जापान के फुकुशिया दायची परमाणु संयंत्र के दूसरे और पाचंवें रिएकटरों से बाहरी बिजली-तार जोड़ने में सफलता प्राप्त होने के बाद 21 तारीख को संबंधित कर्मचारियों ने संयंत्र के पहले व छठे रिएकटरों से भी बिजली-तार सफलतापूर्वक जोड़ ली है।ऐसे में अन्य रिएकटरों के साथ जल्द ही ऐसा होने की बड़ी आशा दिख रही है।ऐसा होता,तो ईंधन को ठंडा करने वाली प्रणाली की क्षमता बहाल होगी।इसपर जापानी प्रधान मंत्री नाओटो कान ने कहा कि परिस्थिति कदम-ब-कदम कुछ सुधर गई है।
कई दिनों से पानी डालने के कारण परमाणु संयंत्र के 6 रिएकटरों की सतही तापमान पूरी तरह सौ डिग्री सेल्सियस के नीचे गिर गया है।वर्तमान स्थिति पर नाओटो कान ने आशावादी रुख प्रकट किया।सोमवार को अपनी सरकार के आपात घटना से निपटने वाले दफ्तर में उन्होंने कहा कि देश संकट से उबरने के दौर में दाखिल नहीं हुआ है,तो भी संकट से उबरने की किरण देखी जा रही है।उन्होंने उम्मीद जताई कि नई घटना की रोकथाम के लिए संबंधित पक्ष मजबूती से आखिरी घड़ी तक कोई कसर नहीं छोडेंगे।
उधर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय जापानी परमाणु संयंत्र की घटना के विकासक्रम से अब भी अत्यंत सावधानता बरतता है।अंतर्राष्ट्रीय आणुविक ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक युकियो अमाटो ने 21 तारीख को वियना में हुई इस संगठन की एक तदर्थ मीटिंग में दोहराया कि फुकुशिया दायची परमाणु संयंत्र की स्थिति बहुत गंभीर बनी रही है,हालांकि कुछ प्रगति हुई है।