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हर साल चीन वसंत त्योहार आने के दिन चीनी संस्कृति मंत्रालय वसंत त्योहार मनाने वाला रंगबिरंग सांस्कृतिक समारोह आयोजित करता है और चीनी केंद्रीय टीवी (यानी सी सी टी वी) में प्रसारित किया जाता है। इस लेख में आप सुनिए इधर वर्षों में संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित वसंत त्योहार समारोहों में से कुछ मधुर गीत । आशा है कि इन लोकप्रिय संगीतों के साथ हमारे प्यारे श्रोता बड़े आनंद के साथ वसंत त्योहार भी मनाएंगे ।
गीत----घर लौटे
वर्ष 2003 में वसंत त्योहार समारोह में"घर लौटे एक श्रेष्ठ गीत था। गीत ने दूर दराज स्थान से घर लौट रहे लोगों की खुशी और
उमंग व्यक्त किए है।
गीत के बोल इस प्रकार हैः
हरा पहाड़ फिर से दिखा
नीला पानी भी नजर आया
मैं अपना घर आया
सफर से पैदा थकान
हवा में मिट गया
घर से मिली गर्माहट
मित्र रिश्तेदारों की शुभकामना
गृहस्थान खुशहाल हो
घर परिवार आनंद से घुल मिल हो ।
हर साल का वसंत त्योहार समारोह तीन घंटों के कार्यक्रम में श्रोताओं को गीत संगीत, नृत्य, ओपेरा का प्रदर्शन कर देश के विभिन्न क्षेत्रों में प्राप्त उपलब्धियां दिखाता है। समारोह बराबर त्योहार की खुशियों से भरा रहता है।
वर्ष 2002 के वसंत त्योहार में सुश्री फड ली य्वान द्वारा गाये गये सुंदर वर्ष नामक गीत में जातीय विशेष गायन शैली में देश से प्यार और राष्ट्र पर गर्व की भावना अभिव्यक्त हुई है और इस गीत ने नव युग में तेज विकास की राह पर चल रही मातृभूमि पर चीनियों की भक्ति व्यक्त की है ।
गीत----सुंदर वर्ष
गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार हैः
वसंत की हवा से बर्फ पिघला
सुंदर वर्ष आ पहुंचा
झरनाओं की लहर से सुखमय परिवार की मुस्कान खिली
बहती हुई नदियों पर जहाज विशाल बांधों से गुजरा
घाटी वादी में खुशी का गीत सुनाई देता
घास मैदान पर सुमनों का फुल खिला
सुन्दर वर्ष आया
मातृभूमि पर चीनी राष्ट्र उठ खड़ा हुआ ।
दस सालों तक चीनी संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित वसंत त्योहार समारोह अपनी विशेष शैली के जरिये अधिक व अधिक श्रोताओं का पसंदीदा कार्यक्रम बन गया । हर साल का समारोह एक मुखय विषय पर आधारित होता है और विभिन्न हिस्सों से गठित है, जो चीन के विभिन्न जगहों की जातियों के विशेष व स्थानीय गीत व नाच दिखाता है। चाहे ये हिस्सा कैसा भी क्यों न बदले, किन्तु एक विशेष हिस्सा कभी नहीं बदला , यानी वह है कि घर परिवार से जुदा दूर चले लोगों की घर की याद की भावना व्यक्त हुई हो ।
गीत----घर की याद
यह है वर्ष 2000 में हुए वसंत त्योहार समारोह में प्रस्तुत कार्यक्रम "घर की याद"। गीत गाया है वू यान जए ने । गीत ने घर परिवार से जुदे लोगों की अपने देश के प्रति प्यार की भावना व्यक्त की।
गीत बोलता हैः
चांदनी में याद आयी मातृभूमि की,
मां का प्यार हमेशा साथ है।
ऊंची उड़ान पर हाथों का वह पतंग है
पवित्र जन्मभूमि को लौटेता बराबर
जितना भी दूर हो ,तुम की याद उतनी गहरी,
मातृ भाषा में हमेशा उम्मीद बनेगी।
संस्कृति मंत्रालय हर साल बड़ी संख्या में श्रेष्ठ कलाकार व रचनाएं प्रस्तुत करता है, जो दर्शकों के लिये नया नया अनुभव लाता है। अगला गीत आप सुनिये, युवा पालांग नामक गीत, जो वर्ष 2004 में प्रस्तुत किया गया और वेवूर जाति के गायक एलकेन ने गाया।
गीत----युवा पालांग
गायक एलकेन एक सुशील व बुद्धिमान युवा है और युवा पालांग नामक गीत उन्होंने खुद रचित किया है , गीत में वेवूर जाति की गायन शैली स्पष्ट व्यक्त हुई है।
गीत का भावार्थ कुछ इस प्रकार हैः
लड़की मेरी बातें सुनो
तुम्हारी क्यू क्यू नम्बर मुझे दे दो
अगर तुम सुंदर नहीं हो , तो मैं भी खुबसूरत नहीं,
पर हम दोस्त बन जाए , एक दूसरे से न मुख फिरे ,
मुझे दिल की बातें कहो
मुझे ना सताओ ।
आगे आप सुनिए चीनी गायिका सुश्री सोंग जू यिंग द्वारा गाया गया नाचो नामक गीत, जो वर्ष 2001 के वसंत त्योहार समारोह में प्रस्तुत किया गया था । इस गीत ने त्योहार में लोगों की खुशी की भावना व्यक्त की।
गीत----नाचो
गीत में कहा गया है
आकाश में रंगीन इन्दरधनुष दिखा
कोमल गीत पर नाच उठो
खुशी के त्योहार में हम गाओ, नाचे ,
उमंग की लहरें दौड़ी
सदभाव से जुड़े
गर्व को गर्व , आनंद से आनंद मिले ।
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