19 जनवरी को चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में वार्ता की। दोनों नेताओं के बीच सहमति हुई कि संयुक्त रूप से परस्पर आदर तथा आपसी लाभ वाले चीन-अमेरिका साझेदारी संबंधों की स्थापना के लिए कोशिश की जाएगी।
चीन और अमेरिका के संबंधों के विकास के लिये श्री हू चिनथाओ ने पांच सुझाव पेश किये। पहला, समानता व आपसी विश्वास के राजनीतिक संबंधों का विकास किया जाए,जिस के तहत विषमता रखकर समानता की खोज की जा सके। दूसरा, चतुर्मुखी सहयोग व आपसी लाभ वाले आर्थिक संबंध को गहरा किया जाए। तीसरा, दुनिया भर में समान रूप से चुनौतियों का सामना करने के लिये सहयोग किया जाए। चौथा, चीन और अमेरिका के मैत्री कार्य में भाग लेने के लिये जनता को प्रोत्साहित किया जाए। पांचवां, वरिष्ठ नेताओं की संपर्क व्यवस्था की स्थापना की जाए,जिसके तहत गहरा विचार विमर्श एवं निष्कपटतापूर्ण बातचीत हो सके।
श्री हू ने इसपर बल दिया कि दोनों पक्षों को सामाजिक व्यवस्था तथा विकास के रास्ते के लिए एक दूसरे के विकल्प के साथ साथ एक दूसरे की प्रभुसत्ता,प्रादेशिक अखंडता तथा विकास के हितों का सम्मान करना चाहिये। आर्थिक व व्यापारिक संबंधों पर चीन और अमेरिका को समग्र आर्थित नीति का समायोजन जारी रखकर अपसी लाभ वाले सहयोग की खोज व विस्तार करना चाहिये। इसके अलावा उन्होंने दोनों देशों के नोताओं के बीच घनिष्ठ संपर्क बनाए रखते हुए समय रहते द्विपक्षीय संबंधों और अहम संवेदनशील मामलों पर वार्ता की जाने की उम्मीद भी जतायी।
वार्ता में श्री ओबामा ने कहा कि अमेरिका चीन के साथ उच्च स्तरीय संपर्क और रणनीतिक तौर पर आपसी विश्वास मज़बूत करने को तैयार है। वैश्विक अर्थव्यवस्था की अनवरत वृद्धि तथा एशिया-प्रशांत व दुनिया की समृद्धि बढ़ाने के क्षेत्र में सहयोग मजबूत किया जाएगा। अमेरिका आर्थिक व व्यापारिक क्षेत्र में चीन की चिंताओं पर ध्यान देगा, ताकि इनमें सक्रिय प्रगति प्राप्त हो।
थाइवान मुद्दे पर श्री हू चिनथाओ ने ज़ोर देते हुए कहा कि वह मामला चीन की प्रभुसत्ता व प्रादेशिक अखंडता से जुड़ा हुआ है और वह चीन के केंद्रीय हितों से भी जुड़ा है। वह चीन और अमेरिका के बीच सबसे संवेदनशील समस्या है। ओबामा ने दोहराया कि अमेरिका अपनी एक चीन नीति पर कायम रहते हुए अमेरिका व चीन के बीच संपन्न तीन संयुक्त विज्ञापत्तियों का पालन करता है। दोनों नेताओं ने कोरियाई प्रायद्वीप की स्थिति, ईरान के परमाणु मामले,सूडान मुद्दे आदि मसलों पर भी विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को संपर्क और समन्वय बढ़ा कर संयुक्त रूप से एशिया-प्रशांत क्षेत्र तथा दुनिया की शांति व स्थिरता को आगे बढ़ाना चाहिये।
उसी दिन, चीन और अमेरिका संयुक्त वक्तव्य जारी किया,जिसमें 21वीं सदी में सक्रिय, सहयोगी और चतुर्मुखी चीन-अमेरिका संबंधों की स्थापना का लक्ष्य दोहराया गया। वक्तव्य के मुताबिक दोनों पक्ष चीन-अमेरिका संबंधों को मज़बूत करने तथा साझेदारी संबंधों का निर्माण जारी रखने में जुटे होंगे। साथ ही दोनों देशों ने थाइवान मुद्दे, मानवाधिकार मामले, दोनों देशों के सैनिक संबंधों पर भी अपना अपना रूख बताया।
(लिली)