चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिनथाओ ने 17 जनवरी को कहा कि चीन और अमेरिका अगर सहयोग करते हैं,तो दोनों को फायदा मिलेगा,अगर संघर्ष करते हैं, तो दोनों का नुकसान होगा।दोनों देशों को अपनी-अपनी जनता के मूल हितों तथा वैश्विक शांति व विकास की समग्र स्थिति के मद्देनज़र द्विपक्षीय संबंधों के आगे विकास के लिए खलल हटाकर चुनौतियों को सयुक्त रूप से निपटाना चाहिये।
हू चिन थाओ 18 जनवरी को अमेरिका की यात्रा शुरू करेंगे।17 तारीख को उन्होंने अमरीकी मीडिया वॉल स्ट्रीट जर्नल और वाशिंगटन पोस्ट के साथ संयुक्त लिखित साक्षात्कार में उन्होंने चीन और अमेरिका के बीच कुछ मतभेद व संवेदनशील सवाल होने की बात को स्वीकार किया और कहा कि दोनों देशों को अपसी संबंधों के विकास की मुख्य दिशा संभालनी चाहिये।साथ ही दोनों पक्षों के बीच आदान-प्रदान तथा आपसी विश्वास मज़बूत किये जाने चाहिये,मतभेद रखकर मतैक्य प्राप्त करने की कोशिश की जानी चाहिए,ताकि आगे भी चीन और अमेरिका के संबंधों का दीर्घकालीन,स्वस्थ और स्थिर विकास हो सके।
हू चिन थाओ ने यह भी कहा कि चीन और अमरीका के लिए सब से महत्वपूर्ण बात है कि दोनों देश वार्तालाव व सलाह-मशविरा मजूबत करें और रणनीतिक तौर पर आपसी विश्वास बढाएं, " जिरो सम " यानी शून्य सहयोग जैसी शीत युद्ध की सौच छोड़कर एक दूसरे के विकास को वास्तविकता व विवेकता के साथ देखें और विकास के लिए एक दूसरे के विकल्प का सम्मान करें।
(लिली)