इन दिनों, जापान के परमाणु संयंत्रों में हुई रिसाव घटनाओं के बाद चीन, यूरोपीय संघ, जर्मनी, फिनलैंड और कजाखस्तान आदि देशों ने अपने अपने देश के परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा पर ध्यान बढ़ाया।
चीनी पर्यावरण संरक्षण मंत्रालय ने 14 मार्च को बताया कि वर्तमान में चीन के विभिन्न स्थानों में विकिरण पर्यावरण की निगरानी से कोई असामान्यता नहीं पायी गयी। चीन को जापान की रिसाव घटना से सबक लेना चाहिए और प्रकृति के बारे में समझ बढ़ाते हुए बड़ी प्राकृतिक आपत्तियों से निपटने के लिए चतुर्मुखी योजना बनानी चाहिए।
यूरोपीय संघ 15 मार्च को परमाणु सुरक्षा पर आपात बैठक बुलाएगा, अपने सदस्य देशों की परमाणु सुरक्षा मानकों की पुनः समीक्षा करेगा और परमाणु संयंत्रों की भूकंप प्रतिरोधी शक्ति की पुनःजांच करेगा, ताकि सभी सदस्य देशों के परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
जर्मन प्रधानमंत्री एंजेला मार्केल ने 14 मार्च को परमाणु संयंत्रों के संचालन की अवधि सीमा बढ़ाने की योजना को 3 महीनों के लिए स्थगित करने की घोषणा की। इस के दौरान जर्मनी अपने 17 परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा की पूर्ण रूप से जांच करेगा।
फिनलैंड के आर्थिक मंत्री मोरी पेकारीन ने 14 मार्च को बताया कि हालांकि फिनलैंड के परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा व्यवस्था में दोष नहीं है, लेकिन फिनलैंड का विकिरण व परमाणु सुरक्षा केंद्र अपने सभी परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा व्यवस्था की चतुर्मुखी जांच करेगा।
रूस के साथ अखटो परमाणु बिजली घर की स्थापना पर सहयोग कर रही कजाखस्तान की परमाणु ऊर्जा समिति के एक अधिकारी ने 14 मार्च को कहा कि कजाखस्तान अखटो परमाणु बिजली घर की सुरक्षा पर एक बार फिर समीक्षा करेगा।
(मीनू)