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थांग का तिब्बती भाषा का उच्चारित अनुवाद है ।वह वास्तव में तिब्बती संस्कृतिक विशेषता वाली चित्रकला है ,जो कपड़े ,रेशमी कपड़े व कागज पर खींचे गए चित्रों का स्क्रोल है ।
आम तौर पर थांग का चित्र बनाने में पलास व सूती कपड़े को कंवास बनाया जाता है, जबकि मूल्यवान थांग का रेशमी कंवास पर खींचा जाता है ।कहा जाता है कि थांग राजवंश की राजकुमारी वनछङ ने तिब्बत में टैक्सटाइल उत्पादन की तकनीक लायी थी । थांग का का बनसन इस का साक्षी है कि राजकुमारी वनछङ के तिब्बत में आने के बाद टैक्सटाइल उत्पादन तकनीक का प्रसार तिब्बत में शुरू हुआ था ।
थांग का बनाने के विभिन्न रंग खनिज व वनस्पति से बनते है ,जिन में कुछ पशु-सरेस भी मिलाया जाता है । तिब्बत का जलवायु बहुत सूखा होता है ,इसलिए कई सौ वर्षों के बाद थांग का का रंग ज्यों का त्यों बना रहता है ।
थांग का प्रचुर विषयों में मिलते हैं ,जिन में धार्मिक विषयवस्तु ज्यादा हैं ।
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