श्री हू मीन ने 1979 में जब चीन के पेइचिंग विश्वविद्यालय में हिन्दी भाषा सीखने के लिये प्रवेश लिया तभी से उन का हिन्दी भाषा , हिन्दुस्तानी संस्कृति और भारत के साथ जुड़ाव कायम है । तबसे अब तक 24 साल हो चुके हैं। वर्ष 1984 से उन्हों ने चाइना रेडियो इंटरनेशनल यानी सी आर आई के हिन्दी विभाग में काम करना शुरू किया । जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय यानी जे एन यू में हिन्दी भाषा सीखने के लिए1992 में उन्हें दिल्ली जाने का पहली बार मौका मिला । एक साल बाद वे स्वदेश लौटे और फिर 1996 में एक बार फिर चाइना रेडियो इंटरनेशनल के दिल्ली कार्यालय के चीफ संवाददाता की हैसियत से भारत वापस गये और दिल्ली में कोई अढ़ाई साल तक रहे । वर्ष 2008 के शुरू में वे एक बार फिर सी आर आई कार्यालय के चीफ संवाददाता के रुप में दिल्ली गए । श्री हू मीन हिन्दी और भारतीय संस्कृति के बहुत प्रेमी हैं , उन के ख्याल में उन के कंधे पर यह काम , चीनी जनता और भारतीय जनता के बीच एक पुल का सा काम है । इसलिये वे हमेशा कहते हैं कि हिन्दी का मेरा यह काम , अपने लिए नहीं, पर भारतीय जनता की सेवा करने के लिए ही है ।