कार से निकलकर एक सज्जन दवाई की दुकान पर गये और बोले- भैया मुझे होर्ढ अढैक के रोक थाम हेतु दवा से तमाचा सज्जन के गाल पर दे मारा। इस पर सज्जन बोला- भाई साहब मेरा कसूर?
देखो हो गयी हार्ढ अढैक बंद। हार्ढ अदैक बंद करने का ये रामबाण इलाज है। दुकान मालिक ने चहकते हुए कहा।
मगर भाई साहब, हार्ढ अदैक मुझे नहीं मेरी धमपली के हो रही है, जो सामने कार में बैठी है।