2009-01-08 16:26:18

तुंगबा संस्कृति का विकास करने वाले लकड़ी नक्काशी कलाकार लाओ मू

युन्नान प्रांत के ली च्यांग शहर में एक छोटी सी सड़क में"तुंगबा लकड़ी नक्काशी दुकान"है । दुकान में प्रवेश करते ही लोगों की नज़र लकड़ी से बनी हुईं बड़ी व छोटी नक्काशी वाली वस्तुओं पर पड़ती है। दुकान में विभिन्न रचनाएं हैं,विशेष शैली वाली, मानवीय चेहरे पर नक्काशी और विविधतापूर्ण भावना तथा नाशी जाति के अक्षर व चित्रों से वहां रहस्यमय वातावरण की सृष्टि हुई है ।

चीन की अल्पसंख्यक जातियों में से एक के रूप में नाशी जाति अपनी प्राचीन चित्रलिपि, विशेष नाशी प्राचीन संगीत और रहस्यमय तुंगबा संस्कृति के कारण मशहूर है । तुंगबा कला में लकड़ी की नक्काशी सब से प्रसिद्ध है । नाशी जाति की भाषा में"तुंगबा लकड़ी नक्काशी"को"त्वो मा"कहा जाता है । कलाकार स्थानीय विशेष लकड़ी पर भिन्न-भिन्न चित्र अंकित करते हैं , जिन के मुख्य विषय आम तौर पर नाशी जाति के रोज़मर्रा का जीवन और लोक कथाएं होता है। तुंगबा लकड़ी नक्काशी की शैली विविधतापूर्ण है और देखने में आश्चर्यजनक है। वह तुंगबा चित्रों के साथ नाशी जाति की मूल्यवान कलात्मक वस्तुएं मानी जाती हैं ।

"तुंगबा लकड़ी नक्काशी दुकान"का मालिक मू शिनरोंग नाशी जाति का पुरूष है, उस के दोस्त प्यार से उसे लाओ मू कहते हैं । चीनी भाषा में लाओ का अर्थ है बड़ा और मू का अर्थ है लकड़ी । वर्ष 1999 में लाओ मू ने यह दुकान खोली और यहां वह लकड़ी की नक्काशी वस्तुओं को बेचने लगा । लाओ मू की नक्काशी रचनाओं में कुछ नाशी जाति की संस्कृति के आधार पर बनाई गई हैं, जिन में तुंगबा चित्रलिपि और देव मूर्तियां शामिल हैं । कुछ रचनाएं नाशी जाति के जीवन पर आधारित वस्तुएं हैं, जिन में नाशी बूढ़िया, पूजा करने वाले तुंगबा धर्म के अनुयायी और पशु पालन करने वाली नाशी की लड़कियां आदि शामिल हैं । लाओमू की लकड़ी नक्काशी रचनाओं का रंग लाल और काला है । लाओ मू अपनी रचनाओं के लिए विशेष तौर पर रंग बनाता है, लाल व काले रंग वाली नक्काशी वस्तुएं देखने में बहुत प्राचीन लगती हैं, यह नाशी जाति के प्राकृतिक रंग के नज़दीक है । अपनी लकड़ी नक्काशी की चर्चा में नाशी पुरूष लाओमू ने कहा:

"मैं ने अपने पिता जी के प्रभाव से चित्र बनाना शुरू किया । बचपन में पिता जी सरल लाइनों से खरगोश और चूहे के चित्र बनाते थे । हमारे घर के द्वार पर अनेक चित्र हैं । जब में थोड़ा बड़ा हुआ, तो में ने भी चित्र बनाना शुरू किया ।"

बचपन में लाओमू का घर में बहुत गरीबी थी, युवावस्था में उसे स्कूल छोड़ कर घर में काम करना पड़ा । लेकिन चित्र बनाने का उस का शौक कभी बंद नहीं हुआ । एक बार वह अपने पिता के साथ दूसरे व्यक्ति के यहां काम कर रहा था, लाओ मू के दाएं हाथ की अनामिका उंगली ट्रक की पट्टी में फंस कर कट गयी । इस घटना से लाओमू को भारी दुख हुआ , हाथ के दर्द से वह कलम भी नहीं पकड़ सकता था। घर की जीवन स्थिति मुश्किल होने के कारण अंत में लाओमू ने अपना पसंदीदा काम चित्र बनाने का काम छोड़ दिया और स्थानीय लकड़ी वस्तु कारखाने में काम करने लगा । इस की चर्चा में लाओमू ने कहा:

"पहले मैं एक चित्र कलाकार बनना चाहता था । लेकिन मेरे पास श्रेष्ठ अध्यापक नहीं था । बाद में मैं ने ली च्यांग शहर में लकड़ी नक्काशी दुकान खोली । नक्काशी करने के वक्त अपनी रचनाओं के विषय चुनना महत्वपूर्ण है । ली च्यांग में तुंगबा संस्कृति, नाशी कुलचिन्ह और अक्षर विविधतापूर्ण हैं । अंत में मैं ने नाशी जाति के कुलचिन्हों को चुना । नाशी की कुलचिन्ह संस्कृति की कोई दस हज़ार से ज्यादा किस्में हैं, मैं खूब नक्काशी वस्तुएं रच सकता हूँ ।"