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ज्वांग जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति
ज्वांग जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति की आम स्थिति

ज्वांग जाति की जनसंख्या चीन की सभी अल्पसंख्यक जातियों में सब से ज्यादा है । थांग राजवंश के बाद ज्वांग जाति की परंपरागत चिकित्सा पद्धति का निरंतर क्रमिक विकास होता रहा है । थांग और सुंग राजवंश के काल (सन् 618--1279) में प्रकाशित पुस्तकों में ज्वांग जाति के बसती लींगनान क्षेत्र में रोगों के इलाज के नुस्खे शामिल हैं जिन्हें लींगनान नुस्खे कहा जाता है । इसतरह चीनी परंपरागत चिकित्सा पद्धति में दक्षिणी क्षेत्रों में रहने वाली अल्पसंख्यक जातियों की चिकित्सा पद्धति का भी अपना अपना अलग स्थान है । मींग और छींग राजवंश के काल (सन् 1368—1911) में ज्वांग चिकित्सा पद्धति का उल्लेखनीय विकास हुआ । महान चिकित्सा विशेषज्ञ ली शीचेन के द्वारा लिखित जड़ी बूटियों का ग्रंथ तथा दक्षिणी चीन के क्वांगशी क्षेत्र के स्थानीय अभिलेख ग्रंथों में ज्वांग जातीय चिकित्सा पद्धति का वर्णन किया गया है । इस काल में ज्वांग जाति की स्थानीय चिकित्सा प्रशिक्षण संस्था का भी विकास हुआ और अनेक जाने माने चिकित्सक भी सामने आये ।

प्राचीन काल में ज्वांग जातीय चिकित्सा पद्धति का शिक्षण लिखित सामग्री नहीं , अपितु अध्यापकों व छात्रों के द्वारा मौखिक रूप से किया जाता था । हजारों वर्षों से ज्वांग जाति के रहने वाले क्षेत्रों में लोग बहुत से कारगर नुस्खे अपनाते आये हैं । ज्वांग जातीय चिकित्सा पद्धति का भी चीन की परंपरागत चिकित्सा पद्धति के विकास में योगदान रहा है ।

ज्वांग जातीय चिकित्सा पद्धति की उपयोगी दवाएं

ज्वांग जातीय चिकित्सा पद्धति की उपयोगी दवाओं की पूर्ण व्यवस्था आज तक भी पूरी तरह संपन्न नहीं हो पायी है । क्योंकि ज्वांग जाति लींगनान के उप उष्ण कटिबंध में रहती हैं , जहां जंगली पशुओं और वनस्पतियों के रूप में बहुत समृद्ध प्राकृतिक संसाधन मौजूद है । ज्वांग जातीय लोगों में सांप , जंगली चूहा तथा पक्षी खाने का रिवाज़ है । इसलिए ज्वांग जातीय चिकित्सा पद्धति की उपयोगी दवाओं में बहुत से पशु भी शामिल हैं । ज्वांग जातीय चिकित्सा पद्धति के अनुसार रोगों का इलाज करने तथा कमजोरियों को दूर करने में पशुओं से बनी दवाओं का इस्तेमाल किया जाना चाहिये । 。

ज्वांग जातीय चिकित्सा पद्धति की उपयोगी दवाओं में शरीर से जहर निकालने की दवा भी शामिल है । सांप व कीड़ों के काटने से , जहरीले पदार्थ खाने तथा जहरीली दवा व तीर लगने की वजह से शरीर में फैलने वाले जहर का इलाज करने में अनेक ज्वांग जातीय दवाएं बहुत कारगर हैं । क्वांगशी की जानी-मानी सांप के काटे की दवा वास्तव में ज्वांग जातीय चिकित्सा पद्धति की मशहूर दवा ही है । ज्वांग जातीय चिकित्सा पद्धति के अनुसार किसी भी जहरीली चीज़ का मुकाबला करने की चीज़ भी मौजूद है । जहर का कारगर इजाल संभव है, बशर्ते कि उचित दवा का उचित मात्रा में इस्तेमाल किया जाए । ज्वांग जातीय चिकित्सा पद्धति में यह कथन मशहूर है कि जहर का मुकाबला जहर से किया जा सकता है ।

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