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बिलासपुर छत्तीसगढ के चुन्नी लाल मासूम ने सी . आर .आई के हिन्दी कार्यक्रमों के बारे में लिखे अपने पत्र में कहा कि चीन का भ्रमण कार्यक्रम में चाओहवा दीदी द्वारा थाओहान के अद्भुत सौंदर्य की जानकारी मनमोहक लगी , इसी प्रकार चीन के संक्षिप्त इतिहास में रिजवान भाई द्वारा युन राजवंश के अंतिम काल में किसान युद्ध की जानकारी भी दिलचस्प लगी । बारूद ,कुतुबनुमा , एक्युपंक्चर , कागज ---प्राचीन चीन का महान आविष्कार है ,जिसे दुनिया कभी भूल नहीं सकती , जानकारी रोचक एवं ज्ञानवर्धक लगी ।
आप से मिले कार्य़क्रम में पत्रकार और पर्यावरण कार्यकर्ता श्री सुरेश नौटियाल से जल समस्या तथा इस से पार पाने के उपाय के संबंध में विस्तृत बातचीत भी रोचक एवं शिक्षाप्रद लगी । इन सब कार्यक्रमों के लिए सी . आर .आई हिन्दी परिवार को मेरी ओर से बहुत बहुत धन्यावाद।
चुन्नीलाल मासूम हमारे पुराने और नियमित श्रोता है , आप वर्षों से बराबर सी .आर .आई हिन्दी कार्यक्रम सुनते आए हैं और हमें लिख कर कार्यक्रमों के बारे में अपनी राय और सुझाव भेजते रहे हैं , इस के लिए हम आप के लाख आभारी हैं । आप ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि दिनांक 26 जनवरी 2005 के विज्ञान , शिक्षा व स्वास्थ्य कार्यक्रम में चीनी भाषा का महत्व तथा विदेशियों के लिए चीनी भाषा शिक्षा की जानकारी बहुत ही सार्थक और ज्ञानवर्धक लगी है । पेइचिंग का भाषा और संस्कृति केन्द्र ,चीनी भाषा सीखने का महत्वपूर्ण संस्थान है , चीन अपने यहां की सभी 55 अल्पसंख्यक जातियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दे रहा है . चीनी केन्द्रीय जातीय विश्वविद्यालय में सभी अल्पसंख्यक जातियों के विद्यार्थियों को दी जाती शिक्षा इस बात के उदाहरण है ।
दिनांक 28 जनवरी 2005 को श्योयांग दीदी द्वारा प्रस्तुत तिब्बती जाति की प्रमुख खंबा संस्कृति का परिचयात्मक लेख बहुत ही रोचक , सजीव व ज्ञानवर्धक लगा । इसी दिन रिजवान साहब के द्वारा कन्फ्युशेयस के जन्म स्थान में स्थित कन्फ्युशेयस मंदिर , कन्फ्युशेयस भवन तथा कन्फ्युशेयस समाधि तथा वहां के प्राकृतिक अवेशषों की दी गई जानकारी भी महत्वपूर्ण एवं सार्थक लगी ।
चुन्नी लाल मासूद ने अपने पत्रों में यह भी कहा है कि तिब्बत की यात्रा में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विषय में प्रस्तुत जानकारी मुझे बेहद अच्छी लगती है , विगत 21 जनवरी को तिब्बत के अनाज उत्पादन केन्द्र पायलाङ काऊंटी तथा वहां के आर्थिक सुधार व किसानों के सुखमय जीवन के संबंध में प्रस्तुत रिपोर्ट बहुत ही आकर्षक एवं शिक्षाप्रद लगी ।
इसी दिन सांस्कृतिक जीवन कार्यक्रम में सुनामी पीड़ियों की सहायता के लिए आयोजित सांस्कृतिक कला समारोह की जानकारी भी बहुत अच्छी लगी । वास्तव में मानवीय सहायता के लिए चीनी कलाकारों की सहृद्यता प्रशंसनीय और अनुकरणीय है ।
