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बहु धर्मों का संगम

इतिहास में बौद्ध धर्म , ईसाई धर्म , मुन्नी धर्म तथा इस्लाम धर्म क्रमशः सिन्चांग में प्रवेश कर प्रसारित हो गए थे, जिस के चलते सिन्चांग विश्व में एकमात्र चार प्रमुख धर्मों का संगम स्थल बन गया ।

ईस्वी पहली शताब्दी में बौद्ध धर्म का सिन्चांग के रेशम मार्ग से हो कर पूर्व की दिशा में प्रचार प्रसार होने लगा और मध्य चीन के विभिन्न स्थानों में फैल गया । ईसाई धर्म का एक संप्रदाय च्येन धर्म ईस्वी छठी सदी में सिन्चांग में आया । पुरातत्व खुदाई से पता चला है कि प्राचीन सिन्चांग में न केवल च्येन धर्म प्रचलित रहा था, बल्कि वहां इस धर्म का केन्द्र भी बन गया था । इस के बाद इस्लाम धर्म सिन्चांग में आया , जिस से ईसाइ धर्म का च्येन संप्रदाय यहां लुप्त हो गया । वर्ष 694 में मुन्नी धर्म चीन में आया । 19 वीं शताब्दी से तुनहोंग की मकाओ गुफा तथा सिन्चांग के तुरूफान बेसिन में बड़ी मात्रा में मुन्नी धर्म के दस्तावेज बरामद किए गए, जिस से सिद्ध हुआ है कि मुन्नी धर्म चीन के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में व्यापक रूप से प्रचलित हो गया था । दसवीं शताब्दी में इस्लाम धर्म रेशम मार्ग से काशगर पहुंचा । 16वीं व 17वीं शताब्दी में इस्लाम ने पूरे सिन्चांग पर अपना प्रभाव डाला । अब सिन्चांग की वेवूर , कजाख , ह्वी , उज्जबेक , कर्गजी , ताजिक तथा तातार आदि दस अल्पसंख्यक जातियों की इस्लाम धर्म पर आस्था है ।

ह्वी जाति के लोग मस्जिद में नमाज अदा करते हुए

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