कई दिनों के प्रयासों के बाद जापान के फुकुशिया दायची परमाणु संयंत्र के दूसरे और पांचवे रिएकटरों के बाहरी हिस्सों में बिलजी-आपूर्ति 20 तारीख को बहाल हो गई,कूलिंग-सिस्टम भी कदम-ब-कदम फिर से चालू हो रही है,जिससे परमाणु रिसाव को आगे भी होने से रोकने में मदद मिलेगी।
जापानी रक्षा मंत्री टोशिमि किटाज़ावा ने रविवार को कहा कि तापमान की निगरानी से पता चला है कि फुकुशिमा दायची संयंत्र के सभी 6 रिएक्टरों का सतही तापमान पूरी तरह सौ डिग्री सेल्सियस से नीचे गिर गया है।जाहिर है कि पिछले कई दिनों में हुआ पानी डालने का काम सफल रहा।
20 तारीख को अंतर्राष्ट्रीय आणुविक ऊर्जा एंजेसी ने पुष्ट किया कि फुकुशिमा दायची संयंत्र की हालत बीते 24 घंटों में सकारात्मक दिशा में चली है।लेकिन खतरा अभी बना रहा है।
जापान के शिक्षा,संस्कृति,खेलकूद,विज्ञान व तकनाँलाजी मंत्रालय द्वारा निगरानी व जांच के आधार रविवार को जारी आकंड़े बताते हैं कि फुकुशिमा केन से सटी 3 काऊंटियों में विकिरणों की मात्रा परमाणु रिसाव के बाद अपनी रिकार्ड-स्तर से 20 प्रतिशत कम हो गई है।जापानी आत्मरक्षा दल ने भी 20 तारीख के दोपहर को जानकारी दी कि फुकुशिमा दायची संयत्र की मुख्य इमारत के आसपास परमाणु विकिरण पहले से कुछ घट गया है।
लेकिन 19 तारीख की सुबह संबंधित क्षेत्रों में बारिश के पानी,जमीन पर पड़ी धूल और हवा में उड़ती धूल की जांच से जाहिर है कि गुन्मा,छिय्वीश्यैन और छिबा केन आदि 9 क्षेत्रों में रेडियोआयोडीन और सेसियम मौजूद है।राहत की बात है कि पर्यावरण और नल-पानी में मिले रेडियोधर्मी तत्व लोगों की स्वास्थ्य को हानि पहुंचने से दूर है।
जापानी पुलिस ब्यूरो द्वारा 21 तारीख को जारी नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार सोमवार की सुबह 9 बजे तक भूकंप व सुनानी से मरने वालों की संख्या बढकर 8649 हो गई है और अन्य 12 हजार 877 लोग लापता है।
उधर विश्व बैंक ने सोमवार को एक रिपोर्ट दी,जिसमें कहा गया है कि जापान में जबरदस्त भूकंप व सुनामी के कारण सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) में 0.5 प्रतिशत की कमी आएगी और पुनःनिर्माण-कार्य में लगभग 5 सालों का समय लगेगा।