ऊचो हाटल में कई कंपनियों की शेयरबाजार में भागीदारी पर समारोह
चीन में एक गीत बहुत लोकप्रिय है,जिस का भावार्थ इस प्रकार हैः
`वर्ष 1979 के वसंतकाल में एक वरिष्ठ पुरूष ने चीन के दक्षिणी समुद्र के तट पर एक गोलरेखा खींचकर वहां आधुनिक समृद्धि का श्रीगणेश किया, तब से वहां एक नया शहर बनकर लोगों की नजर में आया है----`
गीत में जो वरिष्ठ पुरूष उल्लिखित है,वह चीन के तत्कालीन शीर्ष नेता तन श्याओफिंग थे और जो शहर लिखा गया है,वह शनचन है।हां,शनचन में ही चीनी सुधार-कार्य शुरू हुआ और तन श्याओफिंग ही इस कार्य के महान डिजाइनर माने गए हैं।
पिछली शताब्दी के 80 वाले दशक में शनचन विशेष प्रशासनिक क्षेत्र कायम किया। हजारों-लाखों की संख्या में युवा लोग अपने सपनों और उम्मीदों को पूरा करने के लिए देश के विभिन्न क्षेत्रों से यहां आए।तब से वह चीनियों की निगाह में एक आप्रवासी शहर बन गया है।न भूलें, पहले वह सिर्फ एक छोटा मछुवा गांव था।
आनची नामक एक महिला वर्ष 1984 में एक गांव से शनचन आईं।उन्होंने फैक्ट्री और हाँटलों में काम किया और अवकाश के समय शनचन विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा भी ली।शनचन में उन के और उन के जैसे परदेशियों के साथ जो हुए है,उन के बारे में उन्होंने एक पुस्तक लिखी,जिस का नाम है यौवन स्टेशन---शनचन में काम करने वाले परदेशियों की कहानी।
इस पुस्तक से आनची नामी हो गई है।उन का कहना है कि शनचन शहर में हर कोई सूर्य बन सकता है,बशर्ते कि वह अविचल रहे।
आज भी शनचन आप्रवासियों की दुनिया है।ताजा सांख्यकि के अनुसार इस शहर में जो लोग स्थाई रूप से बसे हुए हैं,उन की संख्या 84 लाख 60 हजार है और उन का 76 प्रतिशत मूल शनचनवासी नहीं है।
शनचन चीनी सुधार-कार्य की सफलता का साक्ष्य है।विदेशियों की नजर में वह शहरी विकास का एक पौराणिक कथा है और आप्रवासियों की नजर में वह ऐसा एक आदर्श स्थान है,जहां सपने पूरे किए जा सकते हैं।