
हमारे संवाददाता ने 19 तारीख को तिब्बत के जाशलुनबू मठ का दौरा करने के वक्त खबर प्राप्त की कि इस वर्ष के शुरू में आरंभ हुआ जाशलुम्बू मठ का मरम्मत काम बेरोकटोक चल रहा है। वर्ष 2010 से पूर्व मरम्मत कार्य सर्वतोमुखी तौर पर पूरा होगा ।
जाशलुम्बू की स्थापना 1447 में हुई थी, इतिहास बहुत पुराना होने के कारण वर्तमान में मठ के अनेक भवन क्षतिग्रस्त हैं । मौजूदा मरम्मत परियोजना के लिए देश ने कुल 13 करोड़ य्वान की राशि लगायी है । मरम्मत मठ का मूल रूप बरकरार रखने के सिद्धांत के आधार की जाएगी, मठ में सुरक्षित सांस्कृतिक अवशेषों व भित्ति चित्र के संरक्षण के आधार पर त्सोचेन भवन, जाम्बा बुद्ध मूर्ति, चौथी पीढ़ी वाले पंचन लामा के स्तूप और गांग्युर भवन आदि का जीर्णोद्धार किया जाएगा । इस के साथ ही बिजली, वर्षा व प्रदूषित पानी की निकासी प्रणाली का भी सुधार किया जाएगा ।
पता चला है कि जाशलुम्बू मठ तिब्बत के शिकाज़े प्रिफैक्चर के उत्तर पश्चिमी भाग के निमा पहाड़ की तलहटी में स्थित है, जिस का क्षेत्रफल 2 लाख 37 हज़ार वर्गमीटर है । वर्ष 1713 में यह जगह पंचन लामा का निवास स्थान बन गयी । मठ में अनेक सांस्कृतिक अवशेष सुरक्षित हैं । (श्याओ थांग)