पिशाचः ईस्वर जी, मेरा दूसरा जन्म हो सकता है ?ईस्वरः जरूर, पिशाच । पिशाचः मैं फिर पिशाच बनना नहीं चाहता, मैं परी की भांति श्वेत शरीर और दो पंखों वाला बनना चाहता हूं, फिर मैं खूनखोरी भी नहीं छोड़ना चाहता हूं।
ईश्वरः ---।
तभी से संसार में मच्छर का जन्म हुआ ।