14 मई 2020
अनिलः जानकारी... आपने फ्लोरेंस नाइटिंगेल या 'द लेडी विद द लैंप' के बारे में किताबों में जरूर पढ़ा होगा, लेकिन क्या आपको पता है कि फ्लोरेंस नाइटिंगेल को ही दुनिया की पहली नर्स माना जाता है और उन्हीं के जन्मदिन को अंतरराष्ट्रीय नर्सेज डे यानी नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। फ्लोरेंस नाइटिंगेल की ऐसी कई खास बातें हैं, जो उन्हें महान बनाती हैं। तो चलिए जानते हैं दुनिया की इस पहली नर्स के बारे में और आखिर अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस का इतिहास क्या है।
12 मई 1820 को इटली के फ्लोरेंस में जन्मीं फ्लोरेंस नाइटिंगेल को एक नर्स से ज्यादा घायलों की जान बचाने वाली 'देवदूत' के रूप में जाना जाता है। उन्होंने जंग में घायल हजारों लोगों की जान बचाई थी। नाइटिंगेल का बचपन से ही ये शौक था कि वो लोगों की सेवा करें, लेकिन वर्ष 1844 में उन्होंने पूरी तरह से ये तय कर लिया कि उन्हें नर्सिंग के पेशे में ही जाना है और लोगों की सेवा करनी है।
कहते हैं कि फ्लोरेंस नाइटिंगेल ने जब अपने माता-पिता से ये कहा कि वो नर्सिंग की ट्रेनिंग के लिए इंग्लैंड के सैलिसबरी शहर जाना चाहती हैं तो उन्होंने इसके लिए साफ इनकार कर दिया, क्योंकि वो चाहते थे कि उनकी बेटी शादी कर ले और अपना घर बसाए। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नाइटिंगेल का एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग भी चला था, लेकिन 1849 में उन्होंने उससे शादी करने से इनकार कर दिया और कहा कि उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा है। इसके एक साल बाद ही जब घरवालों को ये अहसास हो गया कि नाइटिंगेल शादी नहीं करेंगी तो हारकर उन्होंने नर्सिंग की ट्रेनिंग लेने के लिए उन्हें जर्मनी जाने की इजाजत दे दी।
नीलमः वहीं अब दूसरी जानकारी। जर्मनी, जहां का तानाशाह हिटलर था, जिसकी वजह से द्वितीय विश्वयुद्ध हुआ था। वैसे तो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यह देश बिल्कुल कंगाल हो चुका था, लेकिन आज इसकी गिनती दुनिया के 10 सबसे ताकतवर देशों में की जाती है। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में आज पूरी दुनिया में सबसे पहला नाम किसी देश का आता है तो वो है जर्मनी। इस देश से जुड़े और भी कई ऐसे रोचक तथ्य हैं, जिनके बारे में जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे।
जर्मनी एक ऐसा देश है, जहां आप हाइवे पर जितनी मर्जी उतनी रफ्तार से गाड़ी चला सकते हैं, इसके लिए कोई सजा का प्रावधान नहीं है, लेकिन यहां बीच रास्ते में अगर आपकी गाड़ी का ईंधन खत्म हो जाता है तो इसे अपराध माना जाएगा। इसके लिए आपको सजा हो सकती है या जुर्माना लगाया जा सकता है।
आमतौर पर भारत समेत कई देशों में लोग किसी को एडवांस (समय से पहले) में ही बर्थडे विश (जन्मदिन की शुभकामनाएं) कर देते हैं, लेकिन जर्मनी में ऐसा करना बैडलक माना जाता है। यहां लोग सिर्फ जन्मदिन के दिन ही किसी को बधाई या शुभकामना देते हैं।
आमतौर पर लोग किसी को फोन करते हैं या फोन उठाते हैं तो सबसे पहले 'हैलो' ही बोलते हैं और उसके बाद बात करने शुरू करते हैं, लेकिन यहां के लोग फोन पर हैलो बोलने के बजाय सीधे अपना नाम बताकर ही बातचीत करना शुरू कर देते हैं।
