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चौबीस वर्षीय कू सू का जन्म पश्चिमी चीन में मातृ नदी मानी जाने वाली पीली नदी के तट पर स्थित कान सू प्रांत की राजधानी लान चो में हुआ। रॉक संगीत के शौकीन अपने बड़े भाई से प्रभावित हो कर वे तेरह वर्ष की उम्र में ही रॉक के दीवाने बन गये और अपने बड़े भाई से जज ड्रम और गिटार बजाने का हुनर सीखने लगे । कू सू का संगीत रचने का जीवन भी उसी समय से शुरू हुआ ।
वर्ष 1999 में लान चो विश्वविद्यालय में प्रवेश करने के बाद उन्हों ने अपने संगीतप्रेमी साथियों के साथ मिल कर एक संगीत दल की स्थापना की,जो विशेष तौर पर रॉक व ब्ल्यूज गाता था। कू सू संगीत दल में गिटार बजाने के साथ धुनें भी लिखते थे। संगीत दल विश्वविद्यालय में बहुत सफल रहा । लेकिन कुछ समय बाद संगीत दल के सदस्य बिखर गए। कू सू को विविश होकर कंप्यूटर पर संगीत रचना पड़ा। स्कूल से अवकाश समय उन्होंने कंप्यूटर पर संगीत रचने की तकनीक सीखी और वीडियो फिल्मों के लिए धुनें रचने की कोशिश की।
गीत---मैं कौन हूं
गीत बोलता हैः
चाहे रास्ता अनंत रहता हो
मुझे विश्वास है अंतिम लक्ष्य पाउंगा
मैं कौन हूं
घुप्पी रात में गहरी नींद में सोता हूं
मुझे विश्वास है मुड़ कर वापस नहीं जाता हूं ।
मैं कौन हूं ,
अपने रास्ते पर पक्का कदम रखता हूं।
कू सू का संगीत जीवन अन्य संगीतकारों की तरह वादक के रूप में शुरू हुआ। उन्होंने संगीत दल की स्थापना की और विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद पेशेवर रिकोर्डिस्ट व संगीत संपादक बने। इस दौरान उन्होंने अपने संगीत क्षेत्र का विस्तार किया और धीरे-धीरे एक ऐसे संगीतकार बने, जो गीत गाने, धुन रचने तथा वाद्य बजाने में निपुण हैं।
वर्ष 2003 में कू सू अपनी प्रतिभा के विकास के विचार से राजधानी पेइचिंग पहुंचे। उनकी संगीत प्रतिभा को पेइचिंग के एक मशहूर संगीतकार क्वो छ्वान लिन ने पहचाना। श्री क्वो छ्वान लिन ने कू सू के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये। इस तरह कू सू ने राजधानी में संगीत के क्षेत्र में कदम रखा।
कू सू की अपनी विशेष संगीत शैली है । उन की इस गीत में ब्रिटिश रॉक संगीत, ब्ल्यूज तथा कंट्री म्यूजिक के साथ लातिन संगीत का रोमांटिक भाव भी शामिल है।
गीत----झूम झूम
गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार हैः
मुझे मुक्त भाव से झूमने दो
मुझे स्वच्छंद से विचरने दो
दिल में मैं रंग डालता हूं
मैं पूरी आशा के साथ इंतजार करता हूं
जन्म भूमि के फुल हो
मिडिल स्कूल का रजारा हो
मुझे याद हो गई प्यारी मां की
तब मैं मासूम बच्चा था
ना दुख ना शून्य
सब आनंद था ।
कू सू की अपनी विशेष शैली की संहीत रचनाओं में ब्रिटिश रॉक संगीत, ब्ल्यूज तथा कंट्री म्यूजिक के साथ जातीय संगीत की विशेषता भी पायी जाती है। यों कू सू का विचार है कि उनकी संगीत रचनाओं में रॉक संगीत के तत्व ज्यादा हैं। उन्होंने कहा
"मैं तरह-तरह का संगीत पसंद करता हूँ । मेरा विचार है कि अगर आप कोशिश करें, तो किसी भी शैली का संगीत मधुर बन सकता है।"
गीत----"पतंग"
गीत के बोल इस प्रकार हैः
वह पतंग आकाश में उड़ता घूमता रहा
मैं हवा की रात में खड़ी हूं तुम्हारी आखों की याद है
मैं सिर्फ सरल सुखय जीवन बिताना चाहता हूं
तुम्हारे मुखड़े से लगाव रहता है ।
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