Web  hindi.cri.cn
    राष्ट्रीय दिवस
    2014-10-10 11:20:20 cri

     


    वनिता:आपका पत्र मिला कार्यक्रम सुनने वाले सभी श्रोताओं को वनिता का नमस्कार। आज का प्रोग्राम अनिल जी की जगह अखिल पाराशर पेश करेंगे।

    अखिल:सभी श्रोताओं को अखिल का भी प्यार भरा नमस्कार।

    अखिल:दोस्तो, 1 अक्तूबर को चीन का राष्ट्रीय दिवस है। इस वर्ष चीन की स्थापना की 65वर्षगांठ है। राष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए चीन के विभिन्न जगहों पर रंगारंग गतिविधियां आयोजित हो रही है। इस दिवस पर आशा है सब लोग खुशी होंगे। दोस्तो, आज के प्रोग्राम में हम श्रोताओं के ई-मेल और पत्र पढ़ेंगे। इसके बाद एक श्रोता के साथ हुई बातचीत के मुख्य अंश पेश किए जाएंगे।

    दोस्तो, आज का पहला खत भेजने वाले हैं, बिलासपुर छत्तीसगढ़ से हमारे पुराने श्रोता चुन्नीलाल कैवर्त। वे लिखते हैं कि चीन लोकगणराज्य की स्थापना की 65 वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर सभी चीनी भाई बहनों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें ! आशा है,आप सब स्वस्थ एवं मंगलमय होंगे l

    चाइना रेडियो इंटरनेशनल की हिंदी सेवा के कार्यक्रमों को सुनना और वेब साइट पर विजिट करना, हमारे दैनिक जीवन का अटूट हिस्सा बन चुका है l " चीन -भारत मैत्री पुल के निर्माता " मेरे पसंदीदा कार्यक्रमों में से एक है l लेकिन आजकल इस कार्यक्रम की विशेष श्रृंखला प्रसारित की जा रही है ,उसकी जितनी भी तारीफ़ की जाये,कम है l इसकी प्रत्येक कड़ी बेहद महत्वपूर्ण है l इसमें दी जा रही जानकारी दुर्लभ और सूचनाप्रद है l कार्यक्रम में चीन और भारत के ऐतहासिक और सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करने वाले महान हस्तियों के बारे में सटीक और प्रमाणिक जानकारी दी जा रही है l अब तक की कड़ियों में हम मूल्यवान और तथ्यपूर्ण ग्रंथ के रचयिता फ़ा श्यान," महा थांग राजवंश काल में पश्चिम की तीर्थयात्रा का वृतांत " के अमर रचनाकार-ह्वानसांग , बौद्ध विद्वान कुमारजीव,चीनी जनता के घनिष्ट मित्र और महा कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर ,रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कविताओं के चीनी अनुवादक पाई खाईयुआन,चीनी जनता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले डाक्टर कोटनीस,सुप्रसिद्ध विद्वान और शिक्षाशास्त्री थाओ शिंग जी ,चित्रकार श्यू पेईहोंग,सुप्रसिद्ध विद्वान ची श्यानलिन,चीन में भारत संबंधी अनुसंधान कर्ता चिन तींगहान आदि महापुरुषों के बारे में ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक जानकारी प्राप्त कर चुके हैं l इनके नामों को चीन और भारत -दोनों देशों की जनता आदर के साथ लेती है lइनके बिना दोनों देशों के बीच के ऐतहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को नहीं समझा जा सकता l

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि आवश्यकता है ,प्राचीन संबंधों से शिक्षा और प्रेरणा लेकर दोनों देशों के आधुनिक सम्बन्ध को भी प्रगाढ़ एवं मधुर बनाया जाये l ताकि एशिया के दो प्राचीन और विशाल देश के नेतृत्व में एशिया और शेष विश्व की जनता के जीवन को बेहतर और खुशहाल बनाया जा सके l कृपया " चीन -भारत मैत्री पुल के निर्माता "कार्यक्रम की विशेष श्रृंखला का प्रसारण जारी रखें ,ताकि दोनों देशों की युवा पीढ़ी हमारे इन जन नायकों से प्रेरणा ले सकें l हो सके तो इन कड़ियों का बाद में पुनर्प्रसारण भी करें ,ताकि सी.आर.आई. के सभी श्रोता इन ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों को भलीभांति सुन सकें और दोनों देशों के ऐतहासिक और आधुनिक संबंधों को अच्छी तरह समझ सकें l बहरहाल इतनी मेहनत और लगन से श्रेष्ठ कार्यक्रम तैयार करने के लिए सी.आर.आई. का कोटिशः धन्यवाद l

