एक दिन, चीन, जापान और अमरीका के एक एक रसोइ चाकू चलाने के हुनर की प्रतियोगिता में भाग ले रहे हैं। मौके पर एक निमायक भी है । प्रतियोगिता मक्खी की पलक को दोहरी बनाने पर है । पहले जापानी रसोई सामने आए, "छा छा"चाकू के दो वार से दो मक्खियों के दो दो टुकड़े हो गए, इस के हुनर पर निमायक ने 80 अंक दिया।
दूसरे नम्बर पर अमरीकी रसोई आया,"छा छा छा छा "चाकू के चार वार से दो मक्खियों के चार पंख दो दो टुकड़े में कट गए । निमायक ने 90 अंक दिया । अंत में चीनी रसोई हुनर दिखाने आया, वार की एक चमक कौंधी , मक्खी उड़ती रही। निमायक ने मक्खी को पकड़ कर जायजा की और चीनी रसोई को 100 अंक दिया ।
जापानी और अमरीकी रसोई इस परिणाम को नहीं मानते , उन्हों ने निमायक से शिकायत की। निमायक ने ऐलान किया कि चीनी रसोई से मक्खी की दोहरी पलकें बनी हैं ।