शायद आप लोग 61 वर्षीय जापानी दादी की कहानी सुन चुके हैं कि उन्होंने खुद 7 लाख से ज्यादा चीनी य्वान खर्च करके चीन में विश्व मेले का दौरा किया। चीनी लोग उन्हें विश्व मेले की दादी कहते हैं। चीन में भी एक ऐसे वरिष्ठ व्यक्ति हैं, जिन्हें लोग विश्व मेले के दादा कह कर बुलाते हैं।उन्होंने एक वर्ष पहले ही विश्व मेले की सभी तैयारी करनी शुरु कर दी थी।
पेइचिंग से शांगहाई जाने वाली रेल गाड़ी पर हमारे संवाददाता ने श्री छन से मुलाकात की। वे शांगहाई विश्व मेले के 100 रंगीन दृश्य नामक एक पुस्तक पढ़ रहे थे और नोटस ले रहे थे। उन की नोटबुक के हरेक पृष्ठ पर एक-एक प्रदर्शनी हॉल का परिचय था।कुछ महत्वपूर्ण प्रदर्शनी हालों के पास उन्होंने अखबारों की कटिंग भी रखी हुई थी।श्री छन ने संवाददाता से कहा कि एक वर्ष पहले ही उन्होंने विश्व मेले की तैयारी करनी शुरु कर दी थी। श्री छन के अनुसार,
एक साल पहले से ही मैंने शांगहाई विश्व मेले की तैयारी करनी शुरु कर दी थी। मैंने शारीरिक अभ्यास किया, पैसे जुटाये और कैमरा भी खरीदा। मुझे फोटो खींचना बहुत पसंद है। मैंने खास तौर पर 5000 चीनी य्वान खर्च करके एक कैमरा और एक कंप्यूटर खरीदा। मैं सोचता हूं कि शांगहाई विश्व मेले के सुन्दर दृश्यों के फोटो खींच कर कंप्यूटर में डालूंगा। मैंने शांगहाई विश्व मेले की दो हफ्ते की यात्रा करने को योजना बनायी है।
श्री छन ने कहा कि रिटायर होने से पहले उन्होंने अधिकांश समय तेल व पृथ्वी के भौतिक जांच सर्वेक्षण का कार्य किया था। वे अक्सर बाहर काम करते थे और कार्य स्थिति बहुत कठिन था। उन्होंने कहा कि विश्व मेले में क्रमशः 10 दिनों का दौरा करना भी बहुत कठिन काम है।
विश्व मेले का दौरा करने के लिए स्वास्थ्य अच्छा होना बहुत आवश्यक है। इस आधार के बिना दौरा करने का इरादा बहुत कठिनता से पूरा किया जा सकेगा। विश्व मेले का उद्यान इतना बड़ा है और इतने ज्यादा प्रदर्शनी हॉल हैं कि यदि आप सब देखना चाहते हैं, तो एक बहुत अच्छा शरीर चाहिए।
विश्व मेले का दौरा करने की आवश्यक शर्त स्वास्थ्य ही है। इस के अलावा, श्री छन ने खास तौर पर इस विश्व मेले की यात्रा के लिए पैसे भी जमा किये। उन्होंने 15 हजार चीनी य्वान जमा किए। श्री छन के लिए यह बड़ा खर्च है, चूंकि उन्हें पेंशन केवल 3100 य्वान मिलती है। इस का मतलब यह है कि विश्व मेले की यात्रा के लिए उन्हें अपने 5 महीनों की पेंशन खर्च करनी पडेगी। लेकिन, उन्होंने संवाददाता से कहा कि खर्च अच्छे काम के लिए हो रहा है। उन के अनुसार,
शांगहाई विश्व मेला एक मंच है। यहां विश्व के विभिन्न देशों की उच्च व नवीन तकनीक एवं रीति रिवाज़ प्रदर्शित किए जा रहे हैं। यह बहुत अच्छा है। प्रदर्शनी में भाग लेने वाले हरेक देश के लिए यह भी अपना प्रसार करने का सुअवसरहै। मेजबान होने के नाते, हमें समर्थन देना चाहिए और इस से हमारी उच्च व नवीन तकनीक भी प्रदर्शित की जा सकेगी ।
श्री छन की नजर में विश्व मेले का दौरा करना एक खुशी की बात है। वे इसे दुनिया की यात्रा मानते हैं।
श्री छन ने कहा कि चीन के बाहर न जाकर दुनिया का दौरा करना बहुत अच्छी बात है। श्री छन ने सर्वप्रथम उद्यान का सर्वेक्षण किया और दौरा करने की लाईन व प्रमुख हालों तय किए। विश्व मेले के प्रदर्शनी हालों में चीनी हॉल में छोटी फिल्म सामन्जस्यपूर्ण चीन ने श्री छन पर गहरी छाप छोड़ी ।इस फिल्म को देखकर श्री छन को पिछले बीसों वर्षों में चीन में हुए भारी परिवर्तन की याद आती है। उन के अनुसार,
इस फिल्म में चीन में पिछले सालों में हुए परिवर्तन दिखाए गये हैं। पिछले बीसों वर्षों में चीन दुनिया के पिछड़े देश से आज की स्थिति में पहुंच गया है। मुझे याद है कि 70 के दशक में मेरे घर में केवल एक 9 ईंच वाला काला व सफेद टेलिविजन होता था। उस समय एक जिले में केवल एक या दो घरों में टेलिविजन होते थे। मुझे साफ-साफ याद है कि एक बार मेरे घर में 30 से ज्यादा आदमियों ने आकर आइस पहाड़ पर पर्यटक नामक फिल्म देखी।अब मेरे घर में बड़ा बड़ा रंगीन टीवी है।
चीनी हॉल के अलावा, श्री छन को थाईवानी हॉल बहुत पसंद है। श्री छन ने कहा कि बचपन में वे थाईवान में दो साल तक रह चुके हैं, इसलिए, थाईवान के प्रति उन की विशेष भावना है।थाईवान हॉल का दौरा करके उन्हें थाईवान जलडमरुमध्य के दोनों तटों के बीच गहरी भावना महसूस हुई है।श्री छन के अनुसार,
मेरी नजर में थाईवान हॉल बहुत अच्छा है, जिस में उस की अपनी उच्च विज्ञान तकनीक और रीति रिवाज़ दिखाए गए हैं। मुझे लगता है कि मुख्यभूमि के प्रति थाईवानी जनता की गहरी भावना है।
श्री छन ने संवाददाता से कहा कि विश्व मेले का दौरा करने के बाद उन के पास अनेक योजनाएं हैं। लेकिन, एक योजना अत्यन्त महत्वपूर्ण है। यानि फिर एक बार थाईवान का दौरा करनाा। उन के अनुसार,
भविष्य में मैं फिर एक बार थाईवान की यात्रा करना चाहता हूं। मुझे याद है कि थाईवान के चावल बहुत स्वादिष्ट हैं, सब्जी के बिना भी वहां के चावल खाए जा सकते हैं।
विश्व मेले का दौरा करते समय श्री छन पिछली बातें याद करते हैं,साथ ही उन्हें नये अनुभव भी हुए हैं। इन सब ने अच्छा शहर अच्छा जीवन का सच्चा अर्थ प्रतिबिंबित किया है।