अनिलः वहीं आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि सोने, चांदी और हीरे ही दुनिया में सबसे महंगे होते हैं, जिनकी कीमत लाखों-करोड़ों में होती है, लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे महंगा पदार्थ कौन सा है, जिसकी कीमत ही इतनी है कि आप उसपर विश्वास नहीं कर पाएंगे।
इस पदार्थ का नाम है एंटीमैटर (प्रतिद्रव्य)। शायद आपने इसका नाम भी न सुना हो, लेकिन विज्ञान की दुनिया में इसे एक रहस्यमय पदार्थ के रूप में जाना जाता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, एंटीमैटर पदार्थ के ही समान है, लेकिन यह सामान्य पदार्थ के बिल्कुल विपरीत है। विशेष रूप से, एंटीमैटर के उप-परमाणु कणों में सामान्य पदार्थ (मैटर) के विपरीत गुण होते हैं। उन कणों का विद्युत आवेश उल्टा होता है।
आपको लग रहा होगा कि एंटीमैटर शायद कोई काल्पनिक पदार्थ हो, इसलिए नहीं मिलता, लेकिन आपको बता दें कि यह कोई काल्पनिक पदार्थ नहीं बल्कि असली पदार्थ है। इसकी खोज 20वीं सदी के पूर्वार्ध में हुई थी। एंटीमैटर के बारे में सबसे पहले साल 1928 में वैज्ञानिक पॉल डिराक ने दुनिया को बताया था, जिन्हें न्यू साइंटिस्ट पत्रिका ने 'सर आइजैक न्यूटन के बाद सबसे महान ब्रिटिश सिद्धांतकार' कहा था। तब से लेकर आज तक यह वैज्ञानिकों के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है।
अब कुछ खाने-खजाने की जानकारी। जो दुर्गेश जी ने भेजी है।
पुदीने की चटनी : रेसिपी और फायदे ।
सामग्री – पुदीने की पत्तियां – 1 कप, हरी मिर्च – स्वादनुसार, नमक स्वादनुसार, दही – 3-4 बड़े चम्मच, जीरा – आधा चम्मच, काला नमक – स्वादनुसार ।
विधि : पुदीने की पत्तियों को धो लें| इसके बाद सभी सामग्री और पुदीने की पत्तियों को मिलाकर मिक्सर में पीस लें| आप चाहें तो इस चटनी में दही के स्थान पर कच्चे आम या कैरी का प्रयोग भी कर सकते हैं| इस चटनी को आप अपनी सुविधा के हिसाब से तरह या गाढ़ी बना सकते हैं|
फायदे : गर्मी का बढ़ना, पेट संबंधी समस्याओं और त्वचा के लिए भी पुदीने की चटनी फायदेमंद होगी| यह आपके खाने का भी स्वाद बढ़ाएगी और आपको सेहत से जुड़े कई अन्य फायदे भी देगी| आंतों की समस्या, प्रसव के समय, बुखार और दस्त में भी यह फायदेमंद है ।
इसी के साथ प्रोग्राम में जानकारी देने का सिलसिला यही संपन्न होता है।
नीलमः अब श्रोताओं के पत्रों की बारी है।
सबसे पहला पत्र हमें भेजा है, खंडवा मध्य प्रदेश से दुर्गेश नागनपुरे ने। लिखते हैं, आपको हमारा प्यार भरा दिल से नमस्कार , आदाब और शुभ संध्या। हमें पिछला टी टाइम कार्यक्रम बेहद पसंद आया ।
कार्यक्रम टी टाइम के प्रारंभ में आपके द्वारा ब्रुनेई देश के बारे में दी गई रोचक जानकारी हमें बहुत अच्छी और मनोरंजक लगी ।
साथ ही कार्यक्रम टी टाइम के इस अंक में मेरे द्वारा प्रेषित रेसिपी कच्चे आम की खट्टी मीठी चटनी को आपने जानकारी के अंतर्गत शामिल कर मेरी खुशी को दोगुना बढ़ा दिया ।
साथ ही मानीटर भाई शंकरप्रसाद शंभू जी द्वारा भेजी गई " कोरोना का कहर " नामक कविता एक बार पुन : हम सभी श्रोताओं को एक नयी शिक्षा प्रदान कर गई। साथ ही हम क्लब के सभी मित्रों ने चाय की गर्मागर्म चुस्कियों का स्वाद लेते हुए मानीटर सुरेश अग्रवाल जी द्वारा श्रोता बंधुओं से की गई बातचीत का आडियो इंटरव्यू सुना, जो कि हमें विशेष रूप से बहुत प्रेरणादायक और मनभावन लगा।
वहीं कार्यक्रम में श्रोता बंधुओं की प्रतिक्रियाएं बहुत अच्छी लगी और मेरे द्वारा प्रेषित मजेदार जोक्स भाई अनिल पांडेय जी की मीठी आवाज में सुनकर हमें बहुत हंसी आई ।
अनिलः दुर्गेश जी लिखते हैं, एक शायरी भेज रहा हूं। दोस्ती शायरी :-
