18 तारीख को शांगहाई विश्व मेले या कहे शांगहाई एक्सपो में भारतीय राष्ट्रीय दिवस मनाया गया।चीन और भारत दोनों देशों की सरकारों,आर्थिक,व्यापारिक व सांस्कृतिक जगतों के प्रतिनिधियों ने इस के मौके पर आयोजित समारोह में भाग लिया।
चीनी उपवाणिज्य मंत्री छन चैन ने अपने बधाई संदेश में कहा कि चीन और भारत एक दूसरे के महत्वपूर्ण पड़ौसी हैं और हैं नवोदित बड़ी अर्थव्यवस्थाएं भी।नई शताब्दी में दाखिल होने के बाद से दोनों देशों के संबंध विकास की दिशा में तेजी से बढ रहे हैं,जो द्विपक्षीय दायरे से भी आगे निकले हैं और वैश्विक व रणनीतिक महत्व रखते हैं।`सामंजस्यपूर्ण नगर`नामक भारतीय मंडप विशिष्ट और सूक्ष्म डिजाइन से बना हुआ है और इस में जीवन की बड़ी शक्ति की झलक मिलती है।उन्होंने कहा,
"एक्सपो में भारतीय मंडप ने अपनी विशेषता से भारत की शानदार सभ्यता और सुन्दर सृजन को पूरी तरह से दिखाया है और यहाँ आए विभिन्न देशों के दर्शकों की मानस पर अपनी गहरी छाप छोड़ी है।हमें विश्वास है कि भारतीय मंडप शांगहाई एक्सपो में सब से लोकप्रिय मंडपों में से एक बनेगा।"
भारतीय वाणिज्य राज्य मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उद्घादन-समारोह में बधाई देते हुए कहा कि चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं।दोनों देशों की जनता के बीच प्रगाढ सांस्कृतिक संबंध रहे हैं।शाँगहाई एक्सपो में भारतीय मंडप से परंपरागत विविधतापूर्ण संस्कृति के सहारे संतुलित एवं सामंजस्यपूर्ण विकास की कोशिश करने का भारत का फार्मूला जाहिर है।श्री सिंधिया का कहना था,
"भारत और चीन दोनों देशों की सरकारें दोनों देशों के उद्यमों के बीच आदान-प्रदान व दोनों देशों के आम लोगों के बीच आवाजाही को बड़ा बढावा देने एवं व्यापार व निवेश का और अधिक पारदर्शी व न्यायपूर्ण माहौल तैयार करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगी।इस से अधिक अहम बात यह है कि भारत और चीन दोनों न्यायोजित व युक्तिसंगत नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था की स्थापना में जुटे रहे हैं और बड़ी संख्या में विकासशील देशों के हितों की रक्षा करने में प्रयासरत रहे हैं।वर्तमान समय में भारत और चीन दोनों देशों के हित अभूतपूर्व रूप से एक दूसरे के साथ जमकर जुड़े हुए है।विश्वास है कि 21वीं सदी के नए परिदृश्य में दोनों देशों के सामाजिक व आर्थिक विकास के लक्ष्य भी अवश्य ही एक दूसरे से जुड़ेंगे।"
सिंधिया ने यह भी कहा कि इस साल भारत व चीन के राजनयिक संबंधों की 60 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है और दुनिया की एक तिहाई आबादी भारत और चीन में रहती है। वहीं दोनों देश विश्व की प्रमुख शक्तियां बनने की राह पर तेजी से अग्रसर हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भारत व चीन न केवल स्थिर रूप से विकास करेंगे बल्कि विश्व शांति की दिशा में भी महत्वपूर्ण ढंग से काम करेंगे। उन्होने खास तौर पर जलवायु परिवर्तन के मुकाबले व अन्य महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मामलों पर भारत व चीन की एकजुटता की सराहना की।
सूत्रों के अनुसार हर रोज भारतीय मंडप में तीस हजार से अधिक लोग पहुंच रहे हैं। एक्सपो शुरू होने के बाद अब तक करीब 30 लाख दर्शक भारतीय मंडप का दौरा कर चुके हैं। सांची के स्तूप पर आधारित बांस से बना दुनिया का सबसे बड़ा गुंबद है, इस तरह भारतीय मंडप में प्राचीन सभ्यता के साथ-साथ आधुनिकता को दर्शाया गया है।
भारतीय मंडप शांगहाई एक्सपो परिसर के ए ब्लोक में अवस्थित है और इस का मुख्य विषय है "शहर एवं सामंजस्य"।दर्शक वीडियो फिल्म"टाइम चैनल"देखकर भारत की संस्कृति,परंपरा,धर्म,तकनीकी विकास,शहरों व गांवों के एकीकरण के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
शांगहाई एक्सपो के शुरू होने के बाद से भारतीय मंडप में कोविंद्रनाध ठाकुर की साहित्यिक रचनाओं पर सभा और योग आदि प्रदर्शनों का आयोजन हुआ है। भारतीय राष्ट्रीय दिवस के दौरान भारतीय कलाकारों ने सारेगामा की थीम पर एक शानदार शास्त्रीय नृत्य पेश किया।
शांगहाईवासी सुश्री कु ने तीसरी बार एक्सपो का दौरा किया हैं।लेकिन एक्सपो में किसी देश के राष्ट्रीय दिवस पर आयोजित समारोह में भाग लेना उन के लिए पहली बार है।उन्होंने हमारे संवाददाता से कहा कि जहां तक उन्हें समझ में आया है,भारत एक बहुत प्राचीन सभ्यता वाला देश है।एक्सपो में भारतीय राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर आयोजित गतिविधियों के जरिए उन्हें भारत की विशेष संस्कृति,परंपरा व रीति-रिवाजों के बारे में अधिक ज्ञान प्राप्त हुआ है।उन्होने कहा कि वे भारतीय मंडप का दुबारा दौरा करेंगे।उन के शब्द,
"आज मुझे एक्सपो में भारतीय राष्ट्रीय दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में उपस्थित होने का बड़ा सौभाग्य महसूस हुआ है।भारत हमारे दिमाग में एक रहस्यमय देश है।इसे समझने के लिए हमारे में बड़ा उत्साह है।भारत के अद्भुत नृत्य व लजीज खाना भी हमें बहुत आकर्षित करते हैं।"