नरेंद्र मोदी के भारत के नये प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत ने पूर्व की तरफ देखने की इच्छा प्रकट की है।
सोमवार 9 जून को मोदी ने नयी दिल्ली में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग के विशेष दूत चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भेंट की। उन्होंने कहा कि मैं चीन के विकास में प्राप्त उपलब्धियों की प्रशंसा करता हूं और चीन के प्रति मेरी मित्रवत भावना है। उन्होंने यह भी कहा है कि दोनों पक्षों को अपनी श्रेष्ठता से लाभ उठाकर बुनियादी सुविधाएं, विनिर्माण उद्योग व सॉफ्टवियर आदि क्षेत्रों में सहयोग करना चाहिये।
भाजपा चीन-भारत संबंध को भारत की आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने की शक्ति मानती है। आशा है कि चीन-भारत सहयोग पर निर्भर रहते हुए भारत के विनिर्माण उद्योग को खोला जा सकेगा, और बुनियादी सुविधाओं का सुधार भी किया जाएगा।
रविवार 8 जून को वांग यी ने भारत के प्रमुख अंग्रेजी अख़बार द हिन्दू को दिए इन्टरव्यू में कहा कि चीन व भारत को आर्थिक क्षेत्र और क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग के महत्वपूर्ण अवसर प्राप्त होंगे। चीन भारत में विशेष औद्योगिक पार्क के निर्माण में पूंजी-निवेश करना चाहता है और भारत के साथ सुधार व खुलेपन के अनुभवों को साझा करना चाहता है। विश्लेषण के अनुसार यह शायद मोदी काल में चीन-भारत संबंधों के विकास का नया बिन्दु होगा।
चंद्रिमा