चाँद की दूरी एक रात तक है, सूरज की दूरी बस दिन तक है, हम दोस्ती में वक़्त नहीं देखते, क्योंकि हमारी दोस्ती की हद हमारी आखिरी साँस तक है।
नीलमः यह पत्र हमें भेजा है, दरभंगा बिहार से शंकर प्रसाद शंभू ने। लिखते हैं, "खेल जगत" में अनिल भैया ने सबसे पहले दुनिया भर के खेल समाचारों में बताया कि अमेरिका के टेलर फ्रिट्ज़ ने दिग्गज महिला टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स और रूस की मारिया शारापोवा को हराकर ऑनलाइन टेनिस टूर्नामेंट जीत लिया है। वहीं भारतीय महिला हॉकी टीम ने कोविद 19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में 20 लाख रुपये दिये, यह सराहनीय कदम है। कोरोना वायरस महामारी के बीच होने वाली ऑनलाइन शतरंज प्रतियोगिता में दुनिया के कुल 6 टीम यथा चीन, यूरोप, रूस, अमेरिका, भारत एवं शेष विश्व भाग लेंगे।
अनिलः वहीं "टी टाईम" कार्यक्रम भी ध्यान से सुना, जिसमें बताया गया कि इंडोनेशिया के पास स्थित मुस्लिम बाहुल्य देश ब्रुनेई में आज भी राजतंत्र है, जहाँ सिर्फ राजा का शासन हीं चलता है। कार्यक्रम से हमें ज्ञात हुआ कि उस देश के घर की दीवारों पर पत्नी की तस्वीर लगाना एक रिवाज है। घर की दीवारों पर वहाँ के सुल्तान की तस्वीर भी देखी जाती है।
वहीं दुर्गेश नागनपुरे जी द्वारा भेजा गया कच्चे आम की खट्टी-मीठी चटनी के बनाने की विधि और उसके सेवन से होने वाले लाभ की चर्चा की गयी, जो बेहद पसन्द की गयी। मेरे द्वारा भेजी गयी कविता 'कोरोना का कहर' अनिल भैया की मधुर आवाज में सुनकर मेरे साथ ही हमारे क्लब के सदस्य भी काफी खुश हुए।
कार्यक्रम के अगले भाग में भाई सुरेश अग्रवाल जी द्वारा भेजी गयी ऑडियो रिकार्डिंग सुनायी गयी। अच्छी लगी।
धन्यवाद एक अच्छी प्रस्तुति के लिए। शंभू जी धन्यवाद।
नीलमः अगला पत्र भेजा है, बेहाला कोलकाता से प्रियंजीत कुमार घोषाल ने। लिखते हैं मैं आपके कार्यक्रम लगातार सुनता हूं। इस बार आपने ब्रूनेई के बारे में बताया। यह जाना कि इस देश में एक हज़ार लोगों में 700 के पास कार है। वहीं हर घर में लोग अपनी पत्नियों की फोटो दीवार पर लगाए रहते हैं।
घोषाल जी धन्यवाद।
अब बारी है, अगले पत्र की। जिसे भेजा है, आनंद मोहन ने। लिखते हैं, आज के टी टाइम कार्यक्रम में ब्रूनेई के जानकारी काफी रोचक लगी। महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं है और घर की दीवार पर पत्नी की फोटो लगायी जाती है।
सुरेश अग्रवाल जी ने श्रोताओं का इंटरव्यू लिया ,राम कुमार नीरज ,रतन कुमार पॉल ,सिद्धार्थ भट्टाचार्जी से बातचीत सुनी। lockdown पर श्रोताओं के विचार सुनकर काफी अच्छा लगा।
समय समय पर इस प्रकार के इंटरव्यू कार्यक्रम में शामिल होने चाहिए ।
अनिलः अब पेश है, पंतनगर उत्तराखंड से वीरेंद्र मेहता का पत्र। लिखते हैं, नी हाउ,
टी टाइम प्रोग्राम के नए अंक में अनिल जी द्वारा ब्रुनेई देश के बारे में बताया गया, सचमुच यह हैरान करने वाला देश है । वही दुर्गेश नागनपुरे जी द्वारा भेजी गई चटनी बनाने के टिप्स और जोक्स मजेदार रहे । और श्रोता बंधुओं से बातचीत के अंश से भी अच्छे लगे । और अंत में मेरा आपसे एक सुझाव है कि प्रोग्राम के शुरू या अंत में ईमेल का पता या नए श्रोता बंधुओं के लिए CRI से जुड़ने का पता बताएं। जो कि पहले बताया जाता था ।
धन्यवाद !!
वीरेंद्र लिखते हैं कि आरोग्य सेतु एप कैसे कार्य करता है इस ऑडियो के माध्यम से बताने की कोशिश करूंगा - धन्यवाद !! वीरेंद्र।
......ऑडियो फाइल.....