    अखिल:आज के प्रोग्राम में दूसरा पत्र हमें भेजा है पश्चिम बंगाल से बिधान चंद्र सान्याल ने। लिखते हैं कि दुर्गापूजा बुराई पर सच्चाई , ईमानदारी और सदगुण की बिजय है । वह महान उत्सब हमे संयम एबं धर्य के पथ पर आगे बढ़कर एक ऐसे समाज का निर्माण करने की सीख देता है जिसके शांति एबं सौहार्द की जीत होती है। दुर्गापूजा बंगाल मेँ बिशेष रूप से प्रसिद्ध है । दुर्गापूजा को लेकर बंगाल की सांस्कृतिक जड अत्यन्त गहरी और आस्था के प्रति सचेत है। दुर्गापूजा के शुभ अवसर पर हमारि अल इंडिया सी आर आई लिसनार्स एसोसियेशन ने सी आर आई हिन्दी सेवा के प्रचार प्रसार के लिए भारी उत्साह के साथ बिशेष कारिक्रमॉ की तैयारी मेँ है । कारिक्रम इस प्रकार - 1) अगले 28 सितम्बर 25 गरीब लोगॉ के बीच नये बस्र प्रदान । 2) सप्तमी यानि 1 अक्तुबर से दशमी यानि 3 अक्तुबर तक बिभिन्न मंडप मेँ देखनेवाली आगत प्रतिमा दर्शनकारी दर्शकॉ को बीच 5000 प्रचार पत्र बितरण । 3) अगले 23 अक्तुबर यानि दीपावली के दिन 2014 के बालुरघाट मेँ श्रेष्ट प्रतिमा , श्रेष्ट प्यांडेल और आलोकसज्जाकरी क्लबकॉ शारद पुरस्कार प्रदान । हमारि बिश्वास है की इस कारिक्रमॉ से सी आर आई हिन्दी सेवा को प्रचार प्रसार की एक बढ़ा कामयावी हासिल होगी । हम बहुत खुश होंगी यदि आप श्रेष्ट प्रतिमा , श्रेष्ट प्यांडेल और श्रेष्ट आलोकसज्जाकरी तीन क्लबॉ को हमारी पुरस्कार के साथ सी आर आई के कोई गिफट् दे पाता हुँ । आपके सहायता पर प्रतीक्षा कर रहा हुँ । धन्यबाद

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि यहे जानके मैने बहुत खुश हुँ की चीनी संस्कृति और नये सिल्क रोड यानि रेशम मार्ग के बारे मेँ अधिक से अधिक भारतीय जानने के लिए अगले बर्ष फरबरी भारत मेँ समुद्री सिल्क रोड से संबर्धित कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे । भारत -चीन संबंधॉ मेँ सांस्कृतिक आदान-प्रदान आर्थिक आवाजाही की तरह महत्वपूर्ण है । रेशम मार्ग प्राचीनकाल और मध्यकाल से ऐतिहासिक ब्यापारिक मागॉ का एक्जाअल था जिसके जरिये एशिया यूरोप और अफ्रीका जुड़े हुए थे । रेशम मार्ग का चीन , भारत , ग्रिस अरब और रोम की महान सभ्यताओ के बिकास पर गहरा असर पड़ा । नये रेशम मार्ग की आर्थिक जोन निर्माण सभी देशॉ के हित मेँ अहम भूमिका रख सकेगी ।

    अखिल: दोस्तो, अब पेश है एक जोख, जिसे भेजा है सऊदी अरब से मुहम्मद सादिक आज़मी ने। विषय इस प्रकार है कि छोटा संता जोर-जोर से रोता, सीढि़यों से उतरता नीचे आ रहा था।

    संता की पत्नी-क्या बात है?

    छोटा संता (सिसकियां भरते हुए)- पापा दीवार पर पेंटिंग टांगने के लिए कील टोक रहे थे, तो गलती से उन्होंने हथौड़ा अपने ही अंगूठे पर मार लिया संता की पत्नी (उसे चुप कराते हुए)- बेटा कौन सी घबराने वाली बात है।

    चलो अब बहादुर बच्चों जैसे हंस कर दिखाओ!

    छोटा संता- ऊपर वही तो किया था!

