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(GMT+08:00) 2006-08-01 08:38:41    
चीनी सैन्य संगीतकार यांग मिंग की रचनाएं

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पहली अगस्त को चीनी जन मुक्ति सेना की स्थापना की 79वीं वर्षगांठ है । इस दिवस के उपलक्ष्य में आज के इस कार्यक्रम में मैं उप को परिचय दूंगी चीनी सैन्य संगीतकार यांग मिंग द्वारा रची गयी कई मधूर धुनें । आशा है कि आप को पसंद आएंगे । पहले सुनिए उन का यह गीत,जिस का नाम है"मैं मातृभूमि के नीले आसमान को प्यार करता हूँ"।

गीत---- मैं मातृभूमि के नीले आसमान को प्यार करता हूँ

अब आप सुन रहे हैं चीनी सैन्य संगीतकार यांग मिंग द्वारा रचे गए गीत "मैं प्यार करता हूँ मातृभूमि के नीले आसमान को"। गीत में अपनी मातृभूमि के प्रति एक विमान चालक का गहरा प्यार अभिव्यक्त किया गया । गीत कहता हैः

मैं प्यार करता हूँ मातृभूमि के नीले आसमान को

सूर्य की किरणें चमकती है अनंत आसमान में

मेरा रास्ता है सफेद बादलों से बना

मेरे साथ उड़ान भरता है पूर्वा पवन

विमान चालक किसे प्यार करता है ?

मै प्यार करता हूं मातृभूमि के नीले आसमान को

चीनी सैन्य संगीतकार यांग मिंग ने गत शताब्दी के 60 वाले दशक में "मैं प्यार करता हूँ मातृभूमि के नीले आसमान को"नामक गीत रचा था , गीत में चीनी वायु सेना के विमाच चालकों के दिल में अपनी मातृभूमि के प्रति गहरा प्यार अभिव्यक्त हुआ है ।

सैन्य संगीतकार श्री यांगमिंग का जन्म वर्ष 1934 में हुआ था । 13 साल की उम्र में उन्होंने चीनी जन मुक्ति सेना में भर्ती की और बाद में चीनी सेना के कला मंडली के लेखन विभाग में कार्यरत रहे । चीनी मुक्ति सेना में गुजरे अपने पचास से ज्यादा सालों में श्री यांगमिंग ने अनेक बड़े छोटे पैमाने वाले संगीत-ऑपेरा और सैकड़ों गीत रचे । विशेष कर उन के द्वारा रचे गए संगीत-ऑपेरा《च्यांग च्ये》में《लाल आलूचे का गुणगान》और《लाल झंडे का कसीदा》नामक गीत चीन में इतना मशहूर हैं कि आज तक वे चीनी लोगों की जुबान पर हैं । इन के अलावा श्री यांगमिंग द्वारा रचे गए गीत《मैं प्यार करता हूँ मातृभूमि के नीले आसमान को》,《मेरे सिपाही भाई》तथा《एहसान》आदि भी चीन में बहुत लोकप्रिय रहे हैं। हमारे पिछले कार्यक्रम में चीनी सैन्य संगीत लेखक शी श्वुनयी द्वारा लिखे गए《मेरे सिपाही भाई》और《एहसान》जैसे गीतों का परिचय किया गया था । इन गीतों की धुन संगीतकार श्री यांगमिंग ने रची है । आगे सुनिए《मेरे सिपाही भाई》नामक गीत ।

गीत2--- मेरे सिपाही भाई

अब आप सुन रहे हैं मशहूर चीनी गायिका सोंग जू यिंग द्वारा गाया गया 《मेरे सिपाही भाई》नामक गीत । गीत में अपने सिपाही भाई के प्रति एक लड़की की गहरी याद और अपार प्यार अभिव्यक्त किए गए हैं।

गीत का भार्वाथ कुछ इस प्रकार हैः

मेरे प्यारे सिपाही भाई,

गत वर्ष वह सेना में भर्ती हुआ

रात को वह मेरे सपने में आया करता है

दिन में उस के लिए मेरी जुबान पर गीत गुनगुनता रहा है

भाई की तालीफ़ में लोटपोट हुई दादी जी

मां की आंखों में तुम्हारी सानी कोई नहीं

मेरे प्यारे सिपाही भाई

तुम्हारी याद में मेरा दिल सुखी से झूम उठता है।

तुम्हारा चित्र हमेशा मेरी खुशी लुभाता है।

एक सैन्य संगीतकार के रूप में यांगमिंग कभी कभार सेना में सैनिकों के साथ जीवन बिताते हैं । उन्होंने चीनी सैनिकों के अनुभवों को एहसास कर बड़ी संख्या में रचनाएं रचीं । एक बार सेना में सैनिकों के साथ जीवन बिताने के दौरान चीनी सैन्य संगीत लेखक शी शुन यी ने《मेरे सिपाही भाई》नामक गीत के बोल लिखा, इस गीत में सैनिकों के असली जोशपूर्ण जीवन के वर्णन ने यांग मिंग को बेहद प्रभावित कर दिया , वे संगीत लेखक शी शुन यी और गायिका के साथ बार-बार इस गीत के संशोधन पर विचार विमर्श करते रहे और गीत की मधुरता बढाने की कोशिश करते रहे । एक साल के बाद उन्होंने इस गीत की धुन रचने का काम पूरा किया ।《मेरे सिपाही भाई》नामक गीत चीन की मशहूर गायिका सोंग जु यिंग की आवाज में शीघ्र ही चीन में लोकप्रिय हो गया और अब यह गीत चीनी सैनिकों के पसंदीदा गीतों में से एक बन गया ।

श्री यांग निंग ने कहा कि गीत के स्वर लय दिल के अनुभवों की अभिव्यक्ति ही नहीं, दिल की भावना का उद्गार भी है । संगीतकारों के प्यार और नफ़रत का भाव उन की अपनी रचनाओं में व्यक्त होता है । इस तरह मातृभूमि का गुणगान , नव युग और नए जीवन की तारीफ़ श्री यांगमिंग की रचनाओं की मुख धारा बन गयी । अपनी रचना तैयार करने के दौरान वे हमेशा गीत-संगीत की मधुरता व मोहिनी की खोज करते हैं , आम तौर पर उन की रची धुनें जोशीली और बुलंद होने के साथ-साथ कोमलता का अहसास भी देती हैं । कार्यक्रम के समाप्त होने से पहले आप लीजिए सैन्य संगीत लेखक शी शुन यी और सैन्य संगीतकार यांगमिंग द्वारा संयुक्त रूप से रचे गए एक और गीत का मज़ा । गीत का नाम है《 एहसान 》।

गीत 3--- एहसान

चीनी सैन्य लेखक शी शुनयी और संगीतकार यांगमिंग द्वारा रचे गए गीत《एहसान》में सैनिकों में मातृभूमि के प्रति एहसान और प्यार की भावना अभिव्यक्त हुई है ।

गीत का भवार्थ कुछ इस प्रकार हैः

मुझे पाला बढ़ाया है तुम ने

मुझे शिक्षा दिलायी है तुम ने

तुम्हारी कड़ी मेहनत से मेरा विकास हुआ

तुम्हारा प्यार कभी नहीं भूलूंगा

तुम्हारे एहसान से कृतज्ञ हूं हमेशा

तुम्हारे लिये न्यौछावर को तैयार हूं

तुम मेरी मातृभूमि, मेरी मां हो