कोरोना से मुकाबला होगा आसान, अगर देंगे इन बातों पर ध्यान
(लेखक : अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप में पत्रकार हैं)
भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण अब तेजी से पांव पसार रहा है। कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए भारत में हर दिन एक नया रिकॉर्ड बन रहा है। चाहे वो कोरोना के बढ़ते मामले हों या काल के गाल में समाये कोरोना संक्रमित रोगी। कोरोना के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए भारत सरकार और राज्य की सरकारें हर संभव कोशिश में जुटी हुई हैं लेकिन कोरोना के मामले थमने के बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं।
आज भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों का आंकड़ा 14 लाख के पार हो गया है। रोजाना दसियों हजार मामले सामने आ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में पहली बार कोविड-19 के करीब 50 हजार नए मामले सामने आए। वहीं, अमेरिका में हर दिन 70 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और 43 लाख संक्रमित मामलों के साथ दुनिया में पहले पायदान पर है।
शुरूआत में किसी ने नहीं सोचा था कि कोविड-19 नाम का यह वायरस पूरी दुनिया में इतना कहर बरपाएगा। अगर देखें तो सार्स और मर्स, जो ज्यादा खतरनाक वायरस थे, उन पर जल्दी से काबू पा लिया गया था, लेकिन कोरोना वायरस पिछले छह महीनों से आतंक मचाए हुए है और खतरनाक बात यह है कि यह अभी भी बढ़ रहा है। और अगर भारत में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर नजर डालें, तो उससे लगता है कि उसको शांत होने में अभी बहुत वक्त लगेगा।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है। यहां शहरों में घनी आबादी रहती है। ऐसे में शायद इसकी आशंका अधिक है कि भारत कोरोना वायरस महामारी का वैश्विक हॉटस्पॉट बन जाये। जब कोरोना संक्रमण फैला था तब भारत करीब 50 देशों से पीछे थे, लेकिन लोगों की लापरवाही और उदासीनता ने आज भारत को तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया है। जाहिर है, शुरू में संकट की गंभीरता को न समझना, पर्याप्त कोरोना जांच का न होना और अनेक रोगियों द्वारा संक्रमण छिपाना आज देश को भारी पड़ रहा है।
खैर, इस समय कोरोना महामारी का मुकाबला किया जा सकता है, बशर्ते हम अपना पूरा ध्यान बचाव पर ही लगाएं। वैज्ञानिक और फार्मा कंपनियां बेशक कोरोना वैक्सीन जल्द बना लेंगी, लेकिन जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक हमें बचाव के उपाय को ही अपना मुख्य हथियार बनाना होगा। शरीर के तापमान की जांच करना, सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना, मास्क लगाना आदि कारगर उपाय हैं।
हमें इस संकट की भयावता को ठीक से समझना होगा। जो इस खतरे को हल्के में लेने की भूल कर रहे हैं, उन्हें देखना चाहिए कि अब तक भारत में करीब 33 हजार लोग इस कोरोना की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं। उन्हें कोरोना के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात डॉक्टरों, नर्सों, हेल्थ कर्मचारियों के बारे में भी विचार करना चाहिए।
अब हर नागारिक को देखना होगा कि वे कहीं जाने-अंजाने में कोरोना संक्रमण तो नहीं फैला रहे। चेहरे पर सही तरह से मास्क पहने रखने और परस्पर शारीरिक दूरी बनाए रखने के प्रति चौकस रहना होगा। प्रशासन के दिशा-निर्देशों का सही तरह से पालन करने को अपना धर्म समझना होगा। सच मानिए, जब अनुशासन और बचाव पर ध्यान देंगे, तो कोरोना से मुकाबला खुद-ब-खुद आसान हो जाएगा।