चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ व भारतीय राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने 1 अप्रेल को आपस में बधाई संदेश भेजकर दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ की खुशियां मनायी।
अपने संदेश में हू चिन थाओ ने कहा कि चीन व भारत पड़ोसी देश हैं, दोनों देशों की जनता के बीच मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान का इतिहास बहुत लंबा है। राजनयिक संबंध की स्थापना के बाद 60 वर्षों में दोनों पक्षों की कोशिश से दोनों देशों के संबंध लगातार विकसित हो रहे हैं। नयी शताब्दी में दोनों पक्षों ने शांति व समृद्धि के उन्मुख रणनीतिक सहयोग साझेदारी संबंधों की स्थापना की, और दोनों देशों के संबंधों को गहन करने के लिये दस रणनीतियां भी तैयार की। राजनीतिक, आर्थिक, व्यापारिक व मानवीय क्षेत्रों में आदान-प्रदान व सहयोग चतुर्मुखी तौर पर विकसित हो रहे हैं, और समृद्ध उलब्धियां हासिल हुई हैं। अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलों में चीन व भारत एक दूसरे का समर्थन करते हैं, और घनिष्ठ सहयोग भी करते हैं।
बड़े नये विकासशील देशों के रुप में चीन व भारत के सामने समान कर्तव्य व चुनौती मौजूद हैं। दोनों को विस्तृत समान लाभ व महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां होती हैं। चीन भारत की मित्रता, सहयोग व समान विकास न सिर्फ़ दोनों देशों की जनता, बल्कि एशिया यहां तक कि विश्व शांति व विकास के लिये भी लाभदायक होंगे। चीन भारत संबंध चीन के सब से महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक है। भारत के साथ दीर्घकालीन व स्थिर रणनीतिक सहयोग साझेदार संबंधों का विकास करना चीन सरकार की तय नीति है। हम भारत के साथ मित्रता व आपसी विश्वास को मजबूत करना, सहयोग को विस्तृत करना, एक साथ विश्व चुनौतियों का सामना करना, विकासशील देशों के हित्तों की रक्षा करना, और दोनों देशों के रणनीतिक सहयोग साझेदार संबंधों को स्थिर व गहन रुप से विकसित करना चाहता है।
पाटिल ने बधाई संदेश में कहा कि दोनों पक्षों की समान कोशिशों से भारत चीन संबंध दिन-ब-दिन घनिष्ठ हो रहे हैं, यह रुझान बहुत अच्छा है। दोनों पक्षों ने शांति व समृद्धि के उन्मुख रणनीतिक सहयोग साझेदार संबंधों की स्थापना की है। हमारे घनिष्ठ सहयोग एशिया यहां तक कि सारी दुनिया की शांति व स्थिरता के लिये लाभदायक हैं। और इससे दोनों देशों के संबंध एक नए स्तर पर पहुंचेंगे।
ठीक उसी दिन में चीनी राज्य परिषद के प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी चीन व भारत के बीच राजनयिक संबंध की स्थापना की 60वीं वर्षगांठ पर एक दूसरे को बधाई संदेश भेजा।
बधाई संदेश में वन च्या पाओ ने कहा कि चीन व भारत के बीच दो हजार से ज्यादा वर्षों की परंपरागत मित्रता है। राजनयिक संबंध की स्थापना के 60 वर्षों में शांति व मित्रता, आपसी लाभदायक सहयोग दोनों देशों के संबंधों का मुख्य विषय है। विश्व में काफ़ी गुंजाइश है कि चीन व भारत एक साथ विकास करते हैं, और काफ़ी क्षेत्र है कि चीन व भारत सहयोग को मजबूत करते हैं। चीन व भारत को एक दूसरे की श्रेष्ठता को सीखना, एक दूसरे का समर्थन देना, और आपसी लाभ व दोनों जीत प्राप्त करना तथा समान विकास प्राप्त करना चाहिए।
सिंह ने बधाई संदेश में कहा कि भारत व चीन दोनों पुरातन सभ्यता वाले देश हैं। दोनों देशों के बीच एक दूसरे से सीखने का इतिहास बहुत लंबा है। आज दोनों देशों के संबंध बहुत परिपक्व हैं। यह दोनों देशों की जनता के लाभ से मेल खाता है, और क्षेत्रीय यहां तक कि विश्व शांति, स्थिरता व विकास के लिये लाभदायक है। हम भारत चीन संबंध के भविष्य की प्रतीक्षा में हैं।
उनके अलावा चीनी विदेश मंत्री यांग चे छी व भारतीय विदेश मंत्री एस. एम. कृष्णा ने भी एक दूसरे को बधाई संदेश भेजे।
(चंद्रिमा)