2009-04-01 17:12:06

तिब्बती पंचांग का नया वर्ष

तिब्बती पंचांग का नया वर्ष तिब्बती जाति का सब से भव्य त्योहार है । तिब्बत के विभिन्न स्थलों में तिब्बती पंचांग का नया वर्ष मनाने का समय अलग-अलग है । राजधानी ल्हासा में पहली जनवरी को नया वर्ष मनाया जाता है। न्यानछ्यू नदी के दक्षिण भाग में स्थित तिब्बती लोग तिब्बती पंचांग के अनुसार पहली दिसम्बर को नया वर्ष मनाते हैं, जबकि छंगतु प्रिफैक्चर समेत अनेक क्षेत्रों में पहली नवम्बर को नया वर्ष मनाया जाता है।

तिब्बती पंचांग के नए वर्ष का चित्र 1 तिब्बती पंचांग के नए वर्ष की पूर्व वेला में छ्येमा और फूलों की सजावट से पोटाला महल को नया रूप दिया जाता है (शिन्ह्वा एजेंशी)

ल्हासा वासी तिब्बती पंचांग के अनुसार दिसम्बर से ही तैयारी कर रहे हैं । हर परिवार"छ्येमा"नामक पकवान बनाता है, जिसे देव तख्त के सामने रखा जाता है, तिब्बती लोगों की प्रार्थना है आने वाले साल की फ़सल अच्छी होगी।

नए वर्ष की पूर्व संध्या पर तिब्बती लोग बूद्ध मूर्ति के सामने तरह-तरह के खाद्य पदार्थ रखते हैं । त्योहार के दौरान पूर्ण खाद्य पदार्थ तैयार करने के लिए परिवार के लोग गहरी रात तक काम करते हैं ।

तिब्बती पंचांग के नए वर्ष के प्रथम दिन की सुबह लोक कलाकार कथा वाचन करते हैं । वे सफेद मुखौटा पहनकर हाथों में लकड़ी पकड़े हुए गाते हैं। तिब्बती जाति के इस प्रकार के विशेष कथा वाचन का अर्थ शांति व अमन है । इस दिन हर परिवार के लिए प्रथम कार्य है नदी में जाकर नए वर्ष का प्रथम पीपा पानी यानी शुभ पानी लाकर चाय बनाना ।

नए वर्ष के दूसरे दिन से ही दोस्त व रिश्तेदार एक दूसरे के यहां जाते हैं और नए वर्ष की शुभकामनाएं देते हैं । इस प्रकार की गतिविधि चार पांच दिन चलती है ।

तिब्बती पंचांग के नव वर्ष के दौरान चौक पर या घास मैदान में लोग घेरा बनाकर क्वोच्वांग नृत्य, श्वुआनज़ी नृत्य नाचते हैं । वाद्ययंत्रों की मधुर आवाज़ में हाथ में हाथ डाल कर गाते नाचते हैं । बच्चे पटाखे चलाते हैं । माहौल बहुत खुशगवार होता है ।

तिब्बती पंचांग के नए वर्ष का चित्र 2 श्वुआनज़ी नृत्य(सी आर आई ऑन लाइन)

तिब्बती पंचांग के नए वर्ष मनाने की गतिविधियां पंद्रह दिन चलती हैं ।