यह चाइना रेडियो इन्टरनेशनल है। श्रोताओं को श्याओ थांग का नमस्करा। वर्ष 2008 पेइचिंग ओलंपिक के बाद शांगहाई विश्व मेला चीन में आयोजित एक और विश्वव्यापी समारोह है, जिससे चीन को अपने विकास के लिए नया मौका मिलेगा। यह बात शांगहाई विश्व मेले में आस्ट्रियाई सरकारी जनरल प्रतिनिधि हान्नेस अंड्रोच ने हाल में हमारे संवाददाता के साथ एक साक्षात्कार में कही। सुनिए विस्तार से:
"निस्संदेह शांगहाई विश्व मेला चीन के विकास में नयी जीवन शक्ति का संचार करेगा। साथ ही चीन इसके जरिए विश्व को अपने पुनरुत्थान व सुधार और खुले द्वार की नीति लागू किए जाने के बाद के पिछले 30 वर्षों में हासिल कामयाबियों को दिखा सकेगा।"
अंड्रोच ने जोर देते हुए कहा कि शांगहाई विश्व मेला चीन के लिए अपनी उपलब्धियों को दर्शाने का मंच ही नहीं, आस्ट्रिया समेत भागीदारों के लिए चीन के साथ पारस्परिक समझ बढ़ाने का मंच भी है। उनका कहना है:
"हम शांगहाई विश्व मेले का लाभ उठाकर अपने कार्यक्रमों के जरिए चीनी दर्शकों को आस्ट्रिया के बारे में बताते हैं और हमारे देश को समझाते हैं। हमें आशा है कि इससे आस्ट्रिया और चीन के बीच आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही बढ़ेगी।"
अंड्रोच ने सुझाव दिया कि द्विपक्षीय आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही को मज़बूत करने के लिए चीन में प्रत्यक्ष पूंजी लगायी जाय। उन्होंने कहा:
"चीन में हमारी प्रत्यक्ष पूंजी कम है, हमारी वस्तुओं का 85 प्रतिशत भाग यूरोपीय देशों में बेचा जाता है। इसी क्षेत्र में स्विट्जरलैंड व हालैंड आदि देशों की तुलना में दूर है। वर्तमान में आस्ट्रियाई सरकार ने चीन में प्रत्यक्ष पूंजी के विस्तार के लिए 80 करोड़ यूरो खर्च किए। इस आंकड़े से जाहिर होता है कि प्रत्यक्ष पूंजी लगाने में हमारी निहित शक्ति मौजूद है।"
आस्ट्रियाई हॉल की चर्चा में अंड्रोच ने कहा कि शांगहाई विश्व मेले का प्रमुख विषय"बेहतर शहर, बेहतर जीवन"है, इसमें विश्व के विभिन्न स्थलों से आए दर्शकों को"सामंजस्यपूर्ण शहर"की विचारधारा दिख रही है। विश्व मेले के 42 देशों के स्वनिर्मित हॉलों को देखा जाए, तो आस्ट्रियाई हॉल का प्रमुख विषय"सामंजस्य की कल्पना"विश्व मेले की"सामंजस्यपूर्ण शहर"वाली विचारधारा से मिलता-जुलता है, जिसमें शहर, गांव, प्रकृति, जीवन स्थल और शहरी सांस्कृतिक दृश्य का सामंजस्य दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि आस्ट्रियाई हॉल के प्रमुख विषय में शहर व गांव के सामजस्यपूर्ण विकास की अभिव्यक्ति है, यह विचारधारा आगामी 50 वर्षों में एक वैश्वविक प्रमुख विषय बन जाएगा। उनका कहना है:
"अनुमान है कि वर्ष 2050 तक विश्व में 70 प्रतिशत जनसंख्या शहरों में रहने लगेगी। वहीं चीनी शहरी नागरिकों का अनुपात 50 प्रतिशत से अधिक होगा। शहरी जनसंख्या की तेज़ वृद्धि से संबंधित विकास का सवाल सामने आएगा। मसलन् यातायात, चिकित्सा और शिक्षा आदि। इन सवालों के समाधान के लिए हमें शहर व गांव के सामंजस्यपूर्ण विकास के रास्ते की खोज करनी चाहिए।"
अच्छा दोस्तो, अभी आपने चाइना रेडियो इन्टरनेशनल से शांगहाई विश्व मेले के बारे में आस्ट्रियाई जनरल प्रतिनिधि के विचार सुने, इसे प्रस्तुत किया था श्याओ थांग ने। अब आज्ञा दें, नमस्कार।