चीन की अर्थव्यवस्था को किस तरह का नुकसान पहुंचाएगा कोरोना वायरस
हाल में चीन के हुपेई प्रांत की स्थिति सब से गंभीर है। देश के अन्य क्षेत्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित देने के लिए एक करोड़ आबादी वाले बड़े शहर और अन्य 12 शहरों को बंद किया गया है, ताकि हुपेई प्रांत के 5 करोड़ लोग अलगाव की स्थिति में रहें। यह अति कठिनाई की बात है। इसलिए डब्ल्यूएचओ ने चीन में हुई महामारी को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए ध्यानाजनक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात घटना घोषित करने के साथ यह भी बताया कि हम सब लोग चीन को आभारी प्रकट करना चाहते हैं।
और तो और चीन ने वसंत त्योहार की छुट्टियों की आर्थिक गतिविधियों का न्योछावर कर महामारी को छोटे समय में नियंत्रित करने की कोशिश भी की। विश्व का सब से बड़ा व्यापार देश होने के नाते सभी काम को बंद करना नामूमकिन है। इसलिए वसंत त्योहार की छुट्टियों में प्राकृतिक रूप से काम को बंद करना अच्छी बात है। अगर कुछ दिन पहले चीन यह कदम उठाता, तो समाज में डांवाडोल पैदा होने की संभावना थी। लेकिन अगर देर से यह कदम उठाया, तो वायरस से संक्रमित और अधिक लोग वुहान के बाहर जा सकते हैं।
चीन के इस कदम से स्पष्ट प्रभाव पैदा हुआ। हुपेई प्रांत के अलावा, पेइचिंग और शांगहाई आदि बड़े महानगरों के लोग स्वेच्छा से पृथक रहने लगे और सामूहिक गतिविधियों के आयोजन से बचने लगे। सड़कों पर बहुत कम लोग दिखते हैं। नव वर्ष के दूसरे दिन यानी 26 जनवरी को पेइचिंग में फिल्म बॉक्स की कुल आमदनी सिर्फ़ 18.1 लाख चीनी युआन, जो पिछले साल की तुलना में भारी कटौती आयी थी। 27 जनवरी को यानी नव वर्ष का तीसरा दिन, रेल मार्ग, जहाजरानी और विमानों से केवल 1.63 करोड़ यात्री आते जाते थे, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 68.3 प्रतिशत की कटौती आयी है। इस तरह बड़े पैमाने वाले मानवीय संपर्क को पृथक करने से वायरस के फैलाव को नियंत्रित किया है। वायरस की ऊष्मायन अवधि 2 से 14 दिन हैं। वुहान शहर को बंद करने के 12 से 14 दिनों में पृथक होने का असर नजर आता है। चीन के अन्य बड़ी आबादी वाले प्रांत, जैसे क्वांग तोंग, च्यांग सू और शांगहाई ने आदेश दिया कि सभी उद्यम 10 फरवरी के बाद ही उत्पादन शुरू कर सकते हैं। चीन के हुपेई प्रांत में इस वसंतोत्सव की छुट्टी को 13 फरवरी तक बढ़ाया गया है। यदि चीन के विभिन्न स्थल सुव्यवस्थित रूप से उत्पादन पुनः शुरू करते हैं, तो महामारी के चीनी अर्थतंत्र पर असर वसंतोत्सव के दौरान पर्यटन और सेवा का नुकसान होगा। उद्यमों के देर से उत्पादन शुरू करने का नुकसान बाद में ओवरटाइम के लिए काम करने से क्षति पूरी की जा सकती है। इस तरह महामारी के चीनी अर्थतंत्र पर असर सब से छोटे हद तक नियंत्रित किया जा सकेगा। लेकिन यदि महामारी पर कारगर नियंत्रण न होने की स्थिति में उद्यम उत्पादन को पुनः शुरू करते हैं, तो अनिश्चितता पैदा हो सकेगी। लोगों के डरने से उपभोग और पर्यटन की कमी होगी, जिससे आर्थिक विकास को क्षति पहुंचती रहेगी।
हालांकि अभी परिणाम स्पष्ट नहीं है, फिर भी सब लोगों को चीन सरकार की महनती को महसूस हुआ है। हाल में चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में एक संवाददाता ने पूछा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉक्टर टेड्रोस अधनोम घेब्रेयसस ने जोर दिया कि महामारी की रोकथाम के लिए अति प्रतिक्रिया देने की आवश्यक्ता नहीं है। साथ ही उन्होंने विभिन्न देशों से यात्री या व्यापार सीमा आदि कदम न उठाने का सुझाव पेश किया। उन्होंने विभिन्न देशों से सबूत पर आधारित विश्वसनीय कदम उठाने की अपील की। साथ ही उन्होंने अफवाहों और गलत सूचनाओं के प्रसार के नुकसान की चेतावनी भी दी। इस की चर्चा में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ छ्वनयिंग ने कहा कि हालांकि वायरस भयानक है, फिर भी वायरस से और भयानक बात अफवाह और डरना है। इसलिए विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) हमेशा ही विभिन्न देशों से तथ्यों पर आधारित विश्वसनीय कदम उठाने की अपील करता रहा है। फिर हुआ ने कई तथ्यों को बताया। महामारी के प्रकोप से चीन ने अति सख्त कदम उठाये, जिन में अनेक डब्ल्यूएचओ के सुझाव और अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमावली से और सख्त हैं। डब्ल्यूएचओ द्वारा हाल में जारी रिपोर्ट बताती है कि चीन के सिवाए विश्व के अन्य देशों में मरीजों की संख्या चीन के 1 प्रतिशत से भी कम है। जबकि 2009 में अमेरिका के एच1एन1 फ्लू का विश्व के 214 देशों और क्षेत्रों में प्रकोप था। उस साल एच1एन1 फ्लू से 16.32 लाख लोग संक्रमित हुए और 2.845 लाख लोग मरते थे। एच1एन1 फ्लू की मृत्यु दर 17.4 प्रतिशत थी। जबकि 2012 में मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम की मृत्यु दर 34.4 प्रतिशत थी और इबोला की मृत्यु दर 40.4 प्रतिशत थी। हाल में चीन में नये कोरोना वायरस निमोनिया की मृत्यु दर करीब 2.1 प्रतिशत है, जो अन्य महामारी की मृत्यु दर से कम होती है। हुआ ने जोर दिया कि वायरस की कोई राष्ट्रीय सीमा नहीं है। महामारी एक समय की बात है, जबकि सहयोग लम्बे समय की बात है। सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के सामने विभिन्न देशों को एकजुट होकर सहयोग करना चाहिए, साथ मिलकर कठिनाइयों को दूर करना चाहिए। यह विभिन्न देशों के समान हितों से मेल खाता है।
उधर चीनी एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग के अनुसंधानकर्ता चोंग नानशान ने हाल में पत्रकारों के साथ साक्षात्कार में कहा कि नये कोरोना वायरस की जीन के विश्लेषण से साबित हुआ है कि यह सार्स वायरस से बहुत मिलता जुलता है। इस वायरस के लोगों को संक्रमित करने के बीच में जानवर होता है। पहले चीनी रोग रोकथाम नियंत्रण केंद्र के प्रधान काओ फू ने चीनी राज्य परिषद के प्रेस दफ्तर में आयोजित एक न्यूज ब्रीफिंग में भी कहा कि इस बार की महामारी का स्रोत वुहान शहर के एक सीफूड बाजार में बेचे गये जंगली जानवर हैं। इस के बाद वैज्ञानिकों ने वुहान शहर के हुआनान सीफूड बाजार में अनेक नये कोरोना वायरस का पता भी लगाया । 2003 में सार्स वायरस जंगली सीविट द्वारा मानव जाति में संक्रमित हुआ था। इस बार भी। यह स्पष्ट है कि गैरकानूनी रूप से जंगली जानवरों की बिक्री का बड़ा जोखिम होता है। हालांकि 2003 में सार्स का सबक होता था, फिर भी चीन के बाजार में गैरकानूनी रूप से जंगली जानवरों की बिक्री की स्थिति अभी भी मौजूद रही है। अनेक व्यापारियों को जंगली जानवरों की बिक्री से भारी लाभ मिला है। अनुमान लगाया गया कि चीन में गैरकानूनी जंगली जानवरों के बाजार का पैमाना 10 अरब चीनी युआन से भी बड़ा है। अनेक लोग इस से धनी बन गये हैं। वसंत त्योहार हमेशा ही जंगली जानवरों की बिक्री का स्वर्णिम समय है। जबकि सर्दियों के मौसम में वायरस के फैलाव का सब से अच्छा समय है। मानव जाति के जंगली जानवरों के घनिष्ट संपर्क होने से जानवरों पर पहुंचे वायरस जरूर एक दिन मनुष्य को संक्रमित कर सकेगा। सार्स की तरह इस बार की महामारी भी दिसम्बर महीने से प्रकोप होने लगा था। यदि चीन गैरकानूनी जंगली जानवरों की बिक्री पर नियंत्रण नहीं करता, तो भविष्य में नयी महामारी होने की भी संभावना होगी। इसलिए चीन को कानूनों को परिपूर्ण बनाकर जंगली जानवरों की बिक्री को बंद करना चाहिए।
इस के पीछे का क्या कारण है?निसंदेह चीनी लोग व्यंजन और स्वाद पर सब से बड़ा ध्यान देते हैं। विश्व में शायद चीनियों की तरह जंगली जानवर खाने वाले लोग नहीं हैं। चीनी परम्परागत औषधि की संस्कृति के मुताबिक कुछ जंगली जानवरों की दवा बनायी जा सकती है। अन्य कुछ लोग जंगली जानवरों को खाने से अपनी समृद्धि दिखाना चाहते हैं। जिससे चीन में जंगली जानवरों की बिक्री के बाजार और स्थितियां तैयार की गयी हैं।
हम अकसर कहते हैं कि रोग मुख से आता है। लेकिन हम बीमारी से बचने के लिए नहीं खाते तो ठीक नहीं है। इस में कुंजीभूत बात यह है कि खाने की चीज़ों का अच्छी तरह विकल्प करना जरूरी है। किस तरह के व्यंजन स्वास्थ्य के लिए अच्छी हैं, किस तरह के व्यंजन स्वास्थ्य के लिए बुरे हैं, हमें यह बताना चाहिए। खाद्य पदार्थों के प्रबंध के क्षेत्र में राष्ट्रीय प्रशासन सिस्टम और प्रशासन क्षमता का आधुनिकीकरण का सुधार करना आवश्यक बात है। चीन निगरानी प्रणाली की स्थापना करेगा, संबंधित कानूनों का संशोधन करेगा, गैरकानूनी जंगली जानवरों को न खाने के लिए लोगों को जागृत करेगा और अपराधिक कार्यवाइयों की कड़ी सज़ा देगा, ताकि महामारी के फिर एक बार पैदा होने से बचा जा सके।