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आज के इस कार्यक्रम में रामपुरफुल पंजाब के बलवीर सिंह,कोआथ बिहार के सुनील केशरी, डी डी साहिबा, संजय केशरी, प्रियंका केशरी, मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश के चाबाद, आजमी, सहरसा बिहार के सुदिन कुमार सुदर्शन के पत्र शामिल किए जा रहे हैं.
रामपुरफुल पंजाब के बलवीर सिंह पूछते हैं कि चीन लोक गणराज्य में कम्युनिस्ट पार्टी के अलावा और कौन-कौन सी राजनीतिक पार्टियां हैं? कोआथ बिहार के सुनील केशरी, डी डी साहिबा, संजय केशरी, प्रियंका केशरी और बबिता केशरी ने भी एक सा सवाल पूछा है।
दोस्तो,चीन लोक गणराज्य में सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अतिरिक्त और 8 राजनीतिक दल हैं जो लोकतांत्रिक दल कहलाते हैं। अब हम एक-एक करके उन का संक्षिप्त परिचय देते हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बारे में आप अवश्य बहुत कुछ जानते हैं,क्योंकि इस संदर्भ में हम अनेक लेख और रिपोर्टें प्रसारित कर चुके हैं। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना पहली जुलाई 1921 को हुई थी और दिवंगत चीनी नेता माओ त्जे-तुंग उस के संस्थापकों में से एक थे।चीनी कोमिनतांग की क्रांतिकारी कमेटी जनवरी 1948 में स्थापित हुई।उस के सदस्य कोमिंगतांग के क्रांतिकारी और देशभक्त हैं। चीन लोकतांत्रिक संघ की स्थापना अक्तूबर 1941 में हुई और उस के सदस्य सांस्कृतिक व शैक्षणिक क्षेत्रों में काम करने वाले बुद्धिजीवी हैं। चीनी लोकतांत्रिक राष्ट्रीय निर्माण संघ की स्थापना उद्योगपतियों और व्यापारियों ने दिसम्बर 1945 में की थी।उस का लक्ष्य है लोकतांत्रिक राजनीति और मुक्त अर्थव्यवस्था। चीन लोकतंत्र सवर्द्धन संघ दिसम्बर 1945 में स्थापित किया गया और उस के सदस्य प्रकाशक तथा मीडिल व प्राइमरी स्कूलों के अध्यापक हैं।चीनी किसान व मजदूर लोकतांत्रिक दल 1927 में गठित हुआ। वह चिकित्सकों और प्राध्यापकों की राजनीतिक पार्टी है। चीनी चिकुंगतांग पार्टी स्वदेश लौटे हुए प्रवासी चीनियों की पार्टी है। उस की स्थापना सन् 1925 में अमरीका के सेनफ्रांसिस्को में की गई।च्युसान सोसाइटी वैज्ञानिकों और विद्वानों का अपना राजनीतिक दल है। वह 1944 में कायम हुआ।
थाइवान लोकतांत्रिक स्वशासन संघ थाइवान के देशभक्तों ने नवम्बर 1947 मे थाइवान पर साम्राज्यवादी आक्रमण और कोमिंगतांग के कुशासन के विरोध में स्थापित किया।यहां तक सुनने पर आप यह जानने को उत्सुक हुए होंगे कि इन 8 गैरकम्युनिस्ट दलों की राजनीतिक जीवन में क्या भूमिका है? चीन में कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में बहुदलीय सहयोग की व्यवस्था लागू है। इस के तहत चीनी कम्युनिस्ट पार्टी अन्य 8 राजनीतिक दलों के साथ मिलकर देश का शासन चलाती है।
मऊनाथ भंजन उत्तर प्रदेश के चाबाद आजमी पूछते हैं कि चीन का सब से बड़ा फुटबाल स्टेडियम कहां है?
चीन का सब से बड़ा फुटबाल स्टेडियम शाँघाई शहर में स्थित है। शाँघाई के हुँगखो जिले में चीन का मशहूर 46 वर्षीय हुंगखो स्टेडियम है,जिस का एक बड़ा हिस्सा फुटबाल मैदान है।लोग उसे हुंगखो फुटबाल स्टेडियम कहते हैं।
हुंगखो फुटबाल स्टेडियम फरवरी 1999 में कायम हुआ,जो चीन का प्रथम मानकीकृत औऱ एकमात्र व्यावसायीकृत फुटबाल स्टेडियम है।इस का फर्शी-क्षेत्रफल और निर्माण-क्षेत्रफल क्रमश: 5.6 हजार वर्गमीटर और 7.2 हजार वर्गमीटर है। स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय फुटबाल संघ के मानक पर खरा उतरा घास-मैदान है।
इस स्टेडियम में 22 दर्शन-मंचों में 35 हजार सीटें हैं,जिस का एक हिस्सा विशेष रूप से विकलांगों के लिए है।अध्यक्ष-मंच पर 834 सीटें हैं और मीडिया-कर्मियों के लिए 32 विशेष सीटें हैं जहां टेलिफॉन,टीवी,कंप्यूटर जैसे अत्याधुनिक संचार उपकरण तैयार रहते हैं।सभी दर्शन-मंच दो मंजिला हैं,जिन में विशेष अतिथियों के लिए छोटे-बड़े 50 बॉक्स-रूम हैं।
इस फुटबाल स्टेडियम के तहखाने में एक तीन मंजिला बड़ी पार्किंग है,जिस में 253 गाड़ियां एक साथ खड़ी की जा सकती है।स्टेडियम के बगल में भी एक खुली पार्किंग है,जहां एक साथ 500 गाडियां खड़ी हो सकती हैं।
सहरसा बिहार के सुदिन कुमार सुदर्शन का सवाल है कि चीन की राजधानी सर्वप्रथम कहां थीं ?
दोस्तो,अब तक उपलब्ध ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार चीन की राजधानी सर्वप्रथम मध्य चीन के तंगफंग नगर में थी। तब चीन में श्या राजवंश का शासन था। यह राजवंश ईसा पूर्व 21वीं सदी से इसा पूर्व 16वीं सदी तक रहा। चीन के इतिहास में अनेक राजा अपनी ज़रूरतों के अनुसार राज्य की राजधानी बदलते रहते थे। इस प्रकार अब तक के इतिहास में चीन में बीसेक स्थान ऐसे हैं ,जो कभी चीन राज्य की राजधानी रहे थे।

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