Monday   Jul 28th   2025  
Web  hindi.cri.cn
सीआरआई भारतीय संवाददाता की हपेई यात्रा- सांगजोउ मार्शल आर्ट के गुर सीखे
2017-05-10 15:41:11 cri


सीआरआई के चीनी और विदेशी संवाददाताओं ने हपेई प्रांत की राजधानी शच्याजुआंग का दौरा खत्म कर इस प्रांत के दुसरे शहर सांगजोउ के लिए रवाना हुए। सांगजोउ शहर मार्शल आर्ट के लिए जाना जाता है, जो इसे "मार्शल आर्ट की जन्मभूमि" भी कहा जाता है।

सांगजोउ मार्शल आर्ट और शाओलिन मार्शल आर्ट में यह फर्क होता है कि शाओलिन मार्शल आर्ट में हाथों का ज्यादा इस्तेमाल होता है, जबकि सांगगजोउ मार्शल आर्ट में पैरों का इस्तेमाल अधिक होता है। इसके पीछे यह तर्क दिया जाता है कि उत्तरी चीन के लोगों की लंबाई अधिक होती है तो इसलिए पैरों का इस्तेमाल ज्यादा अच्छे से होता है।

छुनईंग होए वुशु संस्कृति केंद्र में 54 वर्षीय मार्शल आर्ट गुरू थ्येन शिनफंग ने हमें बताया कि सांगजोउ मार्शल आर्ट में 53 अलग तरह की शैलियां होती हैं, और हर शैली की अपनी एक खास विशेषता होती है। चीन में कुल 129 मार्शल आर्ट के ढंग या रूप विद्यमान है।

गुरू थ्येन शिनफंग के अलावा वहां 5-6 गुरू और भी थे, जिन्होंने हमारे चीनी और विदेशी संवाददाताओं को सांगगजोउ मार्शल आर्ट के कुछ महत्वपूर्ण गुर सीखाए।

(अखिल पाराशर)


1  2  3  4  5  6  7  8  
आप  की  राय  लिखें
© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040