चीन की अल्प संख्यक जाति कार्यक्रम में चाओ हवा दी दी द्वारा ह्वी जाति की रिपोर्ट तथा मशहूर इमाम छन कोयांग साहब का जीवन परिचय तथा उन के कार्य के विषय में दी गई जानकारी भी रोचक और शिक्षाप्रद लगी ।
रायपुर छत्तीसगढ़ के मनराखन लाल साटू ने सी .आर .आई के हिन्दी विभाग के नाम भेजे पत्र में कहा कि श्रोता वाटिका का प्रत्येक अंक एक नयी जानकारियों से परिपूर्ण रहता है , इस में शांतिपूर्ण अस्तित्व के पांच सिद्धांतों की 50 वीं वर्षगांठ की खुशियां संबंधी लेख एवं हिन्दी विभाग के श्रोताओं की तस्वीर बहुत पसंद आयी । सी .आर .आई के चीन का भ्रमण, चीन का संक्षिप्त इतिहास , आज का तिब्बत , सवाल जवाब , जीवन और समाज , तथा आप का पत्र मिला हमारा सर्वाधिक पसंद आने वाला कार्यक्रम है ।
घर बैठे इतना ढेर सारी जानकारियों के लिए हम आप का आभारी हैं । सवाल जवाब में तिब्बत का विश्व का सब से ऊचा रेल मार्ग संबंधी जानकारी , विज्ञान शिक्षा व स्वास्थ्य कार्यक्रम में श्री रिजवान जी द्वारा ऊर्जा की बचत शीर्षक से दी गई जानकारी बड़ी अच्छी लगी । यह जान कर बड़ी खुशी हुई कि चीन में भारत से अधिक पेट्रोलियम का उत्पादन होता है ।
सुनामी लहरों से प्रभावित क्षेत्रों के लिए संपूर्ण विश्व का हृद्य द्रवित हो उठा है , सी .आर .आई के द्वारा हमें ज्ञात हुआ कि सुनामी लहरों से प्रभावित इंडोनिशिया क्षेत्र में चीनी प्रतिनिधियों द्वारा आर्थिक सहायता पहुंचायी गई है ।
दरभंगा बिहार के प्रहलाद कुमार ठाकुर ने सी .आर.आई के हिन्दी प्रसारण के आप का पत्र मिला कार्यक्रम के लिए लिखे पत्र में कहा कि अदभुत देश के अदभुत प्रसारण सेवा के द्वारा हमें उस की अदभुतता के बारे में अदभुत जानकारी मिलती है , इस केलिए आप के द्वारा किए गए समर्पन भाव और प्रयास जिम्मेवार है । सी .आर .आई के द्वारा ही हम जान गए कि चीन भी भारत के सदृश निभिन्नताओं में एकता वाला देश है । इसी एकता भाव के कारण चीनी समाज निरंतर प्रगति के पथ पर उच्चतम गति से अग्रसर है और पूरे विश्व समाज का ध्यान अपनी ओर आकृष्ट किया है । विश्व समाज को अपने बारे में बता कर सी .आर.आई ने देश के प्रति सराहनीय व अतुलनीय काम किया , जिस से आप जैसे प्रिय उद्घोषकों का महत्वपूर्ण योगदान है ।
आप के द्वारा भेजे गए शुभकामना कार्ड और श्रोता वाटिका पत्रिका भी मिली , इसके लिए आप सभी को धन्यावाद । श्रोता वाटिका पत्रिका बहुत अच्छा है । इस अंक में पंचशील सिद्धांत की 50 वीं वर्षगांठ पर लेख , तिब्बत के शिकाजे शहर पर जानकारी , विश्व प्रसिद्ध अभिनेता जैकी छन तथा श्रोताओं के चुटकुले व कविताएं पढ़ने को मिली । विश्व प्रसिद्ध अभिनेता जैकी छन पर जानकारी अत्यन्त रोचक भी थी । उन का जीवन वृतांत प्रेरणाप्रद है . आप इसी तरह प्रत्येक अंक में चीन के विश्व प्रसिद्ध व्यक्ति के बारे में बताएं ।
