वर्ष 1980 की फरवरी में अंतर्राष्ट्रीय ऑलम्पिक कमेटी में अपना स्थान बहाल करने वाले चीनी खेल प्रतिनिधि मंडल ने पहली बार 13वें ऑलम्पियाड में भाग लिया।
वर्ष 1984 में 23वां ऑलम्पियाड अमरीका के लोसएंज्लेस में आयोजित हुआ। चीन ने प्रतिनिधि मंडल भेजकर इस में भाग लिया। प्रतियोगिता के पहले दिन में शूटिंग खिलाड़ी शुन हाई फंग ने पुरूष शूटिंग प्रतियोगिता में पहला स्थान हासिल किया और चीन के लिए पहला स्वर्ण-पदक प्राप्त किया। जबकि वर्ष 2002 में साल्ट लेक शहर में आयोजित ऑलम्पिक में चीनी महिला खिलाड़ी यांग यांग ने चीनी प्रतिनिधि मंडल के लिये एक स्वर्ण-पदक प्राप्त किया। विभिन्न बार के ऑलम्पिक में चीनी खिलाड़ियों की सफलता से चीन के खेल का स्तर जाहिर हुआ है।
वर्ष 1979 से वर्ष 2003 तक चीनी खिलालियों ने 5 बार ग्रीष्म ऑलम्पिक में भाग लिया था, जिस में 80 स्वर्ण-पदक, 79 रजत-पदक तथा कांस्य-पदक प्राप्त हुए। चीन ने 7 बार शीत ऑलम्पिक में भी भाग लिया था और 2 स्वर्ण पदक, 12 रजत पदक व 8 कांस्य पदक हासिल किए। अभी तक चीनी खिलाड़ी वर्ष 2004 की अगस्त को ऐंथस में आयोजित 28वें ऑलम्पिक के लिये तैयार कर रहे हैं।
चीनी खिलाड़ियों द्वारा सफलता हासिल करने के साथ-साथ तीन चीनी अंतर्राष्ट्रीय ऑलम्पिक कमेटी के सदस्य बने हैं। वर्ष 1981 में चीन के खेल नेता श्री हे जेन ल्यांग अंतर्राष्ट्रीय ऑलम्पिक कमेटी के सदस्य चुने गये और वर्ष 1989-1993 में अंतर्राष्ट्रीय ऑलम्पिक कमेटी के उपाध्यक्ष बने । वर्ष 1996 में उसी समय अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष सुश्री ल्यू शेंग रोंग अंतर्राष्ट्रीय खेल संघ के अध्यक्ष के रूप में अंतर्राष्ट्रीय ऑलम्पिक कमेटी की चीन के पहली महिला सदस्य बनी हैं। वर्ष 2000 में चीनी राष्ट्रीय खेल ब्यूरो के उपाध्यक्ष श्री यू जाई छिंग को अंतर्राष्ट्रीय ऑलम्पिक कमेटी का सदस्य चुना गया।
चीन की ऑलम्पिक में फिर से भागीदारी और वर्ष 2008 में ऑलम्पिक का आयोजन चीन के खेल के विकास का प्रतीक है और ऑलम्पिक के लिये नयी शक्ति का।