2009-04-24 15:09:57

वर्षा की बूंद

बेशुमार पानी के बूंदें समुद्र में रहती हैं , वे जल राशि के रूप में समुद्र में तैरती क्रिड़ा करती हैं । सूरज मुस्कराते हुए जल -राशि पर अपनी तपती किरणें फेंकता रहता है और पानी की बूंदें हल्की फुल्की बन गई ।

सररर --- , हवा का झोंका आया , वह पानी की बूंदों को आकाश में ले गया । आकाश बहुत शीतल है , सभी बूंदों ने आपस में समेत हो कर एक विशाल टुकड़े का रूप ले लिया ।

हम बादल बन गई हैं , पानी की बूंदें बड़े गर्व महसूस करते हुए यदा कदा तैरती फिरती हैं । धरती पर बाल बच्चों ने आकाश को निहारते हुए बुलंद आवाज में चिल्लायाः देखो , देखो , बहुत सुन्दर बादल है । 

इसी समय ठंडी हवा का तेज झोंका आ धमका , सर्दी के मारे पानी की बूंदें ठिठुर गईं , वे आपस में और अधिक जोर से समेत हो गईं और एक दूसरे से ऐसी सटी हुई है कि वे भारी भरकम शरीर के रूप में बदल कर नीचे की ओर टरकने लगीं और जमीन पर जा गिरीं ।

वर्षा के रूप में पानी की बूंदें गैहूं के खेत में आ पड़ी , गैहूं ने कमर झुकाए मुस्कराते हुए कहा , तुम लोगों का स्वागत । पानी की बूंदें , हमें तुम लोगों की बहुत आवश्यकता है ।

टपाटप के साथ पानी की बूंदें सब्जी के बाग मं गिरी । गोभी और मूली ने सिर निकाल कर बोला , पानी की बूंदें , तुम लोगों का स्वागत , हम बहुत प्यासी है ।

टपाटप ---, पानी की बूंदें फुल क्यारी में टपकीं , फुल पौधों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा । वे झुमते झुमते बोले , स्वागत है , स्वागत , तुम लोगों के आने पर हम और अधिक लावण्यी हो जाएंगे ।

टपाटप के साथ पानी की बूंदें तालाब में गिरी । मछली की पुच्छें झुमने लगी और झोंकी उछल गई , मेंढ़क नाचने लगे , सभी ने धीमी आवाज में पूछा, पानी की बूंदें , तुम कहां से आई हो ।

पानी की बूंदों को खुशी भी हुई और ताज्जुब भी आया , उस ने रहस्यामय लहजे में कहा , मैं समुद्र से आयी हूं , कुछ दिनों के बाद मैं फिर समुद्र में लौटूंगी ।