अमेरिकी इतिहासकार के अनुसार पश्चिमी देशों में चीन को पहचानने के मामले पर मार्को पोलो के बाद एडगर स्नो का प्रभाव सबसे ज्यादा है। और वे नए चीन के नेताओं के दिल में एकमात्र विश्वसनीय अमेरिकी व्यक्ति भी हैं। एक अमेरिकी संवाददाता व लेखक के रुप में स्नो ने 20वीं शताब्दी में चीनी जनता की मुसीबत व चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की नेतृत्व वाली क्रांति विश्व जनता के सामने दिखायी है।
उन्होंने चीनी क्रांति के नेताओं व चीनी जनता के साथ गहरी मित्रता बनायी है। उन्होंने अपनी पत्नी को भेजे अंतिम पत्र में लिखा कि मैं चीन को प्यार करता हूं, मुझे आशा है कि मेरी मृत्यु के बाद मेरी शरीर के कुछ हिस्से चीन में रह सकेंगे।
वर्ष 1972 में अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति निक्सन की चीन यात्रा से पहले चीनी नेताओं ने अभी अभी जन वृहद भवन में अमेरिकी संवाददाता एडगर स्नो के निधन पर शोक प्रकट किया। यह नए चीन के इतिहास में अभूतपूर्व है। माओ ज़े तुंङ, चो अन लाए, सोंग छिंग लिंग आदि पूर्व राष्ट्रीय नेताओं ने स्नो की पत्नी को सांत्वना दी। सोंग छिंग लिंग ने कहा कि एडगर स्नो हमेशा चीनी जनता के दिल में हैं।
लाल सितारे की रोशनी चीन में चमक रही है स्नो द्वारा लिखी गयी सबसे महत्वपूर्ण पुस्तक है। वर्ष 1936 के जून से अक्तूबर तक स्नो ने चीन के शानशी, कानसू व निंगशा तीन प्रांतों की यात्रा की, और माओ ज़े तुंङ, फंग डे ह्वाए समेत चीनी लाल सेना के नेताओं से इन्टरव्यू ली। वर्ष 1937 में स्नो ने पेइचिंग में 3 लाख शब्द वाली लाल सितारे की रोशनी चीन में चमक रही है नामक यह पुस्तक लिखी, जो बहुत प्रभावशाली है। वर्ष 1928 में स्नो के चीनी भूमि पर पहुंचने से वर्ष 1941 में उन के रवाना होने तक स्नो ने अपनी आंखों से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाली चीनी क्रांति व जापान विरोधी युद्ध को देखा।
(चंद्रिमा)