बनशि हरेभरे जंगल से ढके शहर के रूप में उत्तर पूर्व चीन के ल्याओनिन प्रांत में स्थित है, वह पूर्व में चिलिन शहर, पश्चिम में आनशान शहर और उत्तर में शनयांग शहर से सटा है और छांगपाई पर्वतमाले तथा दक्षिण ल्याओ निन टीले से घिरा हुआ है, शहर क्षेत्र में नदियां बहती हैं और झील तालाब फैले है। पिछली शताब्दी के 50 वाले दशक में बनशि देश में लोहा इस्पात उत्पादन से मशहूर था। वहां जमीन के नीचे प्रचुर खनिज भंडार के कारण उसे भू-तत्व संग्रहालय की संज्ञा भी दी गयी है। इस शताब्दी के शुरू में बनशि में पर्यावरण संरक्षण व पर्यटन उद्योग का जोरदार विकास किया जा रहा है और बनशि जड़ी-बूटी वादी का विकास जोरों पर है, इससे इस शहर की ख्याति अपनी रमणीय दृश्य से और दूर दूर फैली है।
आधुनिक बनशि में एक सुप्रसिद्ध वाचन कलाकार उभरा है, जिस का नाम थ्येन ल्यानय़्वान है और जो छांगछुन शहर में जन्मे है और 20 साल की आयु में नौकरी के लिए बनशि आये थे। उस की नजर में बनशि ने उस के करियर के अच्छे विकास के लिए हिन्डोले का काम किया था।
श्री थ्येन ल्यानय्वान को बनशि के रहस्यमय इतिहास में असाधारण दिलचस्पी है। बनशि शहर के अधीनस्थ शानछङजी गांव के पूर्व में खड़े म्योहो पहाड़ पर उत्तर पूर्व चीन का सब से प्राचीन मानव का अवशेष स्थल पता चला है। पहाड़ के दक्षिण ढलान पर एक कुदरती गुफा में बड़ी मात्रा में स्तनपायी जानवरों के जीवाश्म खोज निकाले गए हैं और ढेरों मानव जीवाश्म और पाषाण औजार भी प्राप्त हुए हैं। सर्वेक्षण से साबित है कि आज से 4 लाख साल पहले पेइचिंग मानव की भांति उत्तर पूर्व चीन के ल्याओ निन में भी आदि मानव रहते थे।
श्री थ्येन ल्यानय्वान को बनशि के भारी परिवर्तन पर खासा गर्व है। पिछली शताब्दी के अस्सी वाले दशक में संयुक्त राष्ट्र संघ ने उपग्रह सर्वेक्षण से पता लगाया था कि लोहा इस्पात उद्योग के कारण बनशि शहर के ऊपर घनी धुआं छायी रही। लेकिन 20 सालों के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप बनशि शहर में पिछड़े हुए उद्योगों को हटाया गया और आकाश व धरती फिर से स्वच्छ और हरिभरी हो गयी। अब बनशि में वनों का रकबा शहर के कुल क्षेत्रफल का 75.3 प्रतिशत हो गया, जो ल्याओनिन प्रांत में प्रथम स्थान पर है।
बनशि शहर में जलसंसाधन का अच्छा संरक्षण और जोरदार विकास किया गया है। अब बनशि का मीठा पानी जल स्रोत प्रांत का चौथा भाग रहा है और शहर क्षेत्र के अन्दर तीन नदियां बहती हैं और कई जलाश्य बनाए गए हैं।
श्री थ्येन ल्यानय्वान बनशि कला मंडली में काम करते हुए अब मंडली के डायरेक्टर बने। बनशि में सांस्कृतिक विकास की चर्चा में उन्हों ने कहा कि इन दशकों में बनशि के सांस्कृतिक कार्य में भारी परिवर्तन आया है, यहां के कला साहित्य कार्य में उन का गहरा लगाव है।
उन्हों ने यह भी कहा कि बनशि के अधीनस्थ हङरन काऊंटी में खड़ा पंच नारी पहाड़ विश्व सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया है। वह प्राचीन जाति काओ छुली का जन्म स्थल है, आज भी वहां के पहाड़ों पर तात्कालिक सैनिक अड्डों के खंडहर और दो हजार साल पुरानी दिवार सुरक्षित है। बनशि में मंजुरी जातीय स्वायत्त काऊंटी के भीतर नौ लोह शिखर नाम का पर्वत है, जहां नौ पर्वत चोटियों पर बादल कोहरा ढका हुआ, पहाड़ों पर घना ऊंचा जंगल और अनोखी सुन्दर चट्टानें हैं। प्राकृतिक दृश्य मनोहर और सुन्दर है। उत्तर पूर्व चीन के ताओ धर्म की ड्रैगन गेट शाखा इसी स्थान में स्थापित हुई है। समुद्र सतह से 1326 मीटर ऊंचा लाओथु पर्वत भी अपनी विशेषता के कारण दर्शनीय स्थान बन गया है।
बनशि की गुफाएं भी विविध, अनोखी तथा मनोहर हैं। ह्वी रन काऊंटी के भीतर वांगथ्येन गुफा है, जो आकाश की ओर मुंह खोलते हुए आबाद है. गुफा में चार मंजिलें हैं जो एक पर एक बसी हुई है। गुफा का दृश्य अलौकिक होता है। बनशि में पानी की गुफा भी है, गुफा में हर जगह जल मार्ग गुजरता है, तीन हजार मीटर लम्बे रास्ते में जगह जगह अनुठे सौंदर्य देखने को मिलते हैं। यह विश्व की सब से लम्बी भूमिगत जल मार्ग है।
पब्लिक फिगर के रूप में श्री थ्येन ल्यानय्वान के पदचिन्ह देश के विभिन्न स्थलों पर छोड़े गए हैं। उन की वाचन रचनाएं बहुत लोकप्रिय है और देश के विभिन्न स्थानों की टीवी चैनलों पर प्रसारित की जाती है।
थ्येन ल्यानय्वान का हमेशा बनशि के विकास पर बड़ा ध्यान रहा है। बनशि के भावी विकास के बारे में उन्हों ने कहा कि शहर के आर्थिक विकास के तौर तरीकों में परिवर्तन लाने के साथ साथ बनशि के नवोदित आर्थिक तकनीकी विकास क्षेत्र में योजना के अनुसार 205 वर्गमीटर भूमि पर चीन का सब से बड़ा जडी-बूटी वादी बनाया जाएगा। पूरी तरह यहां के श्रेष्ठ प्राकृतिक पर्यावरण तथा औद्योगिक आधार के बल पर बनशि को चीन की इस्पात उत्पादन राजधानी, औषधि राजधानी तथा मेपल वृक्ष राजधानी के रूप में निर्मित किया जाएगा।