आज आप को शांगहाई विश्व मेला में स्थापित आस्ट्रेलियाई भवन का दौरा करने ले चलते हैं ।
यह सर्वविदित है कि जब आस्ट्रेलिया की चर्चा होती है , तो लोगों को तुरंत ही इस देश के प्रतीकात्मक निर्माण सिड्नी थियेटर , सुंदर लम्बे बोंगडी बीच , ग्रेट बारियर रीफ के नीचे अनोखा समुद्रीय भू दृश्य की याद आती है , इतना ही नहीं , यह भू दृश्य जरूर ही आप को मालूम है कि असीमित विशाल लाल भूमि पर केंगरो झुंड के झुंड दौड़ते दिखाई देते हैं । थियेटर , बीच , समुद्रीय दुनिया और केंगरो जैसे ये सारे विशेष आस्ट्रेलियाई तत्व शांगहाई विश्व मेला में स्थापित आस्ट्रेलियाई भवन में देखने को मिलते हैं । आइये , अब हम चले आस्ट्रेलियाई भवन के महा निर्देशक पिटर साम्स के साथ आस्ट्रेलियाई भवन को देखने । हमें विश्वास है कि शांगहाई विश्व मेला के दौरान यह विशेष ढंग वाला आस्ट्रेलियाई भवन आप को बिलकुल नया आभास देगा ।
आस्ट्रेलियाई भवन का बाहरी आकार प्रकार एक सुंदर मूर्ति जान पड़ता है , बाह्य दीवार का रंग लाल नजर आता है । ध्यान देने योग्य की बात यह है कि आस्ट्रेलियाई भवन की बाह्य दीवार एक विशेष प्रकार वाली नयी सामग्री से निर्मित हुई है , निर्माण के शुरु में उस का रंग लाल न होकर चांदी का रंग होता था । पर लम्बे समय की धूप व वर्षाओं की मार से उस का रंग धीरे धीरे लाल हो गया । तो शायद आप यह पूछ सकते हैं कि आस्ट्रेलिया ने क्यों इसी वैज्ञानिक ईजात का प्रयोग किया और इसी भवन के लिये इसी रंग व आकार प्रकार का विकल्प किया । इस भवन के महा निर्देश पिटर साम्स ने इस प्रश्न का जवाब देते हुए कहा भवन की बाह्य दीवार का रंग गर्मियों में आस्ट्रेलिय़ाई भीतरीलाल मिट्टी का द्योतक है , जबकि भवन के बाह्य आकार प्रकार का ताल्लुक है कि देखने में वह आस्ट्रेलिया की समुद्री तटीय रेखा जान पड़ता है ।
शांगहाई विश्व मेला में आस्ट्रेलियाई भवन कुल तीन भागों में बटा हुआ है , प्रमुख मुद्दा है यात्रा , आविष्कार और अपार कल्पना ।
प्रथम भाग आधार शीला के नाम से जाना जाता है , जिस में वास्तविक व काल्पनिक तौर तरीकों के जरिये आस्ट्रेलिया में आदिम काल से आधुनिक समाज की ऐतिहासिक सूरत में हुए परिवर्तन दर्शाये जाते हैं । इसी जीता जागता दृश्य से परिपूर्ण भाग के दौरे पर मालूम पड़ता है कि मानो एक बहुत लम्बे समय के सुरंग को पार कर आस्ट्रेलिया के पुरातन युग से कदम ब कदम आधुनिक काल में प्रविष्ट हुआ हो , यहां तक कि भविष्य और संभ्यता में बदलाव और प्रगति दर्शकों को प्रभावित कर लेती हो । उत्तर आस्ट्रेलिया से आये आदिम कलाकार अब पत्थरों व लकड़ियों से रचना बनाने में लगे हुए हैं , ताकि पुरातन कलाओं के जरिये आस्ट्रेलियाई रीति रिवाजों व विशेष छवि को प्रदर्शित किया जा सके । पिटर साम्स ने कहा कि इन रचना पर तराशी गयी हरेक मूर्ति और डिजाइन का विशेष महत्व है और वे आस्ट्रेलियाई सांस्कृतिक चिन्ह का प्रतीक है , पर उस में क्या क्या रहस्य छिपा हुआ है , साम्स ने जानबूझकर साफ साफ नहीं बताया । बस उन्हों ने इतना ही तो कह दिया है ये सब हमारे आस्ट्रेलियाई आदिम वासियों के भित्ति चित्रों के भू दृश्य की ठेठ मिसाल ही है , ये चित्र गहरा महत्व रखते हैं , जिन के पीछे सुंदर कहानियां और छिपे हुए हैं । यह सब कुछ हमारे आस्ट्रेलियाई भवन के उद्घाटन के बाद दर्शकों को दर्शाये जायेंगे ।
इस के अलावा 1998 में ब्रिस्बेन विश्व मेला , 2000 के सिड्नी आलम्पिक खेल समारोह समेत आस्ट्रेलियाई इतिहास पर 20 से अधिक प्रतीकात्मक घटनाओं का नमूना भी दर्शाया जायेगा ।