नीलमः अब बारी है केसिंगा उड़ीसा से सुरेश अग्रवाल के पत्र की।
लिखते हैं,"खेल जगत" में हर बार की तरह आज भी प्रस्तोता अनिल पाण्डेय द्वारा कम समय में तमाम महत्वपूर्ण खेलों की जानकारी प्रदान की गयी। फिर चाहे वह अमेरिका की टेलर फ्रिट्ज़ द्वारा टेनिस में सेरेना विलियम्स जैसी खिलाड़ी को धराशायी कर खिताब पर कब्ज़ा कर जीती हुई धनराशि चैरिटी को दान करने की बात हो, या कि भारतीय महिला हॉकी टीम द्वारा 'द फाउंडेशन' को बीस लाख रुपये दान किये जाने की, जानकारी अत्यंत महत्वपूर्ण कही जायेगी। भारत के शतरंज के बादशाह विश्वनाथन आनंद सहित अन्य खिलाड़ियों के एक करोड़ अस्सी लाख धनराशि वाली ऑनलाइन शतरंज प्रतियोगिया में भाग लिये जाने तथा इस स्पर्धा में चीन को शीर्ष स्थान पर रखे जाने का समाचार भी काफी अहम लगा। सर्वोपरि अमेरिकी महिला फुटबॉल टीम द्वारा पुरुषों की टीम के बराबर वेतन एवं अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर कैलिफोर्निया के न्यायालय में लगायी गयी याचिका के खारिज़ होने का समाचार निराशाजनक लगा। आख़िर, यह लैंगिक भेदभाव नहीं तो और क्या है। धन्यवाद एक बेहतरीन प्रस्तुति के लिये।
अनिलः आगे लिखते हैं कि कार्यक्रम "टी टाइम" की प्रस्तुति हर बार की तरह आज भी लाज़वाब रही। आज सबसे पहले मैं आभार प्रकट करना चाहूँगा इस कार्यक्रम के प्रस्तोता अनिल एवं नीलमजी के प्रति कि जिन्होंने लॉकडाउन की स्थिति पर मुझ द्वारा श्रोता-मित्रों से की गयी बातचीत के मुख्य अंशों को कार्यक्रम में समुचित जगह प्रदान की। वहीं जानकारियों के क्रम में मुस्लिम बहुल देश ब्रुनेई पर दी गयी यह जानकारी हैरान करने वाली लगी कि वहां आज भी राजतन्त्र है और महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं है।
नीलमःवैसे इस देश में घर की दीवारों पर पत्नी की तस्वीर लगाने के रिवाज़ तथा सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने पर पाबंदी होने जैसी बातें अच्छी कही जायेंगी। यहां प्रति एक हजार लोगों के बीच सात सौ कारों का होना देश की समृद्धि का परिचायक है। कच्चे आम की खट्टी-मीठी चटनी पर भाई दुर्गेश नागनपुरे द्वारा भेजी गयी ज़ायकेदार रेसेपी भी प्रशंसा की हक़दार है। कार्यक्रम में पेश तीनों जोक्स भी -अप टू द मार्क कहे जायेंगे।
सुरेश जी धन्यवाद। श्रोताओं की टिप्पणी यहीं तक।
अनिलः अब बारी है जोक्स यानी हंसगुल्लों की। जो हमें भेजे हैं दुर्गेश नागनपुरे ने।
पहला जोक...
भिखारी : दादी, रोटी दे दीजिए खाने के लिए...
दादी : अभी बनी नहीं है, बाद में आना..।
भिखारी : ठीक है फिर यह लो मेरा मोबाइल नंबर, बन जाए तो मिस कॉल कर देना...
भिखारी रॉक, दादी शॉक...
फिर संभल कर दादी बोली : अर�� मिस कॉल क्या करना, व्हॉट्सएप है न... उस पर डाल दूंगी, डाउनलोड कर लेना...
दादी रॉक.. भिखारी शॉक्ड
दूसरा जोक
एक बच्चे ने पिता से एक शादी समारोह में पूछा-पापा,
शादी के मंडप में दूल्हा, दुल्हन का हाथ क्यों पकड़ता है?
पिता ने लंबी सांस भरते हुए कहा- बेटा यह तो एक रस्म है, कुश्ती से पहले पहलवान भी अखाड़े में हाथ मिलाते हैं।
तीसरा जोक
एक दिन रास्ते में दुवेदी जी (वकील साहब ) को एक भिखारी मिल गया . भिखारी (वकील साहब से):- बाबू कुछ पैसे दे दो। वकील साहब (भिखारी से):- अरे भई, मोटे तगड़े हो, कुछ काम क्यों नहीं करते? भिखारी (वकील साहब से):- मैंने पैसे मांगे है, सलाह नहीं।