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(GMT+08:00) 2006-08-21 09:14:38    
चीन में कुत्ता वर्ष; चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा

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आज के इस कार्यक्रम में मिरज़ापुर उत्तर प्रदेश के प्रदीप कुमार प्रेमी,श्रीमती पूजा,उपेंद्र शर्मा और राम सागर, उड़ीसा चाइनिस फ़्रेंड्स क्लब के अध्यक्ष हेमसागर नाइक और नेपाल के संतोष कुमार गुप्ता के पत्र शामिल हैं।

मिरजापुर उत्तर प्रदेश के प्रदीप कुमार प्रेमी,श्रीमती पूजा,उपेंद्र शर्मा और राम सागर का सवाल है कि 2006 वर्ष चीन में कुत्ता वर्ष है, इस वर्ष की क्या विशेषताएं हैं?

चीन में 12 पशुओं को वर्ष-प्रतीक माना जाता है। इस तरह 12 वर्षों का एक चक्र क्रमवार इन 12 पशुओं पर आधारित है- चूहा, बैल, बाघ, खरगोश, ड्रैगन, सांप, घोड़ा, बकरा, बंदर, मुर्गा, श्वान और सुअर। चालू वर्ष श्वान वर्ष है और इस की कोई विशेषता नहीं है। मुर्गा वर्ष हो या सुअर वर्ष या फिर चूहा वर्ष जो भी हो, सब के नाम लेना वर्षों की गणना का मात्र एक तरीका है।

उड़िसा चाइनिस फ्रेंड क्लब के हेमसागर नाइक चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के बारे में जानना चाहते हैं।

भैया,चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिध सभा चीन में राज्यसत्ता की सर्वोच्च संस्था है।उस के सदस्य राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि कहलाते है।पहली राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का चुनाव सन् 1954 में हुआ था।वर्तमान यानी 10वीं राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का चुनाव 2003 में हुआ।राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि प्रांतीय जन प्रतिनिधि सभाओं और चीनी जन मुक्ति सेना द्वारा निर्वाचित होते हैं।उन की संख्या 2980 है।उन का कार्यकाल 5 साल होता है और साल में राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का एक अधिवेशन बुलाया जाता है।वह आम तौर पर मार्च महीने में होता है।

राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के मुख्य कार्य है संविधान बनाना और उन में संशोधन करना,देश के महत्वपूर्ण राजनीतिक,आर्थिक और सांस्कृतिक मामलों पर निर्णय लेना,चीन के राष्ट्राध्यक्ष व उपराष्ट्राध्यक्ष निर्वाचित करना,राज्य परिषद यानी केंद्र सरकार,केंद्रीय सैनिक आयोग,सर्वोच्च जन-न्यायालय और सर्वोच्च जन प्रोक्यूरेटोरेट गठित करना तथा बाद में उन के कार्यों की जांच करना।

राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का एक अध्यक्ष और कई उपाध्यक्ष हैं।उन से सभा की स्थाई समिति बनती है।राष्ट्रीय जन प्रतिनिति सभा के अधीन 6 विशेष कमेटियां भी हैं।वे हैं :जातीय मामला कमेटी,कानून कमेटी,वित्तीय व आर्थिक कमेटी,शिक्षा,विज्ञान,संस्कृति व स्वास्थ्य कमेटी,विदेशी मामला कमेटी और प्रवासी चीनी मामला कमेटी।

नेपाल के संतोष कुमार गुप्ता पूछते हैं कि चीनी केकड़ों से ब्रिटेन के उपनिवेश बनाने का क्या मतलब है?

भैया,लगता है कि आप को समृद्ध ज्ञान प्राप्त है।हम ने संबंधित रिपोर्ट पढ़ी है,जिस का विषय हमें इस तरह याद है कि चीनी केकड़ों की एक प्रजाति ने ब्रिटेन के समूचे तटों और नदियों पर कब्जा जमा लिया है।पर्यावरणविदों के मुताबिक यदि इन बेलगाम जीवों पर लगाम नहीं लगाई गई तो यह स्थानीय पारिस्थितिकी के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं।

पिछली सदी के व्यापारिक जलपोतों के साथ चीन से ब्रिटेन पहुंचे मिटन केकड़ों ने अब यहां के समस्त समुद्र तटों और नदियों पर कब्ज़ा जमा लिया है।वैज्ञानिकों ने केकड़ों की बेलगाम आबादी की तुलना यूरोप में हुए आव्रजन से करते हुए कहा कि इन जीवों की बाढ़ को अगर काबू में नहीं लाया गया तो यह स्थानीय पर्यावरण के लिए खतरा बन सकते हैं।

जबड़ों पर झबरीले फर वाली केकड़ों की इस ताकतवर प्रजाति ने पिछले एक-डेढ सौ वर्षों के भीतर ब्रिटेन के सभी मुहानों पर अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया।डिनर प्लेट के आकार तक बढने वाले इन केकड़ों के साथ सब से बड़ी मुसीबत यह है कि इस ने स्थानीय दुर्लभ मछलियों और उन के अंडों को चट कर लिया है।

ये नदियों के किनारों में चढ कर उन में बिल बना देते हैं जो अक्सर आधे मीटर तक लम्बे होते हैं।इन बिलों के कारण नदी के किनारे टूटकर पानी में जा गिरते हैं।ब्रिटेन की टेम्स,हम्बर और टाइने आदि नदियों पर इन केकड़ों की एकछत्र सत्ता कायम हो गई है।1997 से 1999 के बीच मात्र दो वर्षों के अंतराल में देश में इन का समुद्र तटीय विस्तार 448 किलोमीटर प्रतिवर्ष की दर से हुआ।जबकि नदियों में से 49 किलोमीटर प्रतिवर्ष की रफ्तार से आगे बढे।

केकड़ों की यह प्रजाति सचमुच भयंकर है।हम ने कभी नहीं सोचा था कि केकड़ा इतना ताकतवर हो सकता है।हमारा सुझाव है कि ब्रिटेन इन केकड़ों के विस्तार पर देशव्यापी निगरानी और नियंत्रण को जल्द से जल्द शुरू करे।