    वनिता:वे आगे लिखते हैं कि ३ सितम्बर को ताज़ा समाचारों के उपरांत अपना पसंमदीदा कार्यक्रम आपका पत्र मिला सुना प्रस्तुति थी अनिल जी और वनीता जी की श्रोता मित्रों की प्रतिकृया से कई नए अनुभव की प्राप्ति हुई पर पूर्व मे हम पहले भी निवेदन करते आए हैं और फिर आपसे विनम्रता से अपील करते हैँ कि इस कार्यक्रम मे श्रोताओं की प्रतिकृया पढ़ने के साथ cri का पक्ष भी रखें ताकि आपकी आगामी नीति का पता चल सके । महज़ पत्रों को पढ़कर सुनाना पर्याप्त नही लगता आशा करता हूं इस ओर ध्यान दिया जाएगा ।

    आगे कार्यक्रम मे रायपुर छत्तीसगढ़ के श्रोता भाई अशोक बजाज के साथ अनिल जी द्वार लिया गया साक्षात्कार अच्छा लगा बातचीत से उनके क्ल्ब की गतिविधि और योजनाओं का पता चला साथ मे cri हिन्दी के प्रति उनके लगाव और टिप्पड़ि उनकी ज़ुबानी सुनने और सामाजिक क्षेत्र मे कार्यकलापों से अगवग़त होने का अवसर मिला जिसके लिये अनिल जी का साधुवाद

    अखिल:दोस्तो, अगला खत भेजा है, कोलसिया से राजीव शर्मा हेमंत कुमार ने। लिखते हैं कि आज का दिन मेरे लिए सबसे बड़ी खुशी का दिन है। अपनी जिंदगी के 27 वर्षों के सभी दिनों में शायद यह पहला मौका है जिसे मैं हमेशा याद रखना चाहूंगा। कृपया धीरज बनाइए रखिए। अभी मैं इस रहस्य को प्रकट करता हूं। आज (03-09-2014) मेरी पहली कहानी छपी है। वो भी राजस्थान पत्रिका की 'परिवार' मैग्जीन में। यूं तो मैं ब्लॉग और कुछ वेबसाइटों के लिए लिखता रहा हूं लेकिन किसी राष्ट्रीय स्तर के अखबार में यह मेरी पहली कहानी है। मैं इसे हमेशा संभाल कर रखूंगा। 'परिवार' के साथियों, आपका शुक्रिया।

    मुझे दूसरी खुशी इस बात की है कि हमारे संपादक श्री गोपाल जी शर्मा की नई पुस्तक प्रकाशित हुई है। मैं इस क्षण को भी कभी नहीं भूल सकता, जब किसी ने किताब की पहली प्रति पर पहला अक्षर मुझसे लिखवाया। मैं श्री गोपाल जी का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे इस योग्य समझा। जो व्यक्ति जितना बड़ा होता है, वह उतना ही विनम्र भी होता है, यह मैंने देखा।

    वनिता:दोस्तो, अब समय हो गया है प्रोग्राम को आगे बढ़ाने का। नेक्स्ट खत हमें भेजा है एसबीएस वर्ल्ड श्रोता क्लब से एस बी शर्मा ने। वे लिखते हैं कि चीन के तिब्बत प्रोग्राम में श्याओथांग जी ने तिब्बती महाकाव्य राजा केशर के विषय में विस्तार से बताया राजा केसर की कहानी तिब्बत में बहुत लोकप्रिय है इस काव्य तिब्बत का सांस्कृतिक धरोहर है राजा केसर की कहानी कहने और गाने वाले लोगो का मान भी चीन और तिब्बत में खूब है राजा केसर महाकाब्य का तिब्बती भाषा के साथ चीन के हाँ भाषा में भी अनुवाद किया गया है तिब्बती और हान भाषा में राजा कैसर की कहानी गाने वाले एक तिब्बती विद्वान के शब्दों में इसका विस्त्रित वर्णन भी सुनाया गया जो बहुत पसंद आया।

