Web  hindi.cri.cn
    संडे की मस्ती 2014-11-16
    2014-11-19 16:55:14 cri

    हैलो दोस्तों... नमस्कार...नीहाओ...। आपका स्वागत है इस चटपटे और laughter से भरे कार्यक्रम सण्डे की मस्ती में। मैं हूं आपका दोस्त और होस्ट अखिल पाराशर।

    आज के इस कार्यक्रम में होंगे दुनिया के कुछ अजब-गजब किस्से और करेंगे बातें हैरतंगेज़ कारनामों की....इसी के साथ ही हम लेकर आये हैं मनोरंजन और मस्ती की सुपर डबल डोज, जिसमें होंगे चटपटे चुटकुले, ढेर सारी मस्ती, कहानी और खूब सारा फन और चलता रहेगा सिलसिला बॉलीवुड गानों का भी।

    दोस्तों, आज कार्यक्रम को होस्ट करने में मेंरा साथ दे रही है लिली जी...।

    लिली- हैलो दोस्तों, आप सभी को लिली का प्यार भरा नमस्कार.....।

    अखिल- चलिए दोस्तों, अब हम आरंभ करते हैं हमारी मस्ती की पाठशाला पर उससे पहले पढ़ें जाएंगे आपके प्यारे खत और लेटर्स।

    लिली- दोस्तों, हमें पहला पत्र मिला है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल जी का। बिधान जी लिखते हैं.... नमस्कार, मैं बताना चाहता हूं कि पिछले कुछ दिनों से चल रहे टेक्नीकल प्रोबलम की वजह से आपको मेल नहीं भेज पा रहा था। मेल भेजने के बाद custom errors नजर आता था। खैर... दिनांक 9 नवम्बर को देश-विदेश के ताजा समाचार सुनने के बाद मैनें अपना खास पसंदीदा साप्ताहिक सण्डे की मस्ती कार्यक्रम सुना। इस कार्यक्रम में मौजूद अजब-गजब बातें, देश-दुनिया से जुड़ी चटपटी और रोचक जानकारियां, कहानी, अडियो रिकॉर्डिंग, मजेदार चुटकुले और हिन्दी गाने, सब थे, जो एक मस्ती भरे प्रोग्राम में होता है। मैनें इस मस्ती भरे मनोरंजक कार्यक्रम का खूब मजा लिया।

    अखिल- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद बिधान चंद्र सान्याल जी। हम आशा करते हैं कि अब आपको किसी भी टेक्नीकल प्रोबलम से नहीं जुझना पड़ेगा। चलिए.. बढ़ते हैं अगले पत्र की तरफ, जिसे भेजा है केसिंगा, ओडिशा से भाई सुरेश अग्रवाल जी ने। भाई सुरेश जी लिखते हैं.... हमने साप्ताहिक "सण्डे की मस्ती" का नया अंक भी बहुत गौर से सुना और पेश सामग्री का खूब लुत्फ़ उठाया। हैरत हुई यह जान कर कि जर्मनी के एक व्यक्ति ने 1.2 मिलियन डॉलर बीमा राशि हड़पने के लिये अपनी ही अंगुलियां एवं अंगूठे काट डाले। किसी ने सच ही कहा है कि लालच बुरी बला है। वॉट्सऐप द्वारा फ़ेसबुक और ट्विटर को पीछे छोड़ने का समाचार सुन कर लगा कि अब तो मुझे भी एंड्रॉयड वाला फ़ोन ख़रीद ही लेना चाहिये। अमेरिका के शिकागो शहर में एक 35 वर्षीय युवक द्वारा ज़मीन से 200 मीटर ऊपर आँखों पर काली पट्टी बाँध बिना किसी सुरक्षा-जाल के रस्सी पर चलने के करतब के बारे में जान कर मानों हमारी तो जान ही निकल गई। समझ में नहीं आता कि उस दुस्साहसिक युवक को बधाई दूँ या कि ………? दार्शनिक सुकरात द्वारा आईना देखने का प्रसंग हमें यह सीख देता है कि पूजा गुणों की होती है, न कि जिस्मानी सुन्दरता की। इसलिये मनुष्य को कभी भी अपने रंग-रूप को लेकर हीनभावना का शिकार नहीं होना चाहिये। और हाँ, रेड़ियो मिर्ची का ऑडियो उत्तरप्रदेश की आज की व्यवस्था पर गहरा कटाक्ष कर गया। आज के तीनों हंसगुल्ले भी हंसाने में कामयाब रहे। धन्यवाद।

    लिली- आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सुरेश अग्रवाल जी। आपकी प्रतिक्रिया जानकर हमें बहुत उत्साह मिलता है। हमारा धन्यवाद स्वीकार कीजिए।

    1 2 3 4 5 6 7
    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040