महा सागर आस्ट्रेलिया से जुडा हुआ एक कुंजीभूत शब्द ही है । आधारभूत शिला नामक प्रदर्शनी कक्ष में डिजाइनरों ने मूर्तियों और भित्ति चित्रों के जरिये महा सागर से जुड़ने वाले आस्ट्रेलियाई तत्व इतने सजीव रुप से प्रदर्शित किये हैं कि दर्शकों को मानों उमड़ती समुद्री लहरें व नीले आसमान आकाश और टेढी मेढी लम्बी समुद्री रेखा काल्पनिक रुप से दिखाय़ी देती है , जिस से दर्शकों को समुद्रतटीय वासियों के जीते जागते निश्चिंत जीवन का आभास दिया जा सकता है ।
शांगहाई विश्व मेला में स्थापित आस्ट्रेलियाई भवन अपने इतिहास में सब से बड़ा है और उस के निर्माण पर जो खर्चा हुआ है , वह भी सब से अधिक है । और तो और आस्ट्रेलियाई भवन चीनी भवन से दूर नहीं है , भवन के शिशे से बगल में खड़ा चीनी भवन स्पष्टतः देखा जा सकता है । पिटर साम्स ने कहा कि आस्ट्रेलिया की हार्दिक आशा है कि विश्व मेला पर मेजबान देश चीन के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध और मधुर होगा । इसलिये प्रदर्शनी के दौरान जानबुझकर चीन व आस्ट्रेलिया के विशेष तत्वों व कहानियों को जोड़ दिया गया है । प्रथम प्रदर्शनी भवन में जो छोटी फिल्म बहन दिखायी जायेगी , वह एक ठेठ मिसाल ही है ।
भवन के उद्घाटन पर इस भाग में बहन नामक एक दो मिनट लम्बी छोटी फिल्म दिखायी जायेगी , जिस में चीन व आस्ट्रेलिया की 25 असाधारण नारियों और उन के कारनामों का परिचय दिया जाता है । मसलन फिल्म के एक दृश्य में जंगल आग्नि कांड में एक आस्ट्रेलियाई महिला और सछ्वान तगड़े भूकम्प में एक चीनी महिला की पंडाओं को बचाने की कहानियां दिखायी गयी हैं ।
दूसरे प्रदर्शनी क्षेत्र में आमने सामने360 डिग्री घुमावदार व मोबाइल विशाल पर्दा लटका हुआ है , वास्तव में एक गोलाकार थियेटर है , जिस में हजार दर्शक समाये जा सकते हैं । यह गोलाकार प्रदर्शनी क्षेत्र विशाल पर्दे के जरिये दर्शकों को भावी शहरी विकास के प्रति आस्ट्रेलियाई लोगों की कल्पना , ईजात और ज्ञान विज्ञान दर्शाये जायेंगे , ताकि दर्शक इसे से नये आश्चर्यों और विशाल संभावनाओं का पता लगाया जा सके । साम्स ने कहा कि 360 डिग्री घुमावदार पर्दा दर्शकों को सुंदर दृश्य व आजाव का लुत्फ लेने का काम देता है , आस्ट्रेलिया में यह तकनीक काफी लोकप्रिय हो गया है , पर हम ने पहली बार इसी नयी ईजात व तकनीक का प्रयोग विश्व मेला में कर दिया है ।
इस गोलाकार पर्दे के निर्माण में कुल 36 हजार किलोग्राम लौह इस्पात का प्रयोग किया गया है , बहुत भारी है , हरेक मिनट में एक घुमाव होता है । उस का प्रमुख मुद्दा है भविष्य की कल्पना , जिस से शहरों के भविष्य पर आस्ट्रेलिया की तमंना अभिव्यक्त हुई है । हम ने पहली बार यह वास्तु कला व परियोजना दर्शकों को प्रदर्शित किया है ।
इस नये हाई टेक के स्वर्ग से बाहर निकलकर दर्शक कलात्मक कृतियों से सुसज्जित तीसरे प्रदर्शनी क्षेत्र में प्रविष्ट कर सकते हैं । इस क्षेत्र में सात दस मीटर ऊंची बड़ी मूर्तियां खड़ी हुई दिखायी देती हैं , वे क्रमशः आस्ट्रेलिया के सात स्टेटों के फूलों का प्रतिनिधित्व करती हैं । शांगहाई विश्व मेला के दौरान आस्ट्रेलिया के सर्वश्रेष्ठ कलाकार यहां पर दर्शकों के लिये रोड डांस , म्युजिक और आदिम नृत्य गान आदि सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे । साथ ही यहां पर दर्शक आस्ट्रेलिया के बियर और आशेनिया महाद्वीप के स्वादिष्ट पकवान का मजा भी ले सकते हैं ।
हम दर्शकों के लिये विविधतापूर्ण मजेदार पकवान तैयार कर देंगे , मसलन कंगरो का मिट , आस्ट्रेलियाई बियर व शराब भी उपलब्ध होगी । बेशक , सभी खाद्य पदार्थों की क्वालिटी उच्च कोटि की है ।