    अखिल:वे आगे लिखते हैं कि टी टाइम प्रोग्राम में वेइतुंग और अनिल जी कमाल की जानकारिया शेयर की भारतीय इतिहास कार विपिन चन्द्रा का निदान ९४ साल के उम्र में पिछले शनिवार को दिल्ली में हुआ भारत के स्वतंत्रता के संघर्स पर उन्होंने अनेक रचना लिखी इस महान व्यक्तित्व को सी आर आई के द्वारा दी गई श्रद्धांजलि बहुत अच्छा लगा २०१४ में रोजरफेडरर दुनिया के सबसे ज्यादा कमाऊ खिलाडी रहे आज खेल कमाई का अच्छा जरिया बन गया इस क्षेत्र में रोजगार, सोहरत और इज्जत के साथ धनवर्षा खूब हो रहा है और खेल एक महत्वपूर्ण करियर विकल्प के रूप में उभर का आया अब खेल को अपना कर प्रतिष्ठित मुकाम हासिल किया जा जा सकता है एम एस एन मैसेंजर चीन में ३१ ओक्टुबर से अपनी सेवाएं बंद कर रहा है जिसके तिस करोड़ उजर अब दूसरे कंपनी में आज टी टाइम प्रोग्राम में वेइतुंग और अनिल जी कमाल की जानकारिया शेयर की भारतीय इतिहास कार विपिन चन्द्रा का निदान ९४ साल के उम्र में पिछले शनिवार को दिल्ली में हुआ भारत के स्वतंत्रता के संघर्स पर उन्होंने अनेक रचना लिखी इस महान व्यक्तित्व को सी आर आई के द्वारा दी गई श्रद्धांजलि बहुत अच्छा लगा २०१४ में रोजरफेडरर दुनिया के सबसे ज्यादा कमाऊ खिलाडी रहे आज खेल कमाई का अच्छा जरिया बन गया इस क्षेत्र में रोजगार, सोहरत और इज्जत के साथ धनवर्षा खूब हो रहा है और खेल एक महत्वपूर्ण करियर विकल्प के रूप में उभर का आया अब खेल को अपना कर प्रतिष्ठित मुकाम हासिल किया जा जा सकता है एम एस एन मैसेंजर चीन में ३१ ओक्टुबर से अपनी सेवाएं बंद कर रहा है जिसके तिस करोड़ उजर अब दूसरे कंपनी में शिफ्ट हो जायेंगे ये उजर मुख्य रूप से चीनी मैसेंजर कंपनी स्कीब में शिफ्ट होंगे ऐसा उम्मीद किया जा रहा है टमाटर खाने से पुरुषों के प्रोस्टेट कैंसर जैसे भयानक रोगो को नियंत्रित किया जा सकता सब मिलाकर इस के कार्यक्रम में शामिल सभी जानकारिया काफी पसंद आई इतने बढ़िया जानकारियों के लिए आपको ढेर सारा धन्यवाद।

    वनिता:दोस्तो, अब पेश है अशोक बजाज का खत। लिखते हैं कि आपका पत्र मिला कार्यक्रम में मेरी भेट वार्ता की सराहना करने के लिए केसिंगा के श्रोता भाई सुरेश अग्रवाल जी का मै अत्यंत आभारी हूँ. आशा है कि आपसे जल्द ही प्रत्यक्ष मुलाकात होगी. इसी प्रकार मैं भाई पी.बी.शर्मा जी का भी आभारी हूँ , जिन्हें यह भेंट वार्ता पसंद आई . मैं उन श्रोताओं का भी आभारी हूँ जिन्होनें टेलीफोन, मोबाईल वाट्सएप अथवा फेसबुक के माध्यम से मुझे बधाई दी तथा भेंट वार्ता की सराहना की . कुछ श्रोता बंधु जो यह कार्यक्रम नहीं सके उन्हें जरुर दुःख हुआ है यदि CRI द्वारा आडियो रिकार्डिंग की व्यवस्था की गई तो उसे फेसबुक अथवा वाट्सएप के माध्यम से अन्य श्रोताओं तक पहुँचाना चाहूँगा .

    अखिल:वे आगे लिखते हैं कि मै CRI का विशेषकर लोकप्रिय उद्घोषक भाई अनिल पाण्डे जी का आभारी हूँ जिन्होंने मेरी भावनाओं को रेडियो के माध्यम से अन्य श्रोताओं तक पहुचाया. उनसे यह गुजारिश करता हूँ कि वे इस प्रसारण को वेबसाईट में डालने का कष्ट करें ताकि निर्धारित समय में जो भी श्रोता आपका पत्र मिला कार्यक्रम नहीं सुन सके है उनको सुनने का अवसर मिल सके. आभार !!!

    वनिता:दोस्तो, अगला खत हमें भेजा है अनिल द्विवेदी। लिखते हैं कि चीन और भारत के बिदेश मंत्रियॉ की फोन बार्ता पर बिशेष रिपोर्ट वेबपेज मेँ प्रकाश करने के लिए सी आर आई हिन्दी सेवा को बहुत बहुत धन्यबाद ।चीन भारत के साथ द्विपक्षीय उच्च स्तरीय आवाजाही को प्रगाढ़ करने, यथार्थ सहयोग को गहरा करने और चीन-भारत रणनीतिक साझेदारी सहयोगी संबंधों को एक नई ऊंचाई पर विकसित करने के लिए प्रयास करने को तैयार है।

