2009-04-01 17:24:06

घी-दीप उत्सव

घी-दीप उत्सव तिब्बती जाति का परंपरागत महोत्सव है ,जो हर साल तिब्बती पंचाग के अनुसार 15 जनवरी को आयोजित होता है।

घी तिब्बती खाने में एक महत्वपूर्ण तत्व है ,जो गाय व भेड के दूध से बनता है ।तिब्बती जनता को याक के दूध से बना घी सब से अधिक पसंद है ।गर्मी व शरद के मौसम में उत्पादित याक के घी का रंग पीला पीला है और वह बहुत स्वादिष्ट होता है ।

घी से विभिन्न बौद्ध प्रतिमाएं ,पात्र ,प्राकृतिक दृश्य ,मंडप व इमारत ,पशु व पक्षी और फूल व पेड के आकार वाली कलात्मक रचनाएं भी बनायी जाती हैं ।

घी-दीप महोत्सव के दिन तिब्बती लोग बौद्ध की पूजा करते हैं और धार्मिक चक्र घुमाते हैं ।तिब्बती बौद्ध धार्मिक मठों में तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होते हैं ,उदाहरण के लिए बीसेक तिब्बती आपेरा मास्क पहने हुए अभिनेता बिगुल ,ढोल व घडियाल के धुन में नाचते व गाते हैं । रात में विभिन्न मठों व मुख्य सडकों पर दीपक वृक्ष लगाये जाते हैं ,जिन पर घी-दीप रखे जाते हैं ।लोग दीपक जला कर शुभकामना करते हैं । दीपक की चमक में घी से बनी प्रतिमाएं चटकीली और सुंदर दिखाई देती हैं ।

घी-दीप महोत्सव का दृश्य घी से बनी प्रतिमाओं की पूजा करते हुए बौद्ध धर्म के अनुयायी (शिन्ह्वा एजेंशी)

घी-दीप महोत्सव का दृश्य ल्हासा में जोखांग मंदिर के भिक्षुओं द्वारा घी से बनायी गयी जोंग खा पा और उन के छात्र की प्रतिमाएं(शिन्ह्वा एजेंशी) 

घी-दीप विश्व के सब से ऊंचे पठार की रात में तारों की तरह चमकते हैं ।तिब्बती लोग घी दीपकों के पास नाचते-गाते खुशियां मनाते हैं ।घी-दीप महोत्सव कई दिन तक चलता है ,जो तिब्बती लोगों के लिए सब से खुशी का त्योहार है ।

घी-दीप महोत्सव का दृश्य, अनुयायी दीपक में घी डाल रहे हैं (शिन्ह्वा एजेंशी)