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चीन में गायिका सुश्री जु छ्यू फांग बहुत लोकप्रिय हैं । इस लेख में आप सुनिए उन की कहानी और उन द्वारा गाए गए कुछ लोकगीत । सब से पहले लीजिए"फाख्ता"नामक गीत का मज़ा ।
गीत---फाख्ता
अब आप सुन रहे हैं सुश्री जु छ्यू फांग द्वारा गाये गये गीत फाख्ता । यह लोकगीत चीन के दक्षिण क्षेत्र स्थित चांगशी प्रांत में बहुत लोकप्रिय है। गीत में बहुत से ध्वनिवाचक शब्दों के इस्तेमाल से वसंत में चिड़ियों की सुरीली चहचहाहट का विवरण किया गया है ।
सुश्री जु छ्यू फांग का जन्म वर्ष 1934 में दक्षिण चीन के चांगसू प्रांत में हुआ। वर्ष 1950 में उन्होंने शांगहाई संगीत कालेज में प्रवेश किया और उन्हों ने अपनी अध्यापिका सुप्रसिद्ध संगीतकार प्रोफेसर सुश्री जुन श्वो यान से संगीत सीखा । संगीत सीखने के दौरान वे बहुत मेहनती थी । पश्चिमी संगीत की उच्चारण कला सीखने के अलावा, उन्होंने चीनी लोकगीत कला का गौर से अध्ययन किया था , विशेषकर प्राचीन चीनी गायन कला सुचाओ फिंगगटान सीखा। अगला गीत आप सुनिये जोड़ जोड़ाई नामक गीत।
गीत---जोड़ जोड़ाई
अब आप सुन रहे हैं सुश्री जु छ्यू फांग द्वारा सुचाओ बोली भाषा में गाये गये सूचाओ फिंगटान शैली का लोकगीत जोड़ा जोड़ाई । जोड़ जोड़ाई का खेल चीन का एक परंपरागत खेल विशेष है, जिस में नौ गोलाकार लोह कड़ियों को आपस में जोड़ने का खेल खेला जाता है। इस गीत में छोटी लड़की द्वारा घर में बैठी जोड़ा जोड़ाई का खेल खेलने के दृश्य का जीता जागता वर्णन किया गया है । गीत सुनने में अत्यन्त मधुर और लहरेदार लगता है ।
सुश्री जु छ्यू फांग की आवाज बहुत कोमल और सुरीली है और राष्ट्रीय विशेषता लिए हुई है और जीवन शक्ति से ओतप्रोत भी है। वर्ष 1956 में सुश्री जु छ्यू फांग ने उसी साल में आयोजित चीन के पहले संगीत हफ्ते में भाग लिया और बड़ी सफलता पा कर श्रेष्ठ गायिका की उपाधि से सम्मानित की गयी । वर्ष 1957 में सुश्री जु छ्यू फांग ने मास्को में आयोजित विश्व नौजवान मिलन समारोह की लोकगीत प्रतियोगिता में भाग लिया और स्वर्ण पदक प्राप्त किया। तो आप सुनिये उन के द्वारा गाये गये सुचाओ का लोकगीत शाश्वत याद ।
गीत---शाश्वत याद
शाश्वत याद नामक चीनी लोकगीत में बाहरों माह के फूलों के वर्णन के जरिए घर में ठहरी नारी में बाहर गए अपने पति देव की बाट जोहने की भावना बारीकी से व्यक्त की गयी है । गीत में कहा गयाः
वसंत में फूल खूबसूरत खिले
भूमि पर हलियारी छायी
पति देव परदेश चले
घर में मैं उन की राह देखती रही
बेचारी मैं क्या करूंगी
रोज मैं संवार सजाती रहूंगी
पर कोई देखने नहीं आएगा ।
सुश्री जू छ्यू फांग केवल चीन के दक्षिणी भाग के लोकगीत गाने में कुशल ही नहीं, बल्कि चीन के उत्तरी भाग के लोकगीत की गायन कला का भी अध्ययन किया था। उन के द्वारा गाये गये उत्तर पश्चिमी चीन के श्यानसी प्रांत के उत्तरी क्षेत्र के लोकगीतों में स्थानीय शैली गहरी पैठी हुई है। आगे आप सुनिए चीनी गायिका जु छ्यू फांग द्वारा गाए गए उत्तर पूर्वी शान शी प्रांत के लोकगीत"लाल लालटेन"।
गीत---लाल लालटेन 
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