    अखिल:वे आगे लिखते हैं कि दक्षिण पश्चिम चीन के स छ्वान प्रांत मेँ आडू फुल कबिता गांव सी आर आई हिन्दी सेवा के साथ दौरा करते हुये अच्छा लगा । इस गांव के नाम आडू कविता गांव के नाम के नाम से जाना जाता है क्योकि यहां कि सभी वासियों को आडू पेड़ लगाना और कविता लिखना पसंद है ।

    वनिता:दोस्तो, अगला खत हमें भेजा है केसिंगा ओड़िशा से सुरेश अग्रवाल ने। लिखते हैं कि कार्यक्रम में मालूम है कि आड़ू फूल गाव के लोग आड़ू फूल के सामान सुन्दर है और आड़ू फूल के महक के समान गाव के लोगो के कविता से विश्व के लोग यहाँ आकर्षित होकर आते है. ऐसे गाँव का दौरा करना रोमांचक होगा । दिनांक 29 अगस्त को ताज़ा अन्तर्राष्ट्रीय समाचारों का ज़ायज़ा लेने के बाद हमने साप्ताहिक "चीन का तिब्बत" के तहत तिब्बत की पवित्र थांगखा चित्रकला को नया आयाम प्रदान करते गुरु सनथाई चा और उनके आत्मविमोही से पीड़ित शिष्य वांगहान पिन की कहानी सुनी। यूं तो थांगखा को घास मैदानों में गाय चराने वाले घुमन्तू चरवाहे भी अपने पास रखते हैं, परन्तु नई बात यह है कि थांगखा अब तिब्बत से बाहर निकल कर चीन के भीतरी भागों यहाँ तक की विदेशों में भी अपना विस्तार कर रही है। कोई तेरह सौ साल पुरानी इस चित्रकला के बारे में जितनी बार भी सुना जाये, उससे कुछ नया निकल कर आता है। हमने जो समझा उसके मुताबिक थांगखा एक चित्रकला ही नहीं, तिब्बती लोगों की धार्मिक आस्था, साधना और पूजा का प्रतीक है।

    अखिल:वे आगे लिखते हैं कि 1 सितम्बर को साप्ताहिक "चीन का भ्रमण" के तहत ईसापूर्व 486 में बनी चीन की महानहर के क्रमिक विकास की कहानी बेहद ज्ञानवर्धक लगी। यद्यपि, पुराना और नियमित श्रोता होने नाते के नाते महानहर के बारे में पहले भी कई बार चर्चा सुन चुका हूँ, परन्तु हर बार कुछ नया निकल कर आता प्रतीत होता है। कार्यक्रम में क्वाचो के उत्थान-पतन के अलावा यांग्चू और हानकुन नहर की कहानी भी सूचनाप्रद लगी। हमने महसूस किया कि तब चीन की महानहर नौपरिवहन का कितना सशक्त माध्यम हुआ करती थी और इसके किनारे विभिन्न संस्कृतियाँ किस प्रकार पनपीं और विकसित हुईं।

    वनिता:कार्यक्रम में ईसापूर्व 300 में बनी चीन की मशहूर लम्बी दीवार का इतिहास आज एकबार फिर सुनने का मौक़ा मिला। पता चला कि दुनिया का यह सातवां अज़ूबा महज़ एक दीवार नहीं, एक क़ब्रिस्तान भी है, जिसके निर्माण में लाखों मज़दूरो की क़ुर्बानी दफ़्न है। छह हज़ार किलोमीटर लम्बी इस दीवार को बनाने में भी हज़ारों साल लगे थे। इसकी चौड़ाई इतनी थी कि उस पर पांच घोड़े एकसाथ दौड़ाये जा सकें। सन 1211 में चंगेज़ खान ने दीवार तोड़ कर चीन पर आक्रमण किया था। वैसे दीवार बनाने का मक़सद विदेशी आक्रान्ताओं से चीनी लोगों की रक्षा करना था। लम्बी दीवार कारीगरी का वह बेजोड़ नमूना है, जिसे आज की आधुनिक निर्माण तकनीक भी शायद पूरा न कर सके। मेरी राय में उक्त दीवार को एक शहीद स्मारक कहना भी ग़लत न होगा।

    अखिल:दोस्तो, इसी के साथ आपका पत्र मिला प्रोग्राम यही संपन्न होता है। अगर आपके पास कोई सुझाव या टिप्पणी हो तो हमें जरूर भेजें, हमें आपके खतों का इंतजार रहेगा। इसी उम्मीद के साथ कि अगले हफ्ते इसी दिन इसी वक्त आपसे फिर मुलाकात होगी। तब तक के लिए अनिल पांडे और वनिता को आज्ञा दीजिए, नमस्कार।

    © China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
    16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040