8 महीने से अधिक समय चले चीन-अमेरिका व्यापार संघर्ष के लिए इस साल के अंत में मुड़ने का महत्वपूर्ण मौका आया ।
चीनी उप प्रधानमंत्री ल्यो ह ने 28 नवम्बर को जर्मनी की यात्रा समाप्त की। यात्रा के दौरान ल्यो ह ने जर्मन चांसलर एंजेला मर्कल से वार्ता की और 8वें चीन-यूरोप मंच के हैमबर्ग शिखर सम्मेलन के समापन समारोह पर थीम भाषण दिया।
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग 27 नवम्बर से स्पेन, अर्जेंटीना, पानामा और पुर्तगाल की यात्रा करेंगे और ब्यूनस आयर्स में आयोजित होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
13 वर्ष बाद चीनी राष्ट्रपति ने फिर एक बार फिलीपींस की यात्रा की। कई सालों के बाद चीन-फिलीपींस संबंध एक नई मंज़िल पर पहुंचे हैं।
वर्ष 2018 में जब बहुत-से अंतर्राष्ट्रीय बैंकों ने ब्रुनेई में अपना वित्तीय कार्य बन्द किया, तब बैंक आफ चाइना ने ब्रुनेई में निवेश किया। ब्रुनेई दक्षिण पूर्वी एशिया में तीसरा बड़ा तेल उत्पादक और विश्व में चौथा प्राकृतिक गैस उत्पादक देश है। तेल और प्राकृतिक गैस का उत्पादन इस देश के अर्थतंत्र में 60 प्रतिशत का योगदान देते है। पर विश्व बाजार में तेल दामों की गिरावट से ब्रुनेई के अर्थतंत्र पर प्रभाव पड़ा है।
एपेक का दो दिवसीय 26वां अनौपचारिक शिखर सम्मेलन 18 नवम्बर को पापुआ न्यू गिनी में संपन्न हुआ।
17 नवंबर को चीनी राष्ट्रपति शी चिन फिंग ने पापुआ न्यू गिनी में आयोजित एपेक व्यापार शिखर सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया।
समानता और पारस्परिक सम्मान के सिद्धांत के अनुसार चीन ने अपनी क्षमता के मुताबिक इन देशों की किसी राजनीतिक शर्त के बिना सहायता की। जिस ने उन देशों के विकास के लिए बर्फीले मौसम में ईंधन देने की भूमिका निभायी ।
फिलहाल आस्ट्रेलिया निरंतर चीन को सकारात्मक संकेत देता रहा है। नये प्रधानमंत्री स्कॉट मोरिसन ने आसियान शिखर बैठकों के दौरान चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग के साथ वार्ता भी की ।
आशियान के दस सदस्य देशों, चीन, दक्षिण कोरिया, जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड के नेताओं ने इस हफ्ते सिंगापुर में हुई शिखर बैठक में समान विचार जताया कि क्षेत्रीय चौतरफा आर्थिक साझेदारी यानी आरसीईपी वार्ता में ठोस प्रगति प्राप्त हुई है फिलहाल ये वार्ता अंतिम दौर में है।
चीनी प्रधान मंत्री ली खछ्यांग और आशियान के विभिन्न देशों के नेताओं ने चीन –आशियान रणनीतिक साझेदारी वर्ष 2030 विज़न नाम के दस्तावेज पर विचार कर इसे पारित किया।
ब्रिटिश इकॉनमिस्ट इंटेलिजेंस युनिट से विश्व के 50 देशों में किये गये ताजा सर्वेक्षण से पता चला है कि 91.4 प्रतिशत चीनी लोग अपने देश के भविष्य को लेकर आशावान रुख़ अपनाते हैं।