सशंकित और सावधान कर दिया है.पोर्न वीडियो और पाठ्य सामग्री की सहज एवं सुलभ उपलब्धता ने सांस्कृतिक प्रदूषण की हदों को पार कर दिया है जिसका सबसे अधिक दुष्प्रभाव बाल,किशोर एवं युवा मानसिकता पर दृष्टिगोचर हो रहा है.नग्नता और उन्मुक्त यौन संबंधों की वकालत करते साईट्स समाज की नैतिक अभिधारणाओं पर प्रहार कर रहें हैं.इस समस्या के प्रति हमें जागरूक होना पड़ेगा अन्यथा संबंधों की मर्यादा ,आबरू ,इज्जत जैसे शब्दों का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा.इंटरनेट सर्फिंग की लत के शिकार युवा चैटिंग ,फेसबुक सरीखे सोशल मीडिया के अनुप्रयोग से नकारात्मकता का ग्रास भी बनते जा रहे हैं जिसका परिणाम अनेक युवाओं द्वारा किये जा रहे आत्महत्याओं के रूप में सामने आया है.

    उम्मीद है इंटरनेट के विकाश के साथ ही उपजे ये नकारात्मक पहलुओं के निराकरण से सम्बंधित भी मुद्दे उठेंगे और और इसके अधिकतम फायदों पर भी बात होगी.

    एक खूबसूरत रिपोर्ट का शुक्रिया आपको.दिलचस्प रिपोर्टों की प्रक्रिया को यूँ ही बनाये रखें,ताकि हम जैसे लोग आपसे यूँ जुड़ें रहें.

    धन्यवाद

    वनिता:दोस्तो, अब सुनिए हमारे श्रोता ... के साथ हुई बातचीत।अनिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार

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