अतिथियों के सम्मान में भोज देने के तरीके भी अलग-अलग हैं। पेइचिंग में लोग सामान्य भोज के लिए मेज़ पर आठ कटोरे और आठ थालियां रखते हैं। थालियां ठंडी सब्ज़ी के लिए होती हैं, और कटोरे गर्म चीज़ के लिए। उत्तरी चीन के हेलुंगच्यांग प्रांत में ऐसा प्रचलन है कि सब्ज़ियों की मात्रा दोगुनी होनी चाहिये। दूसरे क्षेत्रों में भोज में मछली भी होनी चाहिये क्योंकि मछली शब्द का उच्चारण अमीर शब्द के उच्चारण के समान है। विवाह से संबंधित अलग-अलग प्रकार के भोज होते हैं। विवाह की सूचना देने के लिए भोज दिया जाता है। लड़का और लड़की के प्रथम मिलन के लिए भी भोज तैयार होता है, शादी तय करने और विवाह करने आदि सबके लिए भी भोज तैयार होते हैं। बेशक विवाह के समय का भोज सबसे शानदार होता है। पश्चिमी चीन के शानशी प्रांत में विवाह के भोज में हरेक सब्जी का अपना अलग अलग मतलब होता है। पहली सब्जी किसी लाल मांस से बनायी जाती है जिसका मतलब है खुशी और सुखमय जीवन। दूसरी सब्जी का अर्थ पूरे परिवार के सुख से जुडा होता है। इसके बाद चावल, चीनी खुजूर, लिली और कमल के फूल के बीज़ों आदि से बना भोजन परोसा जाता है। पूर्वी चीन के च्यांगसू प्रांत में विवाह के भोज में हरेक मेज़ पर 16, 24 या 36 कटोरे रखे जाते हैं। इन सबका मतलब है शुभकामनाएं देना। बुजुर्गों के जन्मदिन के लिए नूडल्स तैयार किये जाते है, जिसका अर्थ दीर्घायु होना है। पूर्वी चीन के हांगचाओ और च्यांगसू आदि क्षेत्रों में बुजुर्गों के जन्मदिन मनाते समय दोपहर को नूडल्स खिलाया जाता है और शाम को सामान्य भोज तैयार किया जाता है। हांगचाओ शहर में लोग जन्मदिन मनाते समय दूसरे आदमी के कटोरे में चौपस्टिक से नूडल्स डालते हैं जिसका मतलब होता है कि दूसरे को अधिक जिंदगी देना। नूडल्स भी दो कटोरे खाना चाहिये, पर हरेक कटोरे को पूरी तरह नहीं भरना चाहिये क्योंकि शुभ नहीं माना जाता है।