27 जनवरी के जीवन व समाज में एक चीनी छात्र द्वारा व अन्य लोगों द्वारा सुनामी पीड़ितों के लिए की जा रही मदद के बारे में जाना , इस से चीनी लोगों की सहृद्यता तथा उदारता के बारे में पता चला है । वो दूसरे देश की जनता के लिए इतने चिंतित है और उन की खुशहाली हेतु यथासंभव मदद करते हैं . हमारे यहां भी कई प्रयास हो रहे हैं । क्या चीन में भी समाचार पत्रों के द्वारा लोगों को सहायता राशि इकट्ठा की जाती है । क्या चीन में भी प्रधान मंत्री राहत कोष जैसे कोष का गठन किया गया है ।
प्रहलाद कुमार ठाकुर जी , आप के प्रश्नों के हम यहां संक्षेप में उत्तर देंगे , हां , चीन में समाचार पत्रों और टी वी स्टेशनों में अकसर किसी प्राकृतिक आपदा व बीमारी जैसे संकट में फंसे लोगों की जानकारी दी जाती है और लोगों से उन्हें राहत सहायता देने का आह्वान किया जाता है । चीन में बाल कोष , रेड क्रास संघ का कोष , गरीब बच्चों को स्कूल पढ़ने की मदद देने वाला कोष आदि तरह तरह के राहय कोष गठित हुए हैं , समाचार माध्यमों द्वारा जो राहत राशि जमा की जाती है , वह इन कोषों और कल्याण संगठनों के जरिए राहत सहायता के जरूरी लोगों को पहुंचायी जाती है।
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश के मुहम्मद शफिक खान ने सी .आर .आई के हिन्दी प्रसारण के लिए लिखे पत्र में कहा कि मैं आप का पुराना श्रोता हूं और गत छै वर्षों से स्वयं ही कार्यक्रम सुनता था । लम्बे समय से पारिवारिक समस्याओं के कारण पत्र व्यवहार नहीं कर सका । अब सब कुशल मंगल है । आप को जान कर अति प्रसन्नता होगी कि मैं ने अन्य युवाओं के साथ एक श्रोता क्लब की स्थापना की है , जिस का नाम ब्रास सीटी लिस्नर्स क्लब है । मैं क्लब का अध्यक्ष हूं और सदस्यों की संख्या 25 है । हम सभी युवा हैं , सदस्यों में छात्र भी हैं और चीन के संबंध में जानने के इच्छुक रहते हैं । आप की पसंद सब का प्रिय कार्यक्रम है । आप ने चीन के तिब्बती लामा , जिन्हों ने सुनामी पीड़ितों के लिए पाठ किया था , से वार्ता पेश की , बहुत पसंद आयी ।
मुहम्मद शफिक खान और ब्रास सीटी लिस्नर्स क्लब के सभी सदस्य भाइयो , हम आप लोगों का अपने नियमित श्रोता के रूप में हार्दिक स्वागत करते हैं । आप द्वारा पुनः सी .आर .आई हिन्दी कार्य़क्रम सुनने तथा हमारे साथ पत्र व्यवहार करने पर हमें बड़ी खुशी हुई है और हमें विश्वास है कि आप और आप के परिवार हमेशा कुशल मंगल रहेगा और आप और आप के क्लब के सदस्य हमेशा हमारे प्रिय श्रोता मित्र बने रहेंगे ।
मुजाफ्फर नगर उत्तर प्रदेश के ब्रिजेर उपाध्याय ने हमें भेजे पत्र में लिखा है कि मैं ने आप को पत्र भेजा था , शायद वह आप को मिला नहीं, अब मैं फिर आप को पत्र भेज रहा हूं । और आशा करता हूं कि यह पत्र अवश्य आप तक पहुंचेगा । मैं आप का समाचार बहुत ही ध्यान से सुनता हूं और मैं आप के चीनी गीत संगीत में बहुत ज्यादा रूचि रखता हूं । चीनी संगीत तो जैसे मुझे मस्ती से भर देता है । आज का तिब्बत भी बहुत बहुत अच्छा लगता है , उस में आप ने तिब्बती लामा चुमैकांका से जो हमारी मुलाकात करवाई , वो मुझे बहुत अच्छी लगी । आप सभी हिन्दी भाषा को जिस प्रकार से बोलते हैं , वो मुझे बहुत रोचक लगती है । मुझे कोई ऐसी पुस्तक भेजे , जिस में चीनी लोग कैसे वस्त पहनते हैं , आज कल चीन में कैसा पहनावा है ।
