पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हुई पीली नदी कानून प्रांत में आकस्मिक रूप से उत्तर की तरफ़ मुड़कर अंग्रेज़ी के अक्षर"यू"का आकार ले लेती है, यह नदी बाढ़ों और सूखे का ऐसा चक्र है जिसके चलते सदियों से नदी मार्ग के अनेक भाग प्रभावित होते आए हैं।
यहां 2000 वर्ष पहले सिंचाई परियोजना आरंभ हुई थी, मुक्ति के बाद जन सरकार के प्रयत्नों से इस लम्बे और संकरे हथाओ"नदी मोड़" मैदान को उत्तरी चीन के अनाज भंडार में परिवर्तित किया गया, यह क्षेत्र 40000 वर्ग किलोमीटर पर फैला हुआ है और यहां धान, गेंहूं, मकई, फलों और सब्जियों की भी खूब पैदावार होती है।
यहां की जलवायु समशीतोष्ण है और अनेक सिंचाई नालियां फैली हुई हैं। हरे-भरे पेड़ों की कतारों की वजह से यह क्षेत्र दक्षिणी चीन का इलाका सा लगता है। उत्तर-पश्चिम में खड़ा हलान पर्वत गोबी रेगिस्तान से आने वाली शीत लहर और रेत की रोकथाम करता है।
प्राचीन काल से पीली नदी में हमेशा से ही बाढ़ की तबाही फैलती थी। लेकिन 2200 वर्ष पहले, छिन राजवंश काल में अनेक दल इस नदी के मन्थर गति से बहने वाले क्षेत्र में सिंचाई नालियां खोदने तथा परती भूमि को हरा-भरा बनाने के लिए भेजे गए। उनमें से कुछ सिंचाई नालियां आज भी उपयोग में लाई जा रही हैं और गत छह दशकों के दौरान सरकार सिंचाई व्यवस्था में सुधार पर भी ध्यान देती रही है। कोई दर्जन भर मुख्य नहरे हैं, जिन में से हरेक की चौड़ाई 100 किलोमीटर है और ये मैदानों से होकर बहती हैं। 1958 में केद्रीय सरकार ने 370 किलोमीटर लम्बी पांच वृहत नदियां खोदीं। इससे छिडंथुडं घाटी एक जल सिंचाई क्षेत्र बन गया। अब इसका उपयोग फसली क्षेत्रों की सिंचाई, बिजली उत्पादन और बाढ़ों पर नियंत्रण के लिए हो रहा है। छिडंथुडं घाटी पर 7000 वर्गकिलोमीटर सिंचाई क्षेत्र के खुलने से अनाज की उत्पादन मात्रा दक्षिणी चीन की उत्पादन-मात्रा के बराबर पहुंच गई है। इसके चलते चीन के लम्बी दीवार के उत्तरी क्षेत्र में एक "अनाज भंडार"बन गया है। इसके अलावा हाईड्रोपावर स्टेशन द्वारा इस क्षेत्र के कस्बों और गांवों में बिजली पहुंचाई जाती है।
थुमोछ्वान मैदान में स्थित भीतरी मंगोलिया स्वायत प्रदेश की राजधानी होहहोथ इस प्रदेश का राजनीतिक, आर्थिक तथा सांस्कृतिक केंद्र है और 10 लाख से अधिक जन संख्या वाला पाओथो शहर देश के प्रमुख लौह-इस्पात उत्पादन क्षएत्रों में से एक है। हथाओ मैदान में उभरता शहर इनछ्यावन, निडंश्या ह्वेइ स्वायत प्रदेश की राजधानी है, चीन के ज्यादातर मुसलमान यहीं वास करते हैं।