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दोस्तो,आज के इस कार्यक्रम में मऊ उत्तर-प्रदेश के डा. एस ए फारूकी, खरियार रोड उड़ीसा के हमेसागर नायक, मुजफ्फरपुर बिहार के मुकेश कुमार, रत्नागिरी महाराष्ट्र के सतीश लक्ष्मण बरास्कार के पत्र शामिल हैं।
मऊ उत्तर-प्रदेश के डा एस.ए फारूकी ने अपने पत्र में पूछा है कि चीन में कौन से फल तथा कौन सी सब्जियों का निर्यात होता है?
इस समय चीन विश्व में सब्जियों व फलों की पैदावार और उपभोग वाला सब से बड़ा देश है।सब्जियों की खेती व फलों के बाग का क्षेत्रफल क्रमश: दुनिया में अपनी किस्म के कुल क्षेत्रफल का 32.8 प्रतिशत और 21.3 प्रतिशत हो चुका है।सब्जियों व फलों की पैदावार क्रमश: विश्व में अपनी तरह की कुल पैदावार का 64.4 फीसदी और 14 फीसदी है।यूरोपीय देश,अमरीका और पूर्वी एशियाई देश चीन की सब्जियों और फलों के मुख्य आयात-देश हैं।इधर के कुछ वर्षो में कुछ दक्षिणी एशियाई देशों ने भी चीन से सब्जियों और फलों का आयात शुरु किया है।भारत के प्रमुख शहरों के सुपरमार्केटों में भी चीनी सब्जियां और फल दिखाई देने लगी हैं।
चीन से विदेशों में निर्यात होने वाली सब्जियों में अदरक,लहसुन,गाजर,जैम.प्याज़,टमाटर और अस्पैरजस आदि शामिल हैं।निर्यात होने वाले फलों में सेब,संतरा,आड़ू,खरबूजा,तरबूज और अंगूर का अनुपात अधिक है।
खरियार रोड उड़ीसा के हमेसागर नायक का सवाल है कि चीन में कितने प्रतिशत लोगों के पास मोबाईल सेवा उपलब्ध है ?चीन में मोबाईल सेवा के लिए कितनी सरकारी औऱ प्राइवेट कंपनियां हैं?
चीनी सूचना-व्यवसाय मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार अप्रैल2006 के अंत तक चीन में टेलिफोन उपभोक्ताओं की संख्या 77 करोड़ पार कर चुकी है,जिस में मोबाईल सेवा लेने वालों की संख्या 41 करोड़ 60 लाख से ऊपर है और फिक्स टेलिफोन उपभोक्ताओं की संख्या 36 करोड़ से अधिक है।
आंकड़ों से जाहिर है कि मोबाईल उपभोक्ताओ की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है ।गत
जनवरी से अप्रैल तक इस संख्या में 58 लाख 4 हजार की बढौतरी हुई।ठोस रूप से कहें,तो अप्रैल के अंत तक चीन में मोबाईल उपभोक्ताओं की सकल संख्या 41 करोड़ 66 लाख 44 हजार तक जा पहुंची है ।लगे हाथ यह भी बता दें,गत अप्रैल के अंत तक चीन में फ़िक्स टेलिफोन उपभोक्ताओं की कुल संख्या 36 करोड़ 9 लाख 41 हजार हो गई है।
दोस्तो,चीन में मोबाईल सेवा कपंनियां सब की सब सरकार की हैं।इस तरह की कंपनियों की संख्या ही ज्यादा है।इन में चाइना नेट कंपनी,चाइना मोबाईल कंपनी और चाइना यूनीकोम कंपनी सब से प्रमुख हैं।
मुजफ्फरपुर बिहार के मुकेश कुमार ने अपने पत्र में कहा है कि मैं आप के कार्यक्रम के माध्यम से जानना चाहता हूं कि क्या चीन तथा भारत के बीच हवाई जहाज की सीधी उड़ान है। रत्नागिरी, महाराष्ट्र के सतीश लक्ष्मण बरास्कार ने भी इस से मिलता-जुलता सवाल पूछा है।
भाइयो,वर्ष 2002 की 28 मार्च को चीनी ईस्ट एयरलाइंस के एक यात्री विमान ने भारत की राजधानी नयी दिल्ली के लिए पेइचिगं के राजधानी हवाई अ़ड्डे से उड़ान भरी।तब से चीन और भारत के बीच सीधी विमान सेवा का इतिहास शुरू हो गया।चीनी नागरिक उड्डयन ब्यूरो के उपप्रधान ने इस के लिए आयोजित एक रस्म में कहा कि चीन और भारत के बीच सीधी हवाई सेवा विश्व के दो सब से बड़े प्राचीन सभ्यता वाले देशों के बीच स्वर्ण हवाई सेतु की भूमिका अदा करेगी।ध्यान रहे इस हवाई मार्ग के खुलने से पहले दोनों देशों के यात्री या तो हांगकांग,या सिंगापुर,या फिर मलेशिया में रूककर ही एक दूसरे के देश तक पहुंच सकते थे।रूकने का समय औसत 4 घंटे,कभी-कभी 7,8 घंटे होता था।पूरा सफर यात्रियों को थका देने वाला था।
वर्ष 2005 के जुलाई में चीनी नागरिक उड्डयन ब्यूरो ने ऐलान किया कि उस ने भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ दोनों देशों के बीच विमानन परिवहन के विस्तार संबंधी समझदारी ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।इस के अनुसार दोनों देश एक दूसरे के लिए अपना अपना हवाई परिवहन का बाजार खोलेंगे औऱ दोनों की एयरलाइंस के यात्री विमान अपने अपने देश से एक दूसरे के 6 शहरों तक जा सकेंगे।
इस समय हर हफ्ते नयी दिल्ली और पेइचिंग के बीच चाइना ईस्ट एयरलाइंस की 6 उड़ानें सेवारत हैं।एक टिकट की कीमत औसतन 20 हजार रूपए है।पर मौसम के अनुसार कीमत में वृद्धि और घटाव हो सकता है।
भारत और चीन के बीच विमानन सेवा को छोड़ बस और रेल की सुविधा नहीं है।अभी मुंबई से पेइचिंग के बीच हवाई जहाज की सीधी उड़ान नहीं है।इंडियन एयरलाइंस के विमान आप को मुंबई से दिल्ली,बैंकोक,शाँघाई होकर पेइचिंग तक पहुंचा सकते हैं।

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