ब्रिजेर उपाध्याय जी , आप का पत्र मिलने पर हमें बड़ी खुशी हुई है और हम आप का एक नए श्रोता के रूप में हार्दिक स्वागत करते हैं । आप को चीनी गीत संगीत में गहरी रूचि लगती है , जान कर बड़ी प्रसन्नता हुई , हर इतवार को हम चीनी गीत संगीत कार्यक्रम पेश करते हैं , आशा है कि आप को वह पसंद आएगा । आप को चीनी पत्रिका भेजी गई है , उस में आप को देखने को मिलेगा कि चीनी लोग अब किस प्रकार का वस्त्र पहनते हैं । चीन में लोग आधुनिक ढंग के वस्त्र पहनते हैं , विशेष मौकों पर परम्परागत वस्त्र भी पहनते और चीन की हरेक अल्पसंख्यक जाति के लोगों के अपने अपने जातीय शैली के परम्परागत वस्त्र भी हैं । जिस तरह भारत में विविध रंगों के पहनावा होते हैं , उसी तरह चीन में भी रंगबिरंगे पहनावा देखने को मिलते हैं ।
रत्नगिरी महाराष्ट्र के सतिश लक्ष्णमान बरस्कर ने हमें लिखे पत्र में कहा कि आज के तिब्बत में पहाड़ के गायक राजा यातून की जानकारी बहुत अच्छी लगी , उन के द्वारा गाया गीत प्यारी मां बहुत पसंद आया । भावनाओं की कोई भाषा नहीं होती , उसे समझने के लिए तो दिल चाहिए । संगीत तो आखिर संगीत होता है , चाहे किसी भी भाषा या देश का क्यों न हो ।
चीनी गीत और संगीत दोनों मुझे बहुत पसंद है । पर खास कर चीनी संगीत जो बहुत कुछ मन से बातें करता है । आप के कार्यक्रम का टाइटल संगीत और हर एक कार्यक्रम का संगीत बहुत पसंद आता है। खास कर कार्यक्रम खत्म होने की सूचना करने वाली धून मुझे बहुत अच्छी लगती है । कार्य़क्रम खत्म होने के बाद भी बहुत देर तक मन में रहती है और आप सब के चेहरे मेरे आंखों के सामने आ जाते हैं । मेरा मन मुझे चीन के पहाड़ों में ले जाता है , जो मैं ने कभी देखे भी नहीं है । बहुत ही गूढ भावनाएं हैं , जो शब्दों में ब्यान करना मुश्किल है । शायद आप लोगों से मेरा कोई पिछले जन्म का रिश्ता हो । श्याओ यांग , श्याओ थांग और चंद्रिमा इन की आवाजों की गहराई मानों जैसे मुझे चीन आने को कह रही है । एक ना एक दिन मैं अवश्य चीन आऊंगा और आप सभी प्यारे दोस्तों से मिलूंगा । अब मुझ से और लिखा नहीं जाएगा । भावनाओं का एक अजीब तूफान मन में उठा है , डर लग रहा है कि कहीं आंसूओं का बाढ़ बन कर आंखों से बाहर न आ जाए , आप सब लोग अपना ख्याल रखना और जो प्यार जता रहे हैं , वह कायम बनाए रखना ।
सतिश भाई , आप के दिल को गहराई में छू लेने वाला इस पत्र पढ़ कर हमारी आंखें भी डबडबा हो गई , गीत संगीत से हमारे मन में ऐसी भाइचारी जैसी भावनाओं का संचार और आदान प्रदान हो रहा है , जिस का शब्दों में वर्णन करना मुश्किल है । बस , हमारी भी उम्मीद है कि कभी हम एक दूसरे से मिलें , हमारे दिल में गर्भित अदृश्य दोस्ती की भावना सदृश्य हो जाएगी । आप को लाखों धन